तालिबान पर वेट एंड वॉच की स्थिति में भारत, अधिकारियों के संपर्क में PM मोदी, प्रधानमंत्री आवास पर CCS की बैठक
अफगानिस्तान के हालातों पर भारत सरकार की नजर बनी हुई है। भारत अभी वेट एंड वॉच की स्थिति में रहेगा और तालिबान पर नजर रखेगा। वहीं प्रधानमंत्री मोदी भी हालातों पर नजर बनाए हुए हैं।
नई दिल्ली : अफगानिस्तान में तालिबान के नियंत्रण के बाद हर किसी की निगाह इस पर है कि अब बड़े-बड़े देश क्या रुख अपनाते हैं। भारत पर भी लोगों की नजर हैं कि आखिर पड़ोसी मुल्क में आतंकी संगठन के हाथ में सत्ता आने पर भारत सरकार कैसे प्रतिक्रिया देती है। न्यूज एजेंसी ANI के सूत्रों के अनुसार, भारत इंतजार करेगा और देखेगा कि सरकार का गठन कितना समावेशी होगा और तालिबान कैसे आचरण करेगा। भारत यह भी देखेगा कि अन्य लोकतंत्र तालिबान शासन पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं।
मुख्य बातें
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफगानिस्तान के हालात CCS बैठक की अध्यक्षता की
- प्रधानमंत्री मोदी ने अफगानिस्तान से सभी भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया
- मोदी ने भारत आने के इच्छुक सिख, हिंदू अल्पसंख्यकों को शरण देने के लिए कहा
वहीं स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार अधिकारियों के संपर्क में हैं। वह कल देर रात तक स्थिति का जायजा ले रहे थे और फ्लाइट के उड़ान भरने पर उन्हें अपडेट किया गया। उन्होंने निर्देश दिए कि जामनगर लौटने वाले सभी लोगों के लिए भोजन उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाए। अफगानिस्तान के हालात प्रधानमंत्री पर CCS की बैठक हो रही है। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और NSA अजित डोभाल मौजूद हैं। भारतीयों को वहां से निकालने की रणनीति पर चर्चा हो रही है।
सुरक्षा को लेकर चिंताएं हैं क्योंकि अफगानिस्तान इस्लामिक आतंकवाद का पहला केंद्र बन सकता है, जिसके पास एक राज्य है। जिसके पास एक राज्य है। उनके पास उन सभी हथियारों तक पहुंच है जो अमेरिकियों ने आपूर्ति की है और 3 लाख से अधिक अफगान सेना के जवानों के हथियार भी हैं।
कश्मीर में सुरक्षा चौकसी बढ़ाई जाएगी लेकिन चीजें नियंत्रण में हैं और अफगानिस्तान में पाकिस्तान स्थित समूहों के पास स्थिति का उपयोग करने की क्षमता बहुत कम है। तालिबान ने कश्मीर पर अपना रुख स्पष्ट किया है। वह इसे एक द्विपक्षीय, आंतरिक मुद्दा मानता है; उनका फोकस कश्मीर पर नहीं है।
India will also watch how other democracies react to the Taliban regime: Sources#Afghanistan
— ANI (@ANI) August 17, 2021
— ANI (@ANI) August 17, 2021
There will be increased security vigil in Kashmir but things are in control and Pakistan based groups in #Afghanistan have little capacity to use the situation: Sources
— ANI (@ANI) August 17, 2021
Taliban has clarified its position on Kashmir. It regards it as a bilateral, internal issue; their focus is unlikely on Kashmir: Sources
— ANI (@ANI) August 17, 2021
पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई तालिबान को प्रभावित करने की कोशिश करेगी। हालांकि, इसका बहुत सीमित प्रभाव होगा क्योंकि तालिबान ने ताकत की स्थिति में सत्ता हासिल कर ली है। आईएसआई केवल कमजोर तालिबान को ही प्रभावित कर सकता है लेकिन वर्तमान स्थिति में इसकी संभावना कम ही दिखती है। अतीत में अफगानिस्तान में पाकिस्तानी संगठनों के शिविर थे। इसलिए हमें जम्मू-कश्मीर में सावधान रहना होगा। सूत्रों से ये भी जानकारी मिली है कि लश्कर-ए-तैयबा और लश्कर-ए-झांगवी जैसे पाकिस्तान स्थित समूहों की अफगानिस्तान में कुछ उपस्थिति है, उन्होंने तालिबान के साथ कुछ गांवों और काबुल के कुछ हिस्सों में चेक पोस्ट बनाए हैं।