लखनऊ : 5000 पदों की भर्ती ठप, 14 लाख अभ्यर्थी इंतजार में, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जताई चिंता

प्रदेश में शिक्षक बनने का सपना संजोए करीब 14 लाख अभ्यर्थी का इंतजार खत्म नहीं हो रहा है। उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में 5000 से अधिक पदों पर आवेदन पिछले साल लिए जा चुके हैं, लेकिन भर्ती प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ रही है।

लखनऊ  : 5000 पदों की भर्ती ठप, 14 लाख अभ्यर्थी इंतजार में, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जताई चिंता
इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग की लंबित भर्ती प्रक्रिया पर चिंता जताकर नौकरियों का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों की उम्मीदें बढ़ा दी हैं। हालात ये हैं कि प्रदेश में शिक्षक बनने का सपना संजोए करीब 14 लाख अभ्यर्थी का इंतजार खत्म नहीं हो रहा है। उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में 5000 से अधिक पदों पर आवेदन पिछले साल लिए जा चुके हैं, लेकिन भर्ती प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ रही है। शिक्षक भर्ती के लिए नए आयोग के गठन के इंतजार में ये भर्तियां रुकी हुईं हैं।

असिस्टेंट प्रोफेसर के 1017 पदों पर भर्ती के लिए उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग ने अगस्त 2022 में आवेदन लिया था। लगभग 1.14 लाख युवाओं ने आवेदन किया। लेकिन, आठ माह बाद भी उनका इंतजार समाप्त नहीं हुआ। मालूम हो कि आयोग में एक अध्यक्ष और छह सदस्य तैनात थे। किंतु बारी-बारी चार सदस्य व अप्रैल में अध्यक्ष का कार्यकाल समाप्त हो गया। इसके बाद सरकार ने नई तैनाती नहीं की।

कोरम के अभाव में भर्ती प्रक्रिया रुक गई। इसी तरह माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से भी अगस्त 2022 में टीजीटी-पीजीटी के 4163 पदों के लिए आवेदन लिए थे। इसमें लगभग 13 लाख आवेदन हुए। यहां भी आयोग में एक-एक कर अध्यक्ष व सभी सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो गया, पर तैनाती नहीं हुई। सरकार की ओर से बेसिक, माध्यमिक, उच्च शिक्षा आदि की शिक्षक भर्ती के लिए नए आयोग के गठन की लंबी होती प्रक्रिया इन 14 लाख अभ्यर्थियों पर भारी पड़ रही है। यही वजह है कि अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

वैकल्पिक व्यवस्था से पूरी हों भर्तियों : प्रतियोगी छात्र मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विक्की खान ने कहा कि सरकार ने अभ्यर्थियों से आवेदन के माध्यम से करोड़ों रुपये शुल्क लिए, लेकिन उनको अपना भविष्य अंधकार में दिखाई दे रहा है। असिस्टेंट प्रोफेसर व टीजीटी-पीजीटी के अभ्यर्थियों के बारे में सरकार जल्द ठोस निर्णय ले। सरकार नए आयोग के गठन में लग रहे समय को देखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था कर प्रक्रिया में चल रही भर्तियों को पूरा कराए।