अलीगढ़ में शराब माफियाओ को भाजपा विधायक का संरक्षण : प्रदेश के बहुचर्चित जहरीली शराब से मौत का मामला

जेल में बंद शराब माफियाओं को मनमाफिक सुविधाएं मुहैया नहीं कराने पर माननीय विधायक ने जेल प्रशासन पर वसूली का आरोप लगाया। यही नही विधायक ने शासन में शिकायत कर जेल प्रशासन के खिलाफ अवैध वसूली को जांच कराए जाने का आदेश तक करा दिया।

अलीगढ़ में शराब माफियाओ को भाजपा विधायक का संरक्षण : प्रदेश के बहुचर्चित जहरीली शराब से मौत का मामला
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी का एक विधायक व पूर्व मंत्री शराब माफियाओ का संरक्षण दाता बन गया

लखनऊ : सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी का एक विधायक व पूर्व मंत्री शराब माफियाओ का संरक्षण दाता बन गया। यह बात सुनने में भले ही अटपटी लगे किन्तु सच साबित हो गयी। जेल में बंद शराब माफियाओं को मनमाफिक सुविधाएं मुहैया नहीं कराने पर माननीय विधायक ने जेल प्रशासन पर वसूली का आरोप लगाया। यही नही विधायक ने शासन में शिकायत कर जेल प्रशासन के खिलाफ अवैध वसूली को जांच कराए जाने का आदेश तक करा दिया। शासन ने डीजी जेल से मामले की जांच कर तीन दिन में रिपोर्ट मांगी है। उधर जेल विभाग के अधिकारी इस मसले पर कुछ भी बोलने से बच रहे है।

अलीगढ़ जनपद में बीते जून माह के प्रथम सप्ताह में जहरीली शराब पीने से करीब सवा सौ से अधिक लोगों की मौत हो गयी थी। अलीगढ़ में हुए प्रदेश के इस  बहुचर्चित शराब काण्ड से सत्ता के गलियारों के साथ आबकारी व पुलिस  विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। हरकत में आये पुलिस प्रशासन ने इस मामले में शराब माफिया ऋषि शर्मा, मुनि शर्मा, अनिल चौधरी, अजय चौधरी उर्फ धर्मेंद्र प्रताप, अर्जुन डागुर, मुख्य आरोपी विपिन यादव समेत करीब दो दर्जन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

सूत्रों का कहना है कि जेल पहुंचे शराब माफियाओ का जेल प्रशासन के अधिकारियों ने सुविधाओ के नाम पर उत्पीड़न शुरू कर दिया। सुविधाओ के नाम पर शराब माफियाओ से मशक्कत के नाम पर मोटी रकम वसूल की गई। शराब माफियाओ का जेल के अंदर हो रहे उत्पीड़न व आर्थिक शोषण की भनक संरक्षण देने वाले स्थानीय विधायक को हो गयी। कोरोना कॉल की वजह से बंदियों की परिजनों से मुलाकात वर्तमान समय जेलों में बंद है। विधायक ने बसपा से सत्तारूढ़ दल में शामिल हुए शराब माफिया से जेल में मुलाकात कराने की सिफारिश की। जेल प्रशासन के इनकार करने पर माननीय विधायक आग बबूला हो गए।

सूत्रों का कहना है कि बीते दिनों शासन में अनुशासन समिति की बैठक हुई। इसमे शासन व जेल प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। सिफारिश नही मानने से आग बबूला विधायक ने जेल प्रशासन के अड़ियल रवैये की शिकायत शासन में बैठे मंत्रियों व आला अफसरों से की। सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक का आरोप था कि अलीगढ़ जेल प्रशासन के अधिकारी बंदियों का अनाप शनाप तरीको से उत्पीड़न व आर्थिक शोषण करने में जुटे हुए है। बंदियों से सुविधा के नाम पर मोटी रकम वसूल की जा रही है। जेल में संचालित कैंटीन से मनमाने दामों पर खानपान की वस्तुएं बेंची जा रही है। शासन ने सत्तारूढ़ दल के विधायक की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच कराए जाने का आदेश जारी कर दिया। अलीगढ़ जेल प्रशासन के उत्पीड़न व आर्थिक शोषण की जांच कारागार विभाग के मुखिया महानिदेशक पुलिस/ महानिरीक्षक जेल आनंद कुमार को सौंपी गई है। शासन ने डीजी जेल से जांच कर तीन दिन में रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। उधर जेल मुख्यालय के अधिकारी इस मामले पर कुछ भी बोलने से बचते नज़र आये।

राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
लखनऊ
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