मुख्यमंत्री आगमन से पहले हुई किसानों पर कार्यवाही : कैराना में किसान नेताओ को घरों में किया कैद, शामली के किसानो का करीब 350 करोड़ रुपये भुगतान बकाया

किसानों की आमदनी दोगुनी करने का वादा करने वाली सरकार के मुखिया के आगमन पर हुई कार्यवाही को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही है। चर्चा है कि सरकार ने किसानों के बकाया का भुगतान 14 दिनों के अंदर किये जाने का वादा किया था। सरकार के मुखिया को इस वादे का जवाब न देना पड़े इसलिए कैराना में किसानों को नज़रबंद कर दिया गया। इससे किसानों में खासा आक्रोश व्याप्त है।

मुख्यमंत्री आगमन से पहले हुई किसानों पर कार्यवाही : कैराना में किसान नेताओ को घरों में किया कैद, शामली के किसानो का करीब 350 करोड़ रुपये भुगतान बकाया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कैराना आगमन

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कैराना आगमन पर जनपद के आसपास किसान नेताओ को घरों में कैद कर दिया है। यह बात सुनने में भले ही अटपटी लगे लेकिन कैराना के लोगो ने इस सच को देखा।  किसानों की आमदनी दोगुनी करने का वादा करने वाली सरकार के मुखिया के आगमन पर हुई कार्यवाही को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही है। चर्चा है कि सरकार ने किसानों के बकाया का भुगतान 14 दिनों के अंदर किये जाने का वादा किया था। सरकार के मुखिया को इस वादे का जवाब न देना पड़े इसलिए कैराना में किसानों को नज़रबंद कर दिया गया। इससे किसानों में खासा आक्रोश व्याप्त है।

मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार को शामली में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कैराना के  गांव के दौरे पर रहे। इस दौरान उन्हें पीएससी का उद्घाटन करने के साथ कैराना से पलायन करने वाले पीड़ितों से मुलाकात का कार्यक्रम था। बताया गया है कि इस जिले के किसानों से वादा किया था कि किसानों के गन्ना बकाया मूल्य का भुगतान 14 दिन में कर दिया जाएगा। वादा पूरा नही करने पर उठने वाले सवालों का जवाब देने से बचने के लिए किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सवित मलिक को उनके घर पर सुबह से ही नजरबंद कर दिया गया था। यही नही इसके अलावा अन्य किसान नेताओ को भी उनके घरों में ही कैद कर दिया गया। किसानों का आरोप है कि सरकार के मुखिया वादे तो कर लेते हैं लेकिन उन्हें पूरा नहीं कर पाते, इसलिए आवाज उठाने वाले को नजरबंद कर दिया जाता हैं। किसानों का कहना है कि सरकार ने पिछले साढे 4 वर्ष में  क्या किया यह नहीं बताएंगे। अब जब चुनाव आ गया है तो यह तमाम घोषणाएं करने के लिए जिलों में आ रहे हैं। मुख्यमंत्री का 14 दिन में गन्ना बकाया मूल्य के भुगतान का वादा सिर्फ वादा ही रह गया। था। सरकार का कार्यकाल पूरा होने को है पर किया हुआ वादा पूरा नही हुआ। शामली जनपद में किसानों का करीब 350 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान अभी बाकी है।

बताया गया है कि नया पेराई सत्र शुरू हो गया है। उसके बाद भी बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान नही किया गया है। आये दिन नई-नई घोषणाएं तो हो रही हैं लेकिन पुराने वादे अभी तक पूरे नही किये गए है। वादा करने बाद सब भूल जाते हैं। 2022 का विधानसभा चुनाव सामने है। शामली के किसान जानना चाहते थे कि केंद्र व प्रदेश की सरकार किसान की आय दोगुनी कैसे करेगी। सरकार ने किसान को आय दोगुनी करने का भरोसा देकर किसानों को ठगने का काम किया है।

राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
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