जिला प्रशासन की जेल पर छापेमारी के बाद हुई कार्यवाही, बलिया जेल अधीक्षक-जेलर समेत कई निलंबित, लाल रत्नाकर सिंह नए अधीक्षक व राजेन्द्र सिंह जेलर बने

जिला प्रशासन की रिपोर्ट के बाद शासन ने जेल अधीक्षक, जेलर, डिप्टी जेलर समेत कई सुरक्षाकर्मियों को निलंबित कर दिया।

जिला प्रशासन की जेल पर छापेमारी के बाद हुई कार्यवाही, बलिया जेल अधीक्षक-जेलर समेत कई निलंबित, लाल रत्नाकर सिंह नए अधीक्षक व राजेन्द्र सिंह जेलर बने
बलिया जिला जेल में जिला प्रशासन की छापेमारी

लखनऊ। बलिया जिला जेल में जिला प्रशासन की छापेमारी के बाद मोबाइल फोन की बरामदगी के बाद शासन ने बड़ी कार्यवाही की है। जिला प्रशासन की रिपोर्ट के बाद शासन ने जेल अधीक्षक, जेलर, डिप्टी जेलर समेत कई सुरक्षाकर्मियों को निलंबित कर दिया। कार्यवाही के बाद शासन ने बिजनौर में तैनात लाल रत्नाकर सिंह को बलिया जेल का नया अधीक्षक व आजमगढ़ में तैनात जेलर राजेन्द्र कुमार को जेलर नियुक्त किया गया है। 

मिली जानकारी के मुताबिक बीते दिनों बलिया ज़िला प्रशासन की टीम ने डीएम के नेतृत्व में छापामार सघन तलाशी कराई थी। इस तलाशी अभियान में जिला प्रशासन को मोबाइल फ़ोन समेत भारी मात्रा में अनाधिकृत वस्तुए बरामद हुई थी। सूत्रों का कहना है कि इस दौरान जेल प्रशासन व जिला प्रशासन के दौरान काफी नोकझोंक भी हुई। जेल प्रशासन का कहना था कि समय समय पर तलाशी करवाकर आपत्तिजनक वस्तुएं बरामद की जाती रही है। जबकि जिला प्रशासन ने इसे जेल प्रशासन की साठ गांठ बताया था। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने जेल में अवैध वस्तुओ के लिए जेल अधिकारियों को दोषी ठहराया था।

सूत्रों का कहना है कि जिला प्रशासन की बलिया जेल में कई की छापेमारी की गोपनीय रिपोर्ट शासन को भेजी। इस रिपोर्ट पर हरकत में आये शासन ने आनन फानन में बलिया जेल अधीक्षक यू पी मिश्रा, जेलर अंजनी गुप्ता को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। इनके स्थान पर बिजनौर के अधीक्षक लाल रत्नाकर सिंह व आजमगढ़ में तैनात जेलर राजेन्द्र कुमार को बलिया जेल का अधीक्षक व जेलर नियुक्त किया गया है। सूत्रों की माने इस मामले एम अभी कई अधिकारियों व सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ कार्यवाही की जा सकती है। उधर जेल मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बलिया जेल अधीक्षक व जेलर को निलंबित किये जाने व नई तैनाती किये जाने की पुष्टि की है।

राष्ट्रपति पदकधारकों की फिर नही हुई तैनाती 

लखनऊ। बलिया जेल अधीक्षक व जेलर के निलंबन के बाद एक बार फिर सामान्य अधिकारियों को तैनात कर दिया। यह मामला विभागीय अधिकारियों में चर्चा का विषय बना हुआ है। कयास लगाए जा रहे की प्रदेश की अतिसंवेदनशील जेलों पर राष्ट्रपति पदक प्राप्त अधिकारियों की तैनाती की जानी चाहिए। हकीकत यह है कि जुगाड़ व धनबल के सहारे पदक पाने वाले अधिकांश अधिकारी कमाऊ जेलों पर तैनात किए गए है।

राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
लखनऊ
मोबाइल न. 7398265003