एक्सपोर्ट के लिए उठाई चीनी मार्केट में बेंचकर लगाया करोड़ों का चूना : चीनी मिलों को भुगतान के लिए संघ को दिए गए चेक हुए बाउंस

नहीं एक्सपोर्ट के नाम पर उठाई गई चीनी के भुगतान के लिए नियमों को ताक पर रखकर जो पोस्ट डेटेड चेक दिए वह भी बाउंस हो गए। फर्म के इस कारनामें से चीनी मिलों को करोड़ों का चुना लगा दिया। इस मामले में अपर मुख्य सचिव गन्ना विकास एवं चीनी ने प्राथमिकी तो दर्ज कराने का निर्देश दिया किंतु चीनी मिल संघ के चेक लेने के दोषी अफसरों के खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

एक्सपोर्ट के लिए उठाई चीनी मार्केट में बेंचकर लगाया करोड़ों का चूना : चीनी मिलों को भुगतान के लिए संघ को दिए गए चेक हुए बाउंस
चीनी मिलें

मुख्य बातें

  • एक्सपोर्ट के लिए उठाई चीनी मार्केट में बेंचकर लगाया करोड़ों का चूना!
  • चीनी मिलों को भुगतान के लिए संघ को दिए गए चेक हुए बाउंस
  • एफआईआर दर्ज पर संघ के चेक लेने वाले दोषी अफसरों पर नही हुई कोई कार्रवाई

लखनऊ। चीनी मिलों से एक्सपोर्ट के लिए उठाई गई चीनी को स्थानीय मार्केट में बेंच दिया गया। यह बात सुनने में भले ही अटपटी लगे किंतु सच है। यही नहीं एक्सपोर्ट के नाम पर उठाई गई चीनी के भुगतान के लिए नियमों को ताक पर रखकर जो पोस्ट डेटेड चेक दिए वह भी बाउंस हो गए। फर्म के इस कारनामें से चीनी मिलों को करोड़ों का चुना लगा दिया। इस मामले में अपर मुख्य सचिव गन्ना विकास एवं चीनी ने प्राथमिकी तो दर्ज कराने का निर्देश दिया किंतु चीनी मिल संघ के चेक लेने के दोषी अफसरों के खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

मामला वर्ष 2020-2021 का है। इस वित्तिय वर्ष में चीनी एक्सपोर्ट के लिए टेंडर प्रक्रिया हुई। इस प्रक्रिया में मेर्सस वेंकटेश्वर ग्लोबल प्राइवेट को ठेका दिया गया। विभागीय जानकारों के मुताबिक चीनी एक्सपोर्ट का ठेका लेने वाली फर्म ने चीनी मिल गजरौला, सिमीखेड़ा, तिलहर, नानपारा और सम्पूर्णानगर से चीनी का उठान किया। सूत्रों का कहना है कि फर्म ने चीनी को एक्सपोर्ट करने के बजाए मिलों से उठाई गई चीनी को स्थानीय मार्केट में बेंच दिया। बताया गया है कि उठाई गई चीनी का भुगतान नियमानुसार आरटीजीएस या फिर बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से किए जाने की व्यवस्था है। फर्म ने चीनी भुगतान के लिए संघ को पोस्ट डेटेड चेक दिया। भुगतान के लिए संघ के लिए दिये गये चेक बाउंस हो गया।

सूत्रों का कहना है कि चीनी एक्सपोर्ट के इस मामले की जानकारी होने पर अपर मुख्य सचिव गन्ना विकास एवं चीनी ने फर्म के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया। किं तु चीनी मिल सरकारी संघ के दोषी अफसरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। चीनी एक्सपोर्ट में हुए गोलमाल के समय तैनात निवर्तमान एमडी विमल दुबे, प्रधान प्रबंधक हर्षवर्धन कौशिक, अतुल खन्ना समेत कई जिम्मेदार अफसरों में कई रिटायर हो गए तो कई अन्यत्र स्थानांतरित कर दिए गए।। इस सम्बंध में जब संघ के प्रबंध निदेशक रमाकांत पांडेय ने बताया कि इस मामले में शासन व पुलिस स्तर पर कार्रवाई हो रही है। उन्होंने बताया कि शासन ने इस मामले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी गई है।

एक्सपोर्ट में हुए गोलमाल की ईओडब्ल्यू की जांच जारी : एक्सपोर्ट के इस मामले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी गई। करीब दो साल पहले सौंपी गई ईओडब्ल्यू की जांच अभी जारी है। इस जांच में कार्रवाई करना तो दूर की बात अभी तक किसी से पूछताछ तक नहीं की गई। जांच के बाद दोषी फर्म और संघ के अधिकारियों पर कब तक कार्रवाई होगी। इसको लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। यह मामला संघ के अधिकारियों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसको लेकर तमाम तरह की अटकले लगाई जा रही हैं।

राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
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