जेल अफसरों के साथ कैदी रायटर भी हुए बेलगाम : नोएडा जेल में हैसियत के हिसाब से हो रही बन्दियों से वसूली, कमाकर देने वाले सुरक्षा कर्मियों की नही बदली जाती डयूटी
मिली जानकारी के मुताबिक नोएडा जेल अधीक्षक अरुण प्रताप सिंह, जेलर एके सिंह व डिप्टी जेलर एके जायसवाल के साथ कैदी रायटर विजय ने जेल में लूट मचा रखी है। कर्मचारियों के साथ अभद्रता व गाली गलौज करना इनकी नियति बन गया है। सुरक्षा कर्मियों के दूर जेल में ट्रांसफर की धमकी देकर अवैध काम करने के लिए दबाव बनाया जाता।
लखनऊ : प्रदेश की कमाऊ कही जाने वाली नोएडा जेल में जेल अफसरों के साथ रायटर बन्दी (कैदी) ने लूट मचा रखी है। जेल प्रशासन के अधिकरियो ने बेलगाम कैदी रायटर को मुलाहिज़ा के साथ पीसीओ संचालन की जिम्मेदारी सौंपी है। यही नही इस जेल में बंदियो के राशन में जमकर कटौती कर रहे है। कटौती के राशन से कैंटीन में खानपान की वस्तुए बनवाकर लाखो के वारे न्यारे कर रहे है।
घटिया भोजन परोस कैंटीन से कर रहे लाखो के वारे-न्यारे : दिलचस्प बात यह है को इस जेल में कमाई कर देने वाले सुरक्षाकर्मियों के साथ रायटर कैदियों की ड्यूटी तक बदली नही जाती है। ऐसा तब है जब जेल में सुरक्षा कर्मियों की ड्यूटी प्रति सप्ताह बदले जाने का निर्देश है। यह आदेश फाइलों में कैद होकर रह गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक नोएडा जेल अधीक्षक अरुण प्रताप सिंह, जेलर एके सिंह व डिप्टी जेलर एके जायसवाल के साथ कैदी रायटर विजय ने जेल में लूट मचा रखी है। कर्मचारियों के साथ अभद्रता व गाली गलौज करना इनकी नियति बन गया है। सुरक्षा कर्मियों के दूर जेल में ट्रांसफर की धमकी देकर अवैध काम करने के लिए दबाव बनाया जाता।
इस कार्य में सहयोग नहीं करने कई वार्डर को स्थानान्ततित भी कर दिया गया। वही अवैध तरीके से कमाकर देने वाले कैदी रायटर, हेड वार्डर व वार्डर की ड्यूटी महीनों बदली ही नही जाती है। यही नही जेल में बंदियो के भोजन के लिए आने वाले राशन के गल्ला गोदाम से आटा, मैदा, चीनी, चायपत्ती, मसाला, सरसों का तेल, रिफाइंड, देशी घी यहां तक की गैस सिलेंडर का इस्तेमाल कैंटीन में किया जाता है। बन्दियों को घटिया भोजन परोसकर कैंटीन की कमाई बढाकर लाखो के वारे न्यारे किये जा रहे है।
सूत्रों का कहना है कि जेल अफसरों के साथ कैदी रायटर भी पूरी तरह से बेलगाम हो गए है। कैदी रायटर विजय कहता है वह अधिकारियो को कमा कर देता है। वह उसका कुछ नही बिगाड़ सकते है। मुलाहिज़ा में यह कैदी रायटर बन्दियों से हैसियत के हिसाब से खुलेआम वसूली करता है। इसके साथ ही पीसीओ में इमरजेंसी कॉल के नाम प्रति कॉल दो सौ रुपये वसूल करता है।
यही नही यह रायटर कैदी बन्दियों को नियमो को दर किनार करके अनाप शनाप तरीके से कॉल कराता है। इसी प्रकार हवालात प्रभारी डिप्टी जेलर ने बाइक बोट घोटाले के आरोपियों की रिहाई में लाखों के वारे न्यारे कर डाले।
सूत्रों की मानें तो इस जेल में कमाऊ जगहों पर लगे हेड वार्डर व वार्डर की महीनों डयूटी नही बदली जाती है। उधर इस संबंध में जब जेल अधीक्षक अरुण प्रताप से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फ़ोन ही नही उठाया। जेल मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा इसकी जांच कराई जाएगी। जांच में दोषी पाए अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
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