कट्टन मिलने पर निलंबित हो रहे जेल अफसर

आईपीएस डीआईजी तैनात होने से चौकाने वाली हो रही कार्यवाही जेल के अंदर प्याज, टमाटर, खीरा, ककड़ी बिकवाने वाले अफसर जिम्मेदार

कट्टन मिलने पर निलंबित हो रहे जेल अफसर
कट्टन पर निलंबित जेल अफसर

लखनऊ। प्रदेश की जेल में कट्टन मिलने पर अधिकारी निलंबित किए जा रहे हैं। ऐसा तब किया जा रहा जब जेल के अंदर जेल अधिकारी खुलेआम मनमाने दामों पर प्याज, टमाटर, खीरा, ककड़ी, सेब सरीखे की खाद्य सामग्री की बिक्री करवा रहे हैं। जेल में चाकू पूरी तरह से प्रतिबंधित है। बंदी प्याज, टमाटर, खीरा इत्यादि को काटने के लिए चोरी छिपे चम्मच का कट्टन बनाकर इन्हें काटने के लिए इस्तेमाल करते है। कट्टन बरामदगी पर जेल अधिकारी के निलंबन का मामला विभागीय कर्मियो में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसको लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।

ऐसे तैयार होता है जेल के अंदर कट्टन

प्रदेश की जेलों में चाकू का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित है। जेल के अंदर बंदी फल और सलाद काटने के लिए खुद ही कट्टन तैयार करते है। कट्टन बनाने के लिए बंदी जेल में मिलने वाली स्टील की थाली, मग, चम्मच के अलावा पाकशाला में इस्तेमाल होने वाले पुड़ी तलने वाली पुनिया, कलछुल तक का प्रयोग करते है। चम्मच को घिसकर, स्टील की थाली को किनारे से काटकर, मग के हैंडिल को तोड़कर चाकू नुमा बना लेते है। इसी से वह फल, सलाद इत्यादि काटते हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों निरीक्षण की जांच करने प्रयागराज जेल परिक्षेत्र के आईपीएस डीआईजी बांदा जेल पहुंचे। निरीक्षण में प्रदेश की अतिसंवेदनशील बांदा जेल में मुख्तार अंसारी (मृतक) की बैरक से एक चम्मच नुमा कट्टन बरामद हुआ था। जांच में आईपीएस डीआईजी ने तत्कालीन जेलर को निलंबित कर दिया। कट्टन बरामदगी में निलंबित किए गए जेलर के अलावा बरेली जेल में अनाधिकृत मुलाकात के लिए भी जेलर को निलंबित कर दिया गया। अभी तक इन्हें बहाल नहीं किया गया है।

पुलिस और जेल की कार्यप्रणाली में काफी भिन्नता

पुलिस और जेल की कार्यप्रणाली में जमीन आसमान का अंतर है। जानकारों का कहना है पुलिस अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों को अपराधियों को पकड़कर दंडित कराए जाने के लिए प्रशिक्षित किया जाता हैं। वहीं जेल अफसरों और वार्डरो को कैदियों और बंदियों को सुधारने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। जेल की कार्यप्रणाली जटिल होने की वजह से अन्य सवर्ग के अधिकारियों को इसको समझ पाना आसान नहीं है।

सूत्रों का कहना है प्रदेश की शायद ही ऐसी कोई जेल हो जहां पर कट्टन न हो। जेल में बंदी कट्टन का इस्तेमाल प्याज, टमाटर, खीरा, ककड़ी, सेब काटने के लिए करते है। राजधानी की लखनऊ, गाजियाबाद, आगरा, फतेहगढ़, मैनपुरी, बाराबंकी, हरदोई, बागपत सरीखी कई जेल के अधिकारी कमाई की खातिर जेल के अंदर सलाद की सामग्री के साथ अन्य वस्तुओं की बिक्री करवाकर मोटी रकम वसूल करते हैं। दिलचस्प बात यह है कि जेल अधिकारी कमाई की खातिर मुलाकात के दौरान परिजनों की ओर से लाई गई ऐसी वस्तुओं को प्रतिबंधित होने की बात कहकर वापस करवा देते है और जेल के अंदर वह इसकी खुलेआम बिक्री करवाते है। बाजार से तीन से चार गुने दामों पर इन वस्तुओं को बिकवाकर अधिकारी मालामाल हो रहे हैं, वहीं इन वस्तुओं को काटने के लिए इस्तेमाल होने वाले कट्टन की बरामदगी होने पर अधिकारियों को निलंबित कर दिया जा रहा है। चर्चा है विभाग के आला अफसरों को अधिकारियों को निलंबित करने के बजाए अनाधिकृत तरीके से बेंची जा रही इन वस्तुओं पर रोक लगानी चाहिए।