सरकारी पैनल प्रमुख से मिली मंजूरी, 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों को पहले लगाई जाएगी Zycov-D वैक्सीन : Corona Vaccine

देश में संभावित कोरोना की तीसरी लहर को लेकर सरकार सजग है l ऐसे में सरकारी सलाहकार समिति राष्ट्रीय प्रतिरक्षण तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) के अनुसार 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को टीकाकरण के लिए प्राथमिकता दी जाएगी l एनटीएजीआई (NTAGI) ने बताया कि बच्चों को भारत बायोटेक के कोवैक्सिन को मंजूरी देने की प्रक्रिया सितंबर के अंत या अक्टूबर तक शुरू हो जाएगी l

सरकारी पैनल प्रमुख से मिली मंजूरी, 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों को पहले लगाई जाएगी Zycov-D वैक्सीन : Corona Vaccine
जाइकोब-डी (Zycov-D) वैक्सीन

देश में संभावित कोरोना की तीसरी लहर को लेकर सरकार सजग है l ऐसे में सरकारी सलाहकार समिति राष्ट्रीय प्रतिरक्षण तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) के अनुसार 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को टीकाकरण के लिए प्राथमिकता दी जाएगी. एनटीएजीआई के प्रमुख एनके अरोड़ा ने बताया कि Zydus Cadila के जाइकोब-डी (Zycov-D) वैक्सीन की कुछ आपूर्ति को किशोरों के लिए अलग रखा जाएगा. इसे पिछले सप्ताह आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण मिला था. फिलहाल युवाओं को वैक्सीन लगाना प्राथमिकता बनी हुई है.

एनटीएजीआई (NTAGI) ने आगे कहा कि बच्चों के लिए भारत बायोटेक के (कोवैक्सिन) Covaxin को मंजूरी देने की प्रक्रिया सितंबर के अंत या अक्टूबर तक शुरू हो जाएगी. अरोड़ा ने कहा वह सितंबर से हर महीने 10 करोड़ कोवैक्सिन खुराक का अनुमान लगा रहे हैं. वहीं, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने शुक्रवार को Zydus Cadila की तीन-खुराक वाली कोरोना वैक्सीन को 12 साल और उससे अधिक उम्र के बच्चों में आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी थी, जिससे देश में उपयोग के लिए छठी ऑथोराइज्ड वैक्सीन के रूप में लाएगा.

66.6 प्रतिशत एफिशियन्सी रेट :  कंपनी ने कहा कि सालाना ZyCoV-D की 100 मिलियन से 120 मिलियन खुराक बनाने की योजना है. वैक्सीन का स्टॉक करना शुरू कर दिया है. अहमदाबाद स्थित जेनेरिक दवा निर्माता, जिसे कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड के रूप में सूचीबद्ध किया गया है, ने एक जुलाई को ZyCoV-D के प्राधिकरण के लिए आवेदन किया, जोकि राष्ट्रव्यापी 28,000 से अधिक स्वयंसेवकों के अंतिम चरण के परीक्षण में 66.6 प्रतिशत की एफिशियन्सी रेट पर आधारित है.

दुनिया की पहली प्लास्मिड DNA वैक्सीन : ZyCoV-D कोरोनावायरस के खिलाफ दुनिया की पहली प्लास्मिड डीएनए वैक्सीन है. यह वायरस से जेनेटिक मटेरियल के एक हिस्से का उपयोग करता है, जोकि विशिष्ट प्रोटीन बनाने के लिए डीएनए या आरएनए के रूप में निर्देश देता है. इसे इम्यून सिस्टम पहचानती है और प्रतिक्रिया करती है. डीसीजीआई पहले चरण में 12 साल और उससे अधिक उम्र के बच्चों के साथ चरणबद्ध तरीके से मंजूरी देगा।. 6 से 12 साल के बच्चों और बाद में 2 से 6 साल के बच्चों के लिए टीके जारी करने की मंजूरी दी जाएगी.