कानपुर में नकली IPS-IAS बन रौब गांठने वाला गिरफ्तार:चालान छुड़वाने के लिए DCP ट्रैफिक पर बनाया था दबाव, बुके देने का झांसा देकर दबोचा गया
फर्जी IPS-IAS तो कभी रॉ अधिकारी बनकर रौब गांठने वाले सरकारी शिक्षक को नौबस्ता पुलिस और क्राइम ब्रांच ने गुरुवार को गिरफ्तार किया है। शिक्षक ने DCP ट्रैफिक को चालान कैंसिल करने के लिए IPS अफसर बनकर फोन किया था।
कानपुर में फर्जी IPS-IAS तो कभी रॉ अधिकारी बनकर रौब गांठने वाले सरकारी शिक्षक को नौबस्ता पुलिस और क्राइम ब्रांच ने गुरुवार को गिरफ्तार किया है। शिक्षक ने DCP ट्रैफिक को चालान कैंसिल करने के लिए IPS अफसर बनकर फोन किया था। बातचीत में जब वह अपना बैच तक नहीं बता सका तो DCP ट्रैफिक बीबीजीटीएस मूर्ति को संदेह हुआ। इसके बाद उन्होंने क्राइम ब्रांच को इसकी सूचना देकर गिरफ्तार करवा लिया। उसके पास से फर्जी ID भी बरामद हुआ है। नौबस्ता थाने में FIR दर्ज करके शिक्षक को जेल भेज दिया गया है।
DCP से बोला आरोपी- पैर में गोली लगी है वरना मिलने जरूर आता : गिरफ्तार फर्जी IPS की पहचान शंकराचार्य नगर नौबस्ता निवासी आशुतोष त्रिपाठी के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि 16 अगस्त को DCP ट्रैफिक को फोन करके कहा कि मैं IPS बोल रहा हूं...। मेरे मिलने वाले का चालान हो गया है, उसे निरस्त कर दीजिए। इस पर DCP ट्रैफिक ने उसके बारे में पूछा कि आप कौन से बैच के IPS हैं...? तो वह स्प्ष्ट नहीं बता सका। इससे उन्हें संदेह हुआ तो कहा कि अगर हो सके तो ऑफिस आ जाइए या फिर किसी को भेज दीजिए। शातिर आशुतोष त्रिपाठी ने बताया कि एक ऑपरेशन के दौरान उनके पैर में 1.5 MM की गोली लगी है। नहीं तो मिलने जरूर आता। जब DCP ट्रैफिक ने गोली लगने के बारे में पूछा तो वह फिर टाल गया। इस पर उनका संदेह विश्वास में बदल गया।
क्राइम ब्रांच ने बुके देने का झांसा देकर दबोचा : DCP ने तत्काल प्लान बनाया। आरोपी फर्जी IPS से कहा कि उन्हें गोली लगी है, इसलिए वह एक बुके भेजना चाहते हैं। इसके बाद क्राइम ब्रांच की मदद से शातिर आशुतोष के घर पर दबिश देकर दबोच लिया गया। पूछताछ में पता चला कि वह किदवई नगर में घनश्याम दास शिवकुमार सीनियर सेकेंडरी स्कूल में सरकारी शिक्षक है। नौबस्ता थाने में उसके खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज (आई कार्ड) समेत अन्य धाराओं में FIR दर्ज करके जेल भेज दिया गया।
चाचा का दत्तक पुत्र बनकर हासिल की थी सरकारी नौकरी : फर्जी IPS बनकर रौब जमाने वाला शातिर पहले भी कई फर्जीवाड़े कर चुका है। इससे पहले भी अपने चाचा की तरफ से गोदनामा करवाकर उनकी जगह नौकरी हासिल कर ली थी। मौजूदा समय में वह किदवई नगर के घनश्याम दास शिवकुमार सीनियर सेकेंडरी स्कूल अंग्रेजी का शिक्षक है। स्कूल के प्रिंसिपल बृजभूषण मिश्रा ने बताया कि मारवाड़ी इंटर कॉलेज में आरोपी का चाचा शिक्षक था। उनके निधन के बाद खुद को उनका गोद लिया हुआ पुत्र दिखाकर, 2016 में आशुतोष ने मृतक आश्रित कोटे से कॉलेज में शिक्षक के पद पर नियुक्ति हासिल की थी।
साथी शिक्षक पर रौब गांठकर हड़प लिए 3 लाख रुपए : आरोपी ने स्कूल में साथी शिक्षक सौरभ सोनी को झांसा देकर तीन लाख रुपए उधार लिए थे। लौटाने की बात पर आनाकानी करने लगा। सौरभ को भी धमकाया कि शिक्षक होने के साथ ही मेरी गृह मंत्रालय और DGP दफ्तर समेत कई जगह पकड़ है। तुम्हें फर्जी मामले में फंसाकर जेल भिजवा दूंगा। इसके बाद सौरभ भी रुपए मांगने की बजाए आशुतोष से खौफ खाने लगे थे।
2014 में रॉ एजेंट बनकर पहुंचा था थाने, गृह मंत्रालय का फर्जी आईकार्ड भी हुआ बरामद : 2014 में शातिर रॉ एजेंट बनकर कोतवाली थाने पैरवी करने पहुंच गया था। संदेह होने पर जांच पड़ताल हुई तो उसे पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेजा था। इसके अन्य मुकदमों की भी जानकारी के लिए जांच की जा रही है। तलाशी के दौरान इसके पास से मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स में टेक्निकल डायरेक्टर के पद का आईकार्ड बरामद हुआ है। वह कभी IAS तो कभी IPS अफसर बनकर लोगों से ठगी और रौब गांठता था।