लखनऊ : A 960 सेक्टर-आई, प्राचीन काबर कुआँ मंदिर, आशियाना में बड़े मंगल पर बजरंगबली का भंडारा संपन्न हुआ
कहते हैं कि दुनिया रचने वाले को भगवान कहते हैं, संकट हरने वाले को हनुमान कहते हैं l ….हमारे प्रत्यक्ष देवताओं में हनुमान जी हैं। हनुमान जी स्वयं सबसे बड़े भक्त हैं और अपने भक्तों को भी भगवान मान उनकी हर मनौती पूरी करते हैं। राजधानी में बड़ा मंगल बहुत ही खास अंदाज में मनाया जाता है। भोर से लेकर देर रात तक मंदिरों में भीड़ उमड़ती है। मंदिरों के बाहर मेले सा नजारा रहता है।
लखनऊ A960 सेक्टर-आई, काबर कुंआ मंदिर के पास आशियाना, लखनऊ में बजरंगबली का भंडारा हुआ l बजरंगबली को भोग लगाने के बाद प्रसाद में बूंदी, केला, आम, आइसक्रीम, लीची, पूड़ी सब्जी, शरबत और मिनरल वाटर का सभी भक्तों को वितरण किया गया l
भंडारे में सुरेश सिंह वरिष्ठ उप सम्पादक /दैनिक जागरण, विपिन कुमार शर्मा प्रधान सम्पादक / इण्डियन हेल्पलाइन न्यूज, सत्य प्रकाश सिंह डायरेक्टर / श्री बाला जी कंस्ट्रक्शन रेलवे एप्रूव्ड, मुक्तिनाथ सिंह डायरेक्टर/मेसर्स प्रदीप कुमार रेलवे एप्रूव्ड, कृष्ण प्रताप शुक्ला उर्फ़ ननके महाराज, आनंद किशोर तिवारी डायरेक्टर/आरडीएसओ, अनिल कुमार श्रीवास्तव रिटायर्ड अधिशासी अभियंता/बीएसएनएल, जुगुल किशोर निगम सीजीएम/ रिटायर्ड बीएसएनएल, अनुज शुक्ला, श्रीमती रूपा चक्रवर्ती, शेषमणि त्रिवेदी शिखर, श्री आई के शुक्ला, शुभम सिंह, एमबी सिंह, विनय कुमार सिंह, अमरनाथ सिंह पटना, नीरज बाजपेई, कौशलेन्द्र दिवेदी सभासद, निर्मला सिंह सभासद, डाक्टर राम कुमार ( संचालक मंगल मान ग्रुप ),आईसी शुक्ला (एसबीआई), इंस्पेक्टर वीरेंद्र कुमार सिंह आदि मौके पर मौजूद रहे l इन सभी ने मिलकर प्रसाद वितरित किया l |
पहले जहां भंडारे के प्रसाद के तौर पर गुड़धनिया, चना, बताशे, बेसन के लड्डू, बूंदी और शर्बत ही बंटता था। वहीं, धीरे-धीरे भंडारे में पूड़ी और आलू की सब्जी भी बांटी जाने लगी। अब भंडारे का स्वाद पूड़ी और आलू की सब्जी पर नहीं रुकता। कहीं कहीं तहरी, कढ़ीचावल, मटरपनीर की सब्जी, कुलचा और छोलाचावल मिलता, हलवा और मिष्ठान भी साथ होता।
कुछ जगहों पर मूंग का हलवा, फ्रूट चाट, जूस, रू हअफजा, कचौड़ी और समोसा भी मिलता। आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक और चाऊमीन आदि भी भंडारे का प्रसाद हो गए हैं। सैंडविच, खस्ता, चुस्की, जूस और छोलाभटूरा के लिए तो कतार लगती।
लखनऊ बस इसी धर्म को निभाता है : आप बड़ा मंगल पर लखनऊ में महसूस कर सकते हैं कि यहां दानी और याचक में कोई भेद नहीं है। कणकण में ईश्वर है, देने वाला भी वही है और लेने वाला भी। सबसे बड़ा मानव धर्म है कि कोई भूखा न सोए, कोई प्यासा न रहे l