घोटालेबाज अफसर को तीसरी बार मिली अस्थाई नियुक्ति, सहकारी चीनी मिल संघ में चल रहा गोलमाल, शासन की तानाशाही से चीनी मिल संघ अफसरों में आक्रोश

रिटायरमेंट के बाद तीन माह के सेवा विस्तार की अवधि समाप्त होने व तीन माह तक बगैर किसी अनुमोदन के कार्य कराने के बाद इसे हटाने के बजाए इसको तीन माह के लिए अस्थाई नियुक्ति दी गयी है। मजे की बात यह है कि फेडरेशन एक रिटायर अधिकारी से चीनी व शीरा की बिक्री जैसे महत्वपूर्ण काम करा रहा है।

घोटालेबाज अफसर को तीसरी बार मिली अस्थाई नियुक्ति, सहकारी चीनी मिल संघ में चल रहा गोलमाल, शासन की तानाशाही से चीनी मिल संघ अफसरों में आक्रोश
शासन की तानाशाही से चीनी मिल संघ अफसरों में आक्रोश

लखनऊ। चीनी मिल संघ एक घोटालेबाज रिटायर अधिकारी के भरोसे चलेगा। शासन ने सात माह पूर्व रिटायर हुए एक घोटालेबाज अधिकारी को तीन माह के लिए अस्थाई नियुक्ति देने की संस्तुति प्रदान  कर दी। यह मामला चीनी मिल संघ अफसरों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।

मजे की बात यह है कि रिटायरमेंट के बाद तीन माह के सेवा विस्तार की अवधि समाप्त होने व तीन माह तक बगैर किसी अनुमोदन के कार्य कराने के बाद इसे हटाने के बजाए इसको तीन माह के लिए अस्थाई नियुक्ति दी गयी है। मजे की बात यह है कि फेडरेशन एक रिटायर अधिकारी से चीनी व शीरा की बिक्री जैसे महत्वपूर्ण काम करा रहा है।

प्रभार किसी के पास काम कर रहा कोई

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ में सब गोलमाल है। प्रभार किसी अधिकारी के पास है तो काम कोई अधिकारी कर रहा है। बताया गया कि चीनी मिल संघ में कार्मिक के साथ चीनी व शीरा विक्रय का अधिकृत प्रभार अतुल खन्ना के पास है लेकिन काम 28 फरवरी को रिटायर हुए हर्षवर्धन कौशिक कर रहा है।

सूत्रों के मुताबिक़ पूर्व एमडी सुगर फ़ेडरेशन ने मोरना चीनी मिल में प्रधान प्रबंधक रहे एचवी कौशिक को अपने निजी स्वार्थों से जून 2020 में मोरना मिल से संघ से अटैच करके चीनी मिल संघ के सभी महत्वपूर्ण विभागों चीनी/ शीरा विक्रय, कार्मिक, प्रशासन, शिकायत, लीगल आदि जैसे महत्वपूर्ण विभागों का प्रभार सौंप दिये। जबकि कौशिक का मूल पद मुख्य लेखाकार का है। कनिष्ठ होने के बाद भी 2019 में एमडी ने  कौशिक को मोरना मिल का प्रभारी जीएम बनाकर भेज दिया।

श्री कौशिक मूल रूप से चीनी मिल में सहायक लेखाकार के रूप में मिल में भर्ती हुए थे। सरकारों में राजनीतिक पकड़ के कारण इन्होंने खुद को संघ की सेवाओं में आमेलित कराकर लेखा अधिकारी का पद हथिया लिया। एक साल के भीतर ही नियमो के विपरीत दो प्रमोशन लेकर मुख्य लेखाकार का पद ले लिया। श्री कौशिक के काले कारनामों की जाँच मिल के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की शिकायत पर डीएम मुज़फ़्फ़रनगर ने कराकर श्री कौशिक को दोषी पाए जाने पर इनसे लगभग 4.75 लाख रुपये की वसूली करने के साथ साथ विभागीय कार्यवाही के लिए पांच फरवरी 2021 को एमडी फ़ेडरेशन को पत्र भेजा गया। पूर्व एमडी ने श्री कौशिक के विरुद्ध कोई कार्यवाही नही की। कौशिक के 28 फ़रवरी को रिटायर होने पर समस्त राशि का भुगतान भी करवा दिया गया।

सूत्रों का कहना है कि एसीएस गन्ना का तीन माह का अनुमोदित सेवा विस्तार 31 मई को समाप्त होने के बाद कौशिक शासन की बगैर स्वीकृत के ही लगातार काम करता रहा। बताया गया है कि अस्थाई नियुक्ति के लिए तीसरी बार शासन को भेजी गई फ़ाइल में तीन माह की संस्तुति प्रदान कर दी गयी है। इस रिटायर अधिकारी से चीनी व शीरा बिक्री कराई जा रही है। उधर एसीएस गन्ना संजय भूसरेड्डी कहते है कि फेडरेशन उन्हें चलाना है। हम आपके जबाबदेह नहीं है।

राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
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