जेल अफसरों में नहीं शासन का कोई खौफ : पैसा फेंको मनमाफिक जेल पर तैनाती पाओ, कमाई के चक्कर में एक ही जेल पर तैनात कर दिए कई सगे संबंधी

विभाग में नियमो को ताक पर रखकर हुई वार्डर की तैनात, कमाई के चक्कर मे प्रदेश के जेल अधिकारियों में शासन व सत्ता का कोई खौफ ही नही रह गया है। विभागीय अधिकारियों ने मोटी रकम लेकर नियम और कानून को ताख पर रखकर भाई, बहन व चाचा को एक ही जेल पर तैनात कर दिया गया

जेल अफसरों में नहीं शासन का कोई खौफ : पैसा फेंको मनमाफिक जेल पर तैनाती पाओ, कमाई के चक्कर में एक ही जेल पर तैनात कर दिए कई सगे संबंधी
वार्डर की तबादलो में जमकर पैसे का खेल हुआ है।

लखनऊ। कमाई के चक्कर मे प्रदेश के जेल अधिकारियों में शासन व सत्ता का कोई खौफ ही नही रह गया है। विभागीय अधिकारियों ने मोटी रकम लेकर नियम और कानून को ताख पर रखकर भाई, बहन व चाचा को एक ही जेल पर तैनात कर दिया गया । यह हाल सिर्फ एक जेल में नही कई जेलों में देखा जा सकता है। ऐसा तब किया गया है जब जेल नियमावली कहती है कि किसी भी सगे संबंधी को एक जेल पर तैनात नही किया जा सकता है। हकीकत यह है कि वार्डर की तबादलो में जमकर पैसे का खेल हुआ है।

रेवड़ी की तरह बटी गाज़ियाबाद व नोएडा

लखनऊ। जेल विभाग के अधिकारियों की महिमा अपरंपार है। इस विभाग में वर्षो से एक जेल पर जमे वार्डर हेड वार्डर हटाये नही जाते, वही एक-डेढ़ साल पहले तैनात हुए वार्डर से मोटी रकम लेकर उन्हें निजी अनुरोध पर गाज़ियाबाद, नोएडा, अलीगढ़, मेरठ जैसी कमाऊ जेलों पर तैनात कर दिया जाता है। जेटीएस में 15 व 14 साल से तैनात श्यामा चरण व राम सिंह को हटाया है नही गया। हेड वार्डर मोती लाल का गृहजनपद उन्नाव है उसको लखनऊ जेटीएस में पोस्ट कर दिया गया। यह तो सिर्फ बानगी है दर्जनों की संख्या में ऐसे कर्मी है जो 15-20 साल से एक ही जगह जमीन हुए है।

विभागीय जानकारों से मिली जानकारी के मुताबिक जेल मैन्युअल के प्रस्तर 1097 में स्पष्ट रूप से लिखा है कि कोई भी सगा संबंधी एक जेल पर नहीं रह सकते है। इस निर्देश के बावजूद जेल अधिकारियो ने सुरक्षाकर्मियों से मोटी रकम वसूल कर कई सगे संबंधियों को एक ही जेल पर तैनात कर दिया। नियमों को दर किनार कर की गई यह तैनातियाँ वार्डर सवर्ग के लोगो मे चर्चा का विषय बना हुआ है। कयास लगाए जा रहे है कि विभाग में पैसा फेंको मनमाफिक जेल पर तैनाती पाओ फार्मूला जोरशोर से चल रहा है।

सूत्रों का कहना है कि जिला जेल क़ानपुर नगर में हेड वार्डर राम नाथ मिश्रा तैनात थे, इसी जेल पर पुत्र अशोक कुमार मिश्रा को तैनात के दिया गया। इसी प्रकार इसी जेल पर तैनात विनोद की बहन शशि के साथ इसके सगे चाचा अजय को भी तैनात कर दिया गया। रायबरेली जेल में वार्डर धीरेन्द्र के भाई सुनील को भी तैनात कर दिया गया। राजधनी की जिला जेल में सुधाकर पहले से तैनात है। इसके सगे भाई पद्माकर को भी सिद्धार्थनगर जेल से लखनऊ जेल पर तैनात कर दिया गया। यह तो बानगी है इस प्रकार अधिकारियों ने मोटी रकम लेकर प्रदेश की कई सगे संबंधियों को एक ही जेल पर तैनात कर दिया गया।

राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
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