आगरा में 81 दिनों से घरने पर बैठी महिला की मौत, प्रशासन की नहीं खुली आंख, मालपुरा के धनौली में 13 अक्टूबर से चल रहा धरना
मलपुरा में लंबे समय से सड़क और नाला निर्माण की मांग को लेकर चल रहे धरने में उनकी की मौत हो गई। महिला की मौत के बाद क्षेत्रीय लोगों में उबाल है। वहीं धरने पर बैठी एक अन्य महिला की तबियत बिगड़ गई है। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लए भेज दिया है। नाले के लिए भूख हड़ताल पर बैठी सवित्री चाहर ने मौत के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है।
आगरा में सड़क और नाला निर्माण की मांग को लेकर धरने पर बैठीं रानी प्रशासन की हठधर्मिता के आगे हार गईं। मलपुरा में लंबे समय से सड़क और नाला निर्माण की मांग को लेकर चल रहे धरने में उनकी की मौत हो गई। महिला की मौत के बाद क्षेत्रीय लोगों में उबाल है। वहीं धरने पर बैठी एक अन्य महिला की तबियत बिगड़ गई है। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लए भेज दिया है। नाले के लिए भूख हड़ताल पर बैठी सवित्री चाहर ने मौत के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है।
मलपुरा के गांव धनौली में पिछले 13 अक्टूबर से ग्रामीण विकास कार्य और नाला निर्माण की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं। ग्रामीण कई बार जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन भी कर चुके हैं। बताया गया कि शनिवार रात को गांव की रहने वाली महिला रानी (65) धरना स्थल पर ही सोई थीं। सुबह लोगों ने उन्हें उठाया तो वो उठी नहीं। इससे लोगों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में डॉक्टर को बुलाया गया। डॉक्टर ने महिला को मृत घोषित कर दिया। महिला की मौत से परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल है। महिला के बेटे विजय ने बताया कि उनका परिवार किराए के घर में रहता है। उनकी मां हर दिन धरने पर आती थीं। रात को वो धरनास्थल पर ही सोती थीं। माना जा रहा है कि ठंड के चलते महिला की मौत हुई है। महिला की मौत के बाद लोगों में प्रशासन के खिलाफ नाराजगी है।
आरसीसी रोड शुरू, नाला नहीं बना : 81 दिन से चल रहे धरने के बाद प्रशासन ने कुछ दिनों पहले आरसीसी रोड का निर्माण शुरू करा दिया था, लेकिन ग्रामीण नाला निर्माण न होने तक धरना खत्म न करने की बात कह रहे थे। इसको लेकर ही महिलाएं धरने पर बैठी थीं। महिला की मौत के बाद प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए हैं। मलपुरा थाना के फोर्स मौके पर पहुंच गया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। वहीं, धरना स्थल पर लोगों का जुटाना शुरू हो गया है। किसान नेता भी पहुंच रहे हैं।
भूसमाधि से लेकर भूख हड़ताल : सिरौली रोड पर नाला निर्माण की मांग को लेकर धरने से पहले भी कई बार आंदोलन हो चुके हैं, लेकिन प्रशासन नाला निर्माण के आश्वासन से आगे नहीं बढ़ सका। सामूहिक मुंडन कराया गया था। इसके बाद क्षेत्रीय विधायक की प्रतीकात्मक अर्थी निकाली गई। एक नवंबर को सावित्री चाहर ने भू समाधि ली थी। इसके बाद प्रशासन की ओर से जल्द मांग पूरा होने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन इसके बाद भी कुछ नहीं हुआ। इसके बाद फिर 85 वर्षीय वृद्धा कीर्ति अम्मा और 56 वर्षीय चौ. प्रेम सिंह ने भूसमाधि ली थी। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने 24 घंटे में नाला निर्माण शुरू कराने का आश्वासन दिया था। फिर भी नाला नहीं बन पाया। उनका कहना है कि ब्लॉक प्रमुख राजू, ब्लॉक डवलपमेंट ऑफिसर, तहसीलदार से लेकर डीएम तक सबने आश्वासन दिया। प्रशासन की ओर से बजट आवंटन न होने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया जाता है।
करीब दो किलोमीटर बनना है नाला : समाजसेवी सावित्री देवी ने बताया कि धनौली से अजीजपुर, प्रभुकुंज, विकास नगर, कंचनपुर, सिरौली, जारूआ कटरा, बमरौली अहीर, बाईपुर, खेड़ा भगौर आदि गांव को लिंक मार्ग है। इस मार्ग पर गंदे पानी की निकासी के लिए नाला नहीं है। गंदा पानी बस्तियों में भर जाता है। करीब दो किमी लंबा नाला बनना है। 15 साल से यह समस्या बनी हुई है। दर्जनों बार नाला निर्माण को लेकर पत्राचार किया जा चुका है। आंदोलन लगातार जारी है। धरने पर अम्मा की जान चली गई। यह सब प्रशासन की लापरवाही और हठधर्मिता के चलते हुआ है।