GVK EMRI कंपनी ने बिना किसी नोटिस के 9000 एंबुलेंस कर्मचारियों को निकाला : बहाली की मांग कर रहे हैं कर्मचारी, कंपनी पर लगाए गंभीर आरोप
जब से इन कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है, तब से लेकर अब तक इन्होंने कई बार कंपनी के अधिकारियों से मिलकर अपनी बात रखनी चाही. लेकिन आरोप है कि GVK EMRI के अधिकारी उनसे नहीं मिलते. प्रदर्शनकारी एंबुलेंस कर्मचारियों ने आज कंपनी के गेट पर ताला लगा दिया. कंपनी का ऑफिस लखनऊ के आशियाना इलाके में है.
serious allegations against the recruiting company : उत्तर प्रदेश 108 और 102 एंबुलेंस के कर्मचारी बहाली की मांग कर रहे हैं, इन एंबुलेंस कर्मचारियों की भर्ती GVK EMRI में हुई थी. ये कंपनी यूपी सरकार को एंबुलेंस के लिए ड्राइवर उपलब्ध कराती है. कोरोना काल में इन ड्राइवर्स ने 108, 102 एंबुलेंस में अपनी सेवाएं दी l लेकिन जैसे ही केस कंट्रोल में हुए तो GVK EMRI कंपनी ने 9000 एंबुलेंस कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया l तब से लेकर अब तक ये लोग बेरोजगार हैं l समय-समय पर ये अपने हक की मांग करते रहते हैं, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई.
एंबुलेंस कर्मचारियों का आरोप है कि GVK EMRI कंपनी ने बिना किसी नोटिस के 9000 लोगों को एक झटके में निकाल दिया. आरोप ये भी है कि GVK EMRI कंपनी एंबुलेंस कर्मचारियों को प्रताड़ित करती है, जब लोग आवाज उठाते हैं, हक की मांग करते हैं तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाता है l एंबुलेंस संघ के प्रवक्ता ने कहा कि पिछले साल सितंबर में इन्होंने अपने हक के लिए हड़ताल की थी, जिसके बाद 9000 लोगों को एक साथ नौकरी से निकाल दिया. इससे आहत होकर 4 कर्मचारियों ने आत्महत्या कर ली थी.
कर्मचारियों ने कंपनी के गेट पर लगाया ताला : जब से इन कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है, तब से लेकर अब तक इन्होंने कई बार कंपनी के अधिकारियों से मिलकर अपनी बात रखनी चाही. लेकिन आरोप है कि GVK EMRI के अधिकारी उनसे नहीं मिलते. प्रदर्शनकारी एंबुलेंस कर्मचारियों ने आज कंपनी के गेट पर ताला लगा दिया. कंपनी का ऑफिस लखनऊ के आशियाना इलाके में है. एंबुलेंस से संघ ने कहा कि अगर 9000 कर्मचारियों को बहाल नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में प्रदेश के सभी एंबुलेंस का चक्का जाम हो सकता है.
एंबुलेंस संघ ने आरोप लगाया कि GVK EMRI कंपनी की सरकारी अधिकारियों से मिलीगभत है, उनका आरोप है कि कंपनी और अधिकारी साठगांठ करके सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगा चुके हैं. प्रदर्शनकारियों ने कंपनी पर जो आरोप लगाए हैं, उसकी जांच होनी चाहिए, साथ ही 9000 एंबुलेंस चालकों का भी समाधान किया जाना चाहिए. शिक्षक भर्ती, अनुदेशक, दारोगा भर्ती, लेखपाल भर्ती के बेरोजगार पहले ही सरकार के खिलाफ आंदोलित हैं, इन सभी को अगर समय पर नहीं सुना गया तो चुनाव में बीजेपी का नुकसान भी हो सकता है.