रिटायर्ड अफसरों के भरोसे चल रहा चीनी मिल संघ : आधा दर्जन से अधिक रिटायरकर्मी कर रहे "फिक्स रेट" पर काम

शासन से बगैर स्वीकृत व वेतन के चीनी व शीरा की बिक्री तक रिटायरकर्मी से करा रहे है। मजे की बात यह है कि चीनी, शीरा बिक्री के साथ कार्मिक का प्रभार कागजो में किसी के पास है, काम रिटायर अधिकारी से कराया जा रहा है। इससे संघ के अधिकारियों में खासा आक्रोश व्याप्त है।

रिटायर्ड अफसरों के भरोसे चल रहा चीनी मिल संघ :  आधा दर्जन से अधिक रिटायरकर्मी कर रहे "फिक्स रेट" पर काम
चीनी मिल संघ अफसरों में तानाशाही को लेकर व्यापक आक्रोश

लखनऊ : चीनी मिल संघ एक घोटालेबाज रिटायर अधिकारियों के भरोसे चलेगा। यह सवाल चीनी मिल संघ अफसरों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। फेडरेशन आधा दर्जन से अधिक रिटायर अधिकारियों को अस्थाई नियुक्ति प्रदान कर दी गयी है।  यही नहीं शासन से बगैर स्वीकृत व वेतन के चीनी व शीरा की बिक्री तक रिटायरकर्मी से करा रहे है। मजे की बात यह है कि चीनी, शीरा बिक्री के साथ कार्मिक का प्रभार कागजो में किसी के पास है, काम रिटायर अधिकारी से कराया जा रहा है। इससे संघ के अधिकारियों में खासा आक्रोश व्याप्त है।

कई आरोपी अधिकारियों को दे दी गयी अस्थाई नियुक्ति 

मिली जानकारी के मुताबिक़ अपर मुख्य सचिव गन्ना संजय भूसरेड्डी ने उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ के आधा दर्जन से अधिक रिटायर अधिकारियों व कर्मचारियों को संघ में अस्थाई नियुक्ति पर रख रखा है। दिलचस्प बात तो यह है कि गैर तकनीकी संवर्ग के अधिकारियों के इस प्रस्ताव को चीनी मिल संघ बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने भी इस प्रस्ताव को पारित कर रखा है। सूत्रों के मुताबिक 28 फरवरी 21 को रिटायर हर्ष वर्धन कौशिक, 31 अगस्त 21 को रिटायर जॉइन्ट प्रबंध निदेशक आरपी सिंह, 31 जुलाई 21 को रिटायर उप प्रबंधक जेएस बिस्ट,  मुख्य लेखाकार सतेंद्र कुमार, एलडब्लूओ पीके श्रीवास्तव को अस्थाई नियुक्ति पर फिक्स रेट पर काम कराया जा रहा है।

सूत्रों का कहना है कि पूर्व प्रबंध निदेशक ने अपने निजी स्वार्थ की पूर्ति के लिए तकनीकी विभाग के जीएम क्रय विनोद कुमार को गलत तरीके से प्रभार दे रखा है, जबकि जीएम क्रय का प्रभार किसी इंजीनियरिंग अधिकारी के पास होना चाहिए। इसी प्रकार जीएम अतुल खन्ना के पास विक्रय, वित्त, लेखा, शिकायत, ट्रस्ट, लीगल, कार्मिक व प्रशासन जैसे आठ महत्वपूर्ण विभागों का प्रभार है जबकि वास्तविक रूप में चीनी व शीरा विक्रय का काम रिटायर एच डी कौशिक कर रहा है।

इसके अलावा इंजीनियरिंग संवर्ग के आरएस पोरस आईजीआरएस का काम देख रहे है। इसी प्रकार संघ में वरिष्ठ प्रबंधक सर्वेंद्र राठौर एक मात्र एमबीए आइसीडब्लूए अधिकारी है जिनसे भी अन्य अधिकारियों की तरह प्रभारी प्रधान प्रबंधक का कार्य लिया जा रहा है। तत्कालीन प्रबंध निदेशक ने अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए अपने चहेते अधिकारियों से बीते चार साल में संघ में क्रय, चीनी शीरा विक्रय तथा चीनी एक्सपोर्ट में करोड़ो का घोटाला कर अपनी जेब भरकर मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस की जमकर धज्जियां उड़ाई गयी।

मुख्यमंत्री किसी निष्पक्ष एजेंसी से चीनी मिल संघ में पिछले पांच सालों की चीनी, शीरा विक्रय, केंद्रीय क्रय व चीनी एक्सपोर्ट के साथ अन्य कामो की जांच करा लें तो दूध का दूध पानी का पानी सामने आने के साथ करोड़ो का घोटाला उजागर हो जायेगा। उधर इस संबंध में संघ के एमडी रमाकांत पांडेय से काफी प्रयास के बाद भी संपर्क नही हो पाया। एसीएस गन्ना संजय भूसरेड्डी कहते है हम आपके जवाबदेह नही है।

राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
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