एसटीएफ ने एनसीआर क्षेत्र में ट्रकों से मोबाइल चोरी करने वाले गिरोह का किया पर्दाफाश, सरगना सहित पांच गिरफ्तार
इस गैंग के सदस्य लॉजिस्टिक कम्पनी द्वारा प्रयोग की जाने वाली अधिकृत मैग्नेटिक सील को खोलने के लिए एक डिवाईस का प्रयोग करते हैं तथा ट्रक में घुसकर चोरी कर लेते है, उसके पश्चात उसी डिवाईस से ही सील को पुनः लगा देते हैं l....
लखनऊ : एसटीएफ ने एनसीआर क्षेत्र में ट्रकों से मोबाईल फोन चोरी कर उनकी अगरतला, त्रिपुरा के रास्ते बॉग्लादेश में तस्करी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर सरगना समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। मोबाइल की चोरी ट्रक चालक से मिलीभगत कर होती थी। एसटीएफ व नोएडा पुलिस ने इस गिरोह के कब्जे से ओप्पो व रियल-मी कंपनी के चोरी के सौ मोबाईल फोन बरामद किए हैं।
गिरफ्तार अभियुक्तों में राजस्थान निवासी हर्ष बंसल, हाथरस निवासी अनिल कुमार व अंशु, अलीगढ़ निवासी केशव और राजीव उर्फ राजवीर शिमल हैं। एसटीएफ अफसरों के अनुसार इन लोगों को बीती रात नोएडा में ग्रेटर नोएडा जाने वाले मार्ग से पकड़ा गया। एसटीएफके पास पिछले एक अरसे से दिल्ली व एनसीआर क्षेत्र में विभिन्न लॉजिस्टिक सेन्टरों पर माल ढ़ोने वाले ट्रान्सपोर्टरों के यहॉ ड्राईवरों के साथ मिलकर सामान चोरी करने वाले गिरोह के सक्रिय होने के सम्बन्ध में सूचनाऐं प्राप्त हो रही थीं।
यह थी माडस आपरेंडी : एसटीएफ को यह भी पता चला था कि चोरी किये गये मोबाइल व अन्य इलेक्ट्रानिक सामान को अगरतला के रास्ते बंग्लादेश भेजा जा रहा है। गिरफ्तार अभियुक्त अंशु व अनिल कुमार ने पूछताछ में बताया कि वह पेशे से ट्रक चालक हैं। विगत दिनों चोरी करने वाले गिरोह के साथ काम करने लगे। बताया कि जीतू उर्फ जितेन्द्र व अन्य सदस्य ग्रेटर नोएडा के विभिन्न मोबाइल कम्पनियों के ट्रान्सपोर्टर, के पास घूम-घूम कर ड्राइवरों से दोस्ती करता है तथा इन्हीं चालकों के माध्यम से अपने साथियों को ट्रकों पर ड्राईवर रखवा देता है और फिर उनके साथ मिलकर, ट्रको में चोरी की वारदात करते हैं।
मशीन से पैकेज से माल चोरी कर फिर कर देते थे सील : इस गैंग के सदस्य लॉजिस्टिक कम्पनी द्वारा प्रयोग की जाने वाली अधिकृत मैग्नेटिक सील को खोलने के लिए एक डिवाईस का प्रयोग करते हैं तथा ट्रक में घुसकर चोरी कर लेते है, उसके पश्चात उसी डिवाईस से ही सील को पुनः लगा देते हैं, जिससे वेयर हाउस/लॉजिस्टिक कम्पनी को सील खुलने की जानकारी नहीं हो पाती है तथा माल चोरी होने की जानकारी भी देरी से हो पाती है। पूछताछ में आरोपियों ने पूर्व में इस तरीके से की गई कई चोरियों का खुलासा किया।