जेल विभाग में नहीं हटाये गए कमाऊ पटल पर जमें बाबू,जेल मुख्यालय बाबुओं पर लागू नहीं हुई तबादला नीति, अधीक्षक, जेलर व डिप्टी जेलर तो बदले, नही हटाये गए बाबू
जेल विभाग
लखनऊ। कारागार विभाग में अधिकारियों के तबादले तो हुए किन्तु जेल मुख्यालय में वर्षो से कमाऊ सीटों पर जमे बाबुओं के पटल नही बदले गए। इसको लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे है। चर्चा है कि शासन की स्थानांतरण नीति बाबू संवर्ग पर लागू नही हुई। नीति लागू नही होने से बड़ी संख्या में दर्जनों बाबू कमाऊ सीटों पर जमे हुए है। चर्चा है कि जुगाड़ व धनबल की वजह से विभाग के आला अफसर इन बाबुओ को हटा नही पाए।
शासन की स्थानांतरण नीति आने के बाद से जेल विभाग में दर्जनों वरिष्ठ अधीक्षक, अधीक्षक, जेलर, डिप्टी जेलर के तबादले किये। मिली जानकारी के मुताबिक जुलाई के प्रथम सप्ताह के दौरान जेल विभाग में करीब दो दर्जन अधीक्षक के तंबादले कर दिए गए। इसके अलावा करीब एक दर्जन ड्यूटी पर लगाये गए जेलरों को उन्ही जेलो में समायोजित करने के साथ एक दर्जन जेलर व पांच दर्जन डिप्टी जेलर के तबादले किये गए। जेल मुख्यालय के मुखिया डीजी जेल ने इस बार पश्चिम की कमाऊ जेलो पर वर्षो से जमे अधिकारियों को पूरब की जेलो में स्थानांतरित करके नई पहल की। इससे अधिकारी काफी उत्साहित है। सरकार की स्थानांतरण नीति मुख्यालय के बाबुओं पर लागू नही हुई। जेल मुख्यालय में वर्षों से एक ही पटल पर जमें किसी भी बाबू को हटाया नही गया। यह मामला विभागीय कर्मियों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसको लेकर तमाम तरह की अटकले लगाई जा रही है।
सूत्र बताते है जेल मुख्यालय मे अनिल कुमार वर्मा कई वर्षों से डीआईजी, वरिष्ठ अधीक्षक व अधीक्षक के कमाऊ पटल पर जमे है। इसी प्रकार आरएन त्रिपाठी गोपनीय अधिष्ठान (राजपत्रित व अराजपत्रित ) के साथ विधिक व उपकारापाल पटल पर है। रेनू निगम बंदीरक्षक, तकनीकी व जेलर अधिष्ठान, रुद्र कुमार श्रीवास्तव कई कमाऊ पटल की जिम्मेदारी काफी समय से है। इसके अलावा शिवांशु गुप्ता बंदीरक्षक व डिप्टी जेलर पटल, अमिताभ मुखर्जी विधि/बजट के साथ राजपत्रित व बंदीरक्षक अधिष्ठान पटल पर वर्षो से जमे हुए है। मुख्यालय के साथ साथ जेल परिक्षेत्र व जेल कार्यालयों पर भी कई बाबू वर्षो से डेरा जमाए हुए है। आगरा जेल परिक्षेत्र कार्यालय पर रंजना कमलेश पिछले करीब 15 साल से तैनात है। इसके साथ ही मेरठ परिक्षेत्र कार्यालय में अरविंद श्रीवास्तव कब्जा जमाए हुए है। मथुरा जेल पर बंदियों को दिए जाने वाली रोटियां सुखाकर बेचें जाने को लेकर चर्चित बाबू चूड़ामणि तिवारी करीब 12 साल से जमा हुआ है। इन बाबुओं के लंबे समय से एक ही स्थान पर जमे होने की वजह से जारी होने वाले आदेशो की जानकारी जारी होने से पहले अधिकारियों के पास पहुच जाती है।
राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
लखनऊ
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