पूर्व IPS अफसर असीम अरुण ने ज्वाइन की BJP:कन्नौज सदर विधानसभा में जीत के लिए खींचा खाका, जल्द पब्लिक के बीच पहुंचकर करेंगे चुनाव प्रचार
कानपुर के पूर्व कमिश्नर असीम अरुण ने पिछले दिनों नौकरी से वीआरएस लेकर रविवार को भाजपा में शामिल हुए। लखनऊ में भाजपा दफ्तर पहुंचकर उन्होंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने असीम अरुण को सदस्यता दिलाई।
कानपुर के पूर्व कमिश्नर असीम अरुण ने पिछले दिनों नौकरी से वीआरएस लेकर रविवार को भाजपा में शामिल हुए। लखनऊ में भाजपा दफ्तर पहुंचकर उन्होंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने असीम अरुण को सदस्यता दिलाई। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष भाजपा प्रदेश स्वतंत्र देव सिंह ने कहा की असीम अरुण के पिता ने दलित वंचितों के लिए काम किया। पुलिस में रहते हैं इनके पिता ने गुंडों से लोगों को बचाया। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सबसे अच्छी पार्टी है।
अटल बिहारी वाजपेई और नरेंद्र मोदी की नीतियों को देखते हुए भाजपा ज्वाइन करने का फैसला लिया है।असीम अरुण ने कहा कि पहले नेता गुंडों को छोड़ने के लिए फोन करते थे लेकिन इस सरकार में ऐसा नहीं हुआ।
'मैं पीएम मोदी से भी प्रभावित हूं, जिन्होंने विकास की नई राह दी' : इस मौके पर असीम अरुण ने कहा, भाजपा ने मुझे और अधिक सामाजिक कार्य करने के लिए राजनीति चुनने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा, ऐसे कई काम हैं जो मैं अपने कार्यकाल के दौरान नहीं कर सका, इसलिए राजनीति में आने का फैसला किया। उन्होंने कहा, मैं पीएम मोदी से भी प्रभावित हूं, जिन्होंने विकास की नई राह दी है। असीम अरुण ने कहा कि भाजपा इकलौती ऐसी पार्टी है जो नेतृत्व का विकास करती है। पुलिस कर्मियों को काम करने के लिए भाजपा शासन से बेहतर सुखद अनुभव नही हो सकता। |
पत्नी ज्योत्सना और खैर नगर की जनता का साथ : आईपीएस की नौकरी से रिटायरमेंट लेने के बाद असीम अरुण रविवार को सबसे पहले भारतीय जनता पार्टी कार्यालय लखनऊ पहुंचे, जहां उन्होंने BJP की सदस्य्ता ग्रहण की। असीम अरुण ने बताया कि उन्होंने जनता की सेवा का पूरा खाका खींच लिया है। इसके बाद ही वह इस मैदान में उतरे हैं। जल्द ही वह कन्नौज खैर नगर अपने पैतृक आवास पर जाएंगे। इसके बाद अपनी विधानसभा सदर से चुनाव प्रचार-प्रसार में पूरी ताकत से जुटेंगे।
इसके साथ ही उन्होंने शनिवार को अपने फेसबुक पोस्ट पर तीसरा पत्र जारी किया। इस पत्र का सार है कि उन्होंने मखमली जिंदगी छोड़कर अब दलित और वंचित की सेवा करने का संकल्प लिया है। इस नई राह पर उनके साथ पत्नी ज्योत्सना और दोनों बच्चों के साथ कन्नौज खैर नगर की जनता है।
सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ने को कसी कमर : 1994 बैच के आइपीएस असीम अरुण कानपुर में पुलिस आयुक्त के पद पर तैनात थे। आठ जनवरी को उन्होंने वीआरएस लेकर राजनीति में आने का एलान कर सबको चौंका दिया था। इसके बाद से ही कन्नौज की सुरक्षित सदर सीट से चुनाव लडऩे की चर्चा है। बीजेपी ज्वाइन करने के बाद सबसे पहले अपनी मातृ भूमि कन्नौज के ठठिया थाना क्षेत्र के गांव गौरनपुरवा, खैरनगर जाएंगे। बता दें कि आइपीएस असीम अरुण के पिता श्रीराम अरुण भी पुलिस अफसर थे। उनकी मां शशि अरुण लेखिका थीं। असीम को देश की पहली जिला स्तरीय स्वाट गठित करने के लिए जाना जाता है।
सभी जगह से खाकी वर्दी की तस्वीरें हटाईं : असीम अरुण ने भाजपा ज्वाइन करने से पहले अपने फेसबुक अकाउंट से लेकर सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से अपनी वर्दी वाली तस्वीरें हटा दी हैं। इससे पहले उन्होंने बीजेपी में आने का फैसला लेने के बाद वर्दी में संदेश जारी किया था। तब लोगों ने सवाल उठाया था कि वर्दी में भाजपा के नेता जी। इसके बाद उन्होंने बीजेपी की सदस्यता लेने के बाद सभी तस्वीरें हटा दी हैं