यूपी और उत्तराखंड चुनाव का आज हो सकता है ऐलान, चुनाव आयोग की 3.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान आज होने की संभावना है और निर्वाचन आयोग आज दोपहर साढ़े तीन बजे इस संबंध पत्रकार वार्ता करेगा. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में 6 से 7 चरणों में चुनाव कराए जा सकते हैं. जबकि पंजाब और उत्तराखंड में दो चरणों में चुनाव हो सकते हैं

यूपी और उत्तराखंड चुनाव का आज हो सकता है ऐलान, चुनाव आयोग की 3.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड समेत देश के पांच राज्यों में होने वाले चुनाव का ऐलान केन्द्रीय चुनाव आयोग कर सकता है l

लखनऊ : आज देश के उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड समेत देश के पांच राज्यों में होने वाले चुनाव का ऐलान केन्द्रीय चुनाव आयोग कर सकता है l जानकारी के मुताबिक चुनाव आयोग ने आज 3.30 बजे प्रेस कांफ्रेंस बुलाई है. उत्तर प्रदेश में पांच जनवरी को ही वोटर लिस्ट फाइनल हो गई थी. जिसके बाद ये माना जा रहा था कि चुनाव आयोग कभी भी चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है. वहीं कहा जा रहा कि यूपी में छह से  सात चरणों में चुनाव हो सकते हैं. जबकि उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों में एक या दो चरणों में चुनाव संपन्न कराए जा सकते हैं.

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान आज होने की संभावना है और निर्वाचन आयोग आज दोपहर साढ़े तीन बजे इस संबंध पत्रकार वार्ता करेगा. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में 6 से 7 चरणों में चुनाव कराए जा सकते हैं. जबकि पंजाब और उत्तराखंड में दो चरणों में चुनाव हो सकते हैं. फिलहाल कोरोना के ओमीक्रॉन वैरिएंट के बढ़ते मामलों के बीच चुनाव आयोग ने स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं. वहीं आयोग की टीम ने पिछले दिनों सभी चुनावी राज्यों का दौरान किया और कोविड-19 की स्थिति का जाएजा लिया. कहा जा रहा कि कोरोना की मौजूदा हालत को देखते हुए चुनाव आयोग कुछ नए नियम लागू कर सकता है.

पिछले दिनों ही चुनाव आयोग ने चुनावी राज्यों के सिसायी दलों के साथ बैठक की और उनकी राय जानी. वहीं कुछ सियासी दलों ने अपनी सलाह दी और कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराने के लिए चुनाव आयोग से कहा. इसके साथ ही कुछ सियासी दलों के नेताओं ने चुनाव खर्च को बढ़ाने की भी मांग की और उनके तर्क थे कि पिछले साल में देश में महंगाई बढ़ गई है और इसके सापेक्ष चुनाव आयोग ने खर्च की सीमा नहीं बढ़ाई है.

वहीं चुनाव आयोग को कोरोना संकटकाल में चुनाव कराने का अनुभव है और इस साल कोरोना की दूसरी लहर में चुनाव आयोग ने देश के छह राज्यों में चुनाव कराए थे. पश्चिम बंगाल में इस साल कोरोना का संक्रमण तेज था और उसके बावजूद चुनाव आयोग चुनाव संपन्न कराने में सफल रहा. जबकि पिछले साल चुनाव आयोग ने बिहार में विधानसभा चुनाव कराए.