पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बुखार का प्रकोप : मथुरा में 11, फिरोजाबाद में 56 बच्चों की मौत, मथुरा में पलायन करने के लिए मजबूर हुए ग्रामीण

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद और मथुरा में बच्चों पर इन दिनों बुखार का कहर टूटा हुआ है l स्वास्थ्य विभाग की जांच में कई गांवों में डेंगू, मलेरिया और जापानी बुखार के सैंपल मिले हैं l वहीं कई ग्रामीण अपने बच्चों की जान बचाने के लिए पलायन करने को मजबूर हैं.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बुखार का प्रकोप : मथुरा में 11, फिरोजाबाद में 56 बच्चों की मौत, मथुरा में पलायन करने के लिए मजबूर हुए ग्रामीण
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बुखार का कहर

फिरोजाबाद में डेंगू बुखार का प्रकोप इतना है कि लगातार बच्चे भर्ती हो रही हैं l अब मृत्यु का आंकड़ा 56 के पार हो गया है. भर्ती मरीजों की बात करें इस समय मेडिकल कॉलेज के समस्त सैया वार्ड में 238 मरीज भर्ती हैं l लेकिन स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि अब बच्चों के लिए ना तो वार्ड में जगह है और ना कोई बेड (Bed in Hospital) खाली है.

वार्ड के बाहर दल्लान में बनी पत्थर की बेंच की जमीन पर बच्चों को लिटा कर बोतल चढ़ाई जा रही है. यहां इतना अंधेरा है कि मोबाइल की टॉर्च में इंटरफेयर बच्चों के हाथ में लगाई जा रही है. इस बारे में बच्चे के पिता से बात का तो उनका कहना था कि वार्ड में कोई जगह नहीं इसलिए, यहां लिटा दिया है.

मथुरा में पलायन को मजबूर हुए ग्रामीण : वहीं मथुरा के कोह गांव के ग्रामीण अपने बच्चों को लेकर पलायन करने को मजबूर हैं. जानकारी के अनुसार यहां आधा दर्जन परिवार यहां से अपने बच्चों को लेकर पलायन क चुके हैं. वहीं जिले में बैठे स्वास्थ्य अधिकारियों को ग्रामीणों के पलायन करने की जानकारी नहीं है. मुख्यमंत्री के सीधे संज्ञान लेने पर भी स्वास्थ्य विभाग की नींद नहीं खुली है. इसके चलते सीएमओ के खिलाफ ग्रामीणों में भारी गुस्सा है.

मथुरा में महामारी का कहर रुकने का नाम नहीं ले रहा है जबकि अभी तक जनपद में 11 बच्चों सहित 13 लोगों की जिंदगी को ये महामारी निगल चुकी है. वही सैकड़ों लोग अब दहशत के साए में अपना जीवन काट रहे है. फरह के कौंह गांव मे 50 से 60 परिवार ऐसे भी है जोकि गांव में फैली महामारी के कारण गांव से अन्य कहीं और के लिए अपने घरों पर ताला लगाकर पलायन कर चुके है. हांलाकि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग अबतक गांव के पानी के साथ लोगों की जांच करवा कर यही पता लगा पाया है कि गांव में डेंगू और मलेरिया के साथ कुछ अन्य बीमारी के लक्षण भी मिल रहे है. लेकिन जिस तरह से इलाज किया जा रहा है, उससे ग्रामीणों को कोई ज्यादा लाभ होता नही दिख रहा. जबकि गांव में दिल्ली और लखनऊ की टीमें भी कैंप करके पता लगा रही है कि आखिर गांव में फैली महामारी की वजह क्या है?

कौंह गांव में 10 की मौत : एक तरफ जहां फरह के कौंह गांव मे 10 बच्चों की जिंदगी बीमारी की वजह से काल के गर्भ में समा गई. वहीं मौतों का आकंड़ा 7 से बढ़कर 13 तक पहुंच चुका है. फरह के 4 ,गोवर्धन के 2 और मथुरा ब्लॉक के 2 गांव के लोग इस बीमारी की चपेट में आने से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. मौतों के लगातार बढ़ रहे मामलों से ग्रामीण दहशत में है. उधर प्रसाशन ने गांव में भी अस्थायी अस्पताल बनवा दिए है और बीमार लोगों का आगरा ,जिला अस्पताल मथुरा और वृन्दावन में इलाज चल रहा है.

फरह क्षेत्र में 10 लोग और 3 लोगों की मथुरा ब्लॉक के गांव में हुई मौत के बाद अब देखना होगा कि स्वास्थ्य विभाग की टीम महामारी पर कब तक काबू कर पाती है या फिर मौतों का सिलसिला जारी रहकर तीसरी लहर को प्रभावी बनाएगा.

बुखार की चपेट में 8 गांव : मथुरा जिले में तेजी से महामारी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. सैकड़ों लोग बीमार हैं, अब 8 गांव पूरी तरह महामारी की चपेट में है. अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है. 700 से अधिक सैंपल जांच के लिए लैब भेजे गए हैं. लोगों में स्क्रब टाइफस संक्रमित चिगर्स ,डेंगू ,जापानी बुखार और मलेरिया के लक्षण मिले हैं.

मथुरा जिले में धीरे-धीरे महामारी का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. अब महामारी ने 3 ब्लाक फरह ,मथुरा गोवर्धन के 8 गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है. जिले के कोह, पिपरोठ मलिकपुर, मिर्जापुर, सकरबा ,जचोन्दा ,जुनसिटी ,और गोकुलपुर महामारी की चपेट में आ गए हैं. वही जानकारी देते हुए नोडल प्रभारी डॉक्टर भूदेव सिंह ने बताया कि 8 गांवो में महामारी फैली है. सैकड़ों मरीज मथुरा, आगरा के अस्पतालों में अपना इलाज करा रहे हैं. अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है.

स्क्रब टाइफस- डेंगू- जापानी बुखार के मिले सैंपल : अब तक डेंगू के 40 , स्क्रब टाइफस के 29 ,जापानी बुखार का 1 मरीज ओर कई लोगों में मलेरिया के लक्षण मिले हैं. अब तक स्वास्थ्य विभाग ने 8 गांवों से 700 से अधिक लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए लैब भेज दिया है.

वहीं स्वास्थ्य विभाग की तरफ से लगातार महामारी की चपेट में आए गांवों में साफ सफाई , फागिंग कराई जा रही है और वहां पर छिड़काव भी किया जा रहा है. साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम थर्मल स्कैनिंग और सैंपलिंग करने में जुटी है. मेडिकल कैंप भी लोगों के उपचार के लिए लगाए गए हैं. वहीं फरह इलाके में 4 बेड का अस्पताल भी बनाया गया है. लोगों को बीमारियों के बचाव के लिए जागरूक भी किया जा रहा है.

केंद्र और राज्य सरकार की स्वास्थ्य विभाग की टीम भी महामारी ग्रस्त इलाकों का दौरा कर चुकी हैं. उन्हीं के निर्देशन पर जापानी बुखार स्क्रब टाइफस के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए थे. जिसके बाद लोगों में बीमारी की पुष्टि भी हुई.