योगी सरकार 35 जिलों के 90 हजार से ज्यादा किसानों को 30.5 करोड़ रुपए मुआवजा देगी, देखें जिलों की पूरी लिस्ट

राजस्व विभाग ने प्रदेश के 35 जिलों के 90950 किसानों को कृषि निवेश अनुदान देने के लिए 30.54 करोड़ रुपये आवंटित कर दिए गए हैं और जल्द ही किसानों तक मुआवजा पहुंचना शुरू हो जाएगा.

योगी सरकार 35 जिलों के 90 हजार से ज्यादा किसानों को 30.5 करोड़ रुपए मुआवजा देगी, देखें जिलों की पूरी लिस्ट
योगी सरकार बाढ़ से बर्बाद हुई फसलों की भरपाई के लिए 35 जिलों के 90950 किसानों को कृषि निवेश अनुदान के अंतर्गत मुआवजा देने का ऐलान कर दिया है

योगी सरकार बाढ़ से बर्बाद हुई फसलों की भरपाई के लिए 35 जिलों के 90950 किसानों को कृषि निवेश अनुदान के अंतर्गत मुआवजा देने का ऐलान कर दिया है. इन जिलों में किसानों को मुआवजा देने के लिए 30.54 करोड़ रुपये आवंटित भी कर दिए गए हैं. अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि इस संबंध में शासनादेश जारी हो चुका है और जल्द ही बाढ़ से प्रभावित किसानों को साहयता राशि मिलने लगेगी.

अपर मुख्य सचिव राजस्व ने कहा है कि वर्ष 2021-22 में बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुई फसलों से प्रभावित होने वाले किसानों को कृषि निवेश अनुदान के अंतर्गत राहत सहायता प्रदान किया जाएगा. राह आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट पर मंगलवार तक यानी 26 अक्तूबर 2021 तक 4,77,581 प्रभावित किसानों का डाटा फीड किया गया. इसके आधार पर 15928.95496 लाख रुपये किसानों को राहत राशि देने की मांग की गई है. राजस्व विभाग ने प्रदेश के 35 जिलों के 90950 किसानों को कृषि निवेश अनुदान देने के लिए 30.54 करोड़ रुपये आवंटित कर दिए गए हैं और जल्द ही किसानों तक मुआवजा पहुंचना शुरू हो जाएगा.

किन जिलों के किसानों को मिलेगा मुआवजा?

इस लिस्ट के मुताबिक अंबेडकरनगर, अलीगढ़, आजमगढ़, कानपुर देहात, कानपुर शहर, कुशीनगर, खीरी, गाजीपुर, गोंडा, गोरखपुर, चंदौली, चित्रकूट, जालौन, झांसी, देवरिया, पीलीभीत, बलरामपुर, बलिया, बस्ती, बहराइच, बाराबंकी, बिजनौर, मऊ, महराजगंज, महोबा, मीरजापुर, मुरादाबाद, ललितपुर, वाराणसी, श्रावस्ती, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, सीतापुर, सुल्तानपुर व हमीरपुर के डीएम को मुआवजा बांटने के निर्देश दे दिए गए हैं.

आम आदमी पर दर्ज केस होंगे वापस : इससे पहले मंगलवार को राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को प्रदेश की जनता को राहत देते हुए कोरोना अवधि के दौरान आम आदमी के खिलाफ दर्ज तीन लाख से अधिक मामलों की वापसी के आदेश जारी किए हैं. राज्य की योगी सरकार ने कोरोना अवधि में आम लोगों के खिलाफ दर्ज लाखों आपराधिक मामलों को वापस लेने का फैसला करते हुए लोगों को बड़ी राहत दी है. इसको लेकर न्याय विभाग ने मंगलवार को आदेश जारी कर दिया है. हालांकि वर्तमान में या पूर्व सांसद, विधायक, विधान परिषद सदस्यों को राज्य सरकार ने इस फैसले से बाहर रखा है और हाई कोर्ट की अनुमति से ही उनके मामले पर अलग से विचार किया जाएगा.

राज्य के कानून मंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि सभी जिलाधिकारियों से लिखित में कहा गया है कि वे कोविड-19 प्रोटोकॉल और लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के मामलों को वापस लें. इसके बाद अब कोर्ट में दर्ज ऐसे मामलों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. राज्य में ये पहला मौका है जब इतनी बड़ी संख्या में आम लोगों पर दर्ज मामलों को वापस लिया जा रहा है.

न्याय विभाग के प्रमुख सचिव प्रमोद कुमार श्रीवास्तव द्वितीय की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया है कि प्रदेश भर में आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005, महामारी अधिनियम 1897 और आईपीसी की धारा 188 के तहत तीन लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें चार्जशीट दाखिल की गई है. उनकी वापसी की कार्यवाही शुरू की जाए. फिलहाल इस मामले में राज्य सरकार को तीन महीने में कार्रवाई करनी है और रिपोर्ट इलाहाबाद हाई कोर्ट को सौंपनी है. अगर ऐसा नहीं होता है तो संबंधित व्यक्ति को अधिकतम दो साल की सजा के साथ-साथ जुर्माना भी लगाने का प्रावधान है.