केंद्र सरकार द्वारा इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 : 29 नवबंर को पूरे देश में विरोध करेंगे बिजली कर्मचारी, इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल को शीत कालीन सत्र में पारित करवाने का हो रहा विरोध
नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लॉइज एंड इंजीनियर्स की 11 नवम्बर को हुई ऑनलाइन मीटिंग में यह निर्णय लिया गया कि संसद के शीत कालीन सत्र के पहले दिन 29 नवम्बर को विरोध प्रदर्शन किया जाए। केंद्र सरकार को आगाह किया जाए के लिए यह विरोध किया जाएगा।
केंद्र सरकार द्वारा इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 संसद में पारित कराए जाने के विरोध फिर से तेज होने वाला है। पूरे देश के पैमाने में बिजली कर्मचारी 29 नवंबर को विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान सभी प्रदेश की राजधानी और केंद्र शासित प्रदेश में प्रदर्शन होगा। नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लॉइज एंड इंजीनियर्स (एनसीसीओईई) के निर्देश पर यह सभी संगठन एक मंच पर आकर यह आंदोलन करेंगे। ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने बताया कि नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लॉइज एंड इंजीनियर्स की 11 नवम्बर को हुई ऑनलाइन मीटिंग में यह निर्णय लिया गया कि संसद के शीत कालीन सत्र के पहले दिन 29 नवम्बर को विरोध प्रदर्शन किया जाए। केंद्र सरकार को आगाह किया जाए के लिए यह विरोध किया जाएगा। जन विरोधी इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 को संसद में जल्दबाजी में पारित करने की कोशिश हुई तो राष्ट्र व्यापी आंदोलन होगा।
स्टैंडिंग कमिटी में मामला भेजने की मांग : उन्होंने मांग की कि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 को जल्दबाजी में संसद से पारित किराने की जगह बिजली मामलों की स्टैंडिंग कमिटी को भेजा जाना चाहिए। बिजली क्षेत्र के सबसे प्रमुख स्टेक होल्डर बिजली उपभोक्ताओं और बिजली कर्मचारियों को स्टैंडिंग कमिटी के सामने अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाना चाहिए।
30 नवंबर को दिल्ली में होगी बैठक : उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 को संसद के शीतकालीन सत्र में प्रस्तुत किए जाने के विरोध में एनसीसीओईई द्वारा राष्ट्र व्यापी आंदोलन के कार्यक्रमों की घोषणा की जाएगी। इस संदर्भ 30 नवम्बर को दिल्ली में मीटिंग की जाएगी। नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लॉइज एंड इंजीनियर्स ने इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 के विरोध में सभी राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेताओं से मिलकर उन्हें बिल के जन विरोधी प्रावधान की जानकारी दी जाएगी।
सौरभ दोहरे
विशेष संवाददाता