राज्य विधि आयोग ने CM योगी को सौंपा जनसंख्या नियंत्रण कानून का ड्राफ्ट, यूपी चुनाव से पहले होगा लागू
राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एएन मित्तल ने बताया कि हमने फाइनल ड्राफ्ट बनाकर मुख्यमंत्री को भेज दिया है l विधि आयोग ने करीब 8500 सुझावों पर अध्ययन करने के बाद इस रिपोर्ट को तैयार किया है
लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण कानून से संबंधित विधेयक का मसौदा तैयार कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दिया है. जी मीडिया से खास बातचीत में राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एएन मित्तल ने बताया कि हमने फाइनल ड्राफ्ट बनाकर मुख्यमंत्री को भेज दिया है l विधि आयोग ने करीब 8500 सुझावों पर अध्ययन करने के बाद इस रिपोर्ट को तैयार किया है.
जस्टिस एएन मित्तल ने कहा कि इस ड्राफ्ट में उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानूनी उपाय सुझाए गए हैं l माना जा रहा है कि योगी सरकार शीघ्र ही इस मसौदे को मंजूरी दे सकती है और 17 अगस्त से शुरू होने जा रहे विधानमंडल सत्र में जनसंख्या नियंत्रण कानून से संबंधित विधेयक को पेश किया जा सकता है l जस्टिस एएन मित्तल के मुताबिक करीब 99 फीसदी लोगों ने इस प्रस्तावित बिल का समर्थन किया है.
उन्होंने बताया कि कई सुझावों में यह कहा गया है कि इस कानून को ना केवल उत्तर प्रदेश में बल्कि पूरे देश में लागू होना चाहिए l इस तरह का कानून बनाने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य होगा l जस्टिस मित्तल ने बताया कि दो से अधिक बच्चों वाले एमएलए-एमपी को इलेक्शन से डिबार करने के भी सुझाव आए थे, मगर यह अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार के पास है l दो से अधिक बच्चों वालों पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाने का भी सुझाव आया था.
जनसंख्या नियंत्रण कानून के ड्राफ्ट में क्या है?
जस्टिस मित्तल ने बताया कि दो बच्चों की नीति का पालन न करने वालों के वोटिंग राइट्स सीज करने के भी सुझाव आए थे, लेकिन यह अधिकार भी राज्य सरकार के अंतर्गत नहीं आता इसलिए ऐसे सुझावों को ड्राफ्ट में शामिल नहीं किया गया है l जो बिंदु राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में हैं और जो जरूरी हैं, उन्हीं सुझावों को कानून के मसौदे में शामिल किया गया है l इसमें किसी दंड का प्रावधान नहीं है.
यह कानून लागू होने के बाद ही प्रभावी होगा
विधानसभा से पारित होने के एक साल बाद कानून को लागू किया जाएगा l गर्भवती महिलाओं को गर्भपात कराने की आवश्यकता ना पड़े इसका भी ध्यान ड्राफ्ट में रखा गया है l कानून अस्तित्व में आने के बाद से ही प्रभावी माना जाएगा l यानी कानून आने के पहले जिनके दो से ज्यादा बच्चे हैं उनके अधिकारों में किसी प्रकार की कटौती नहीं होगी l कानून लागू होने के बाद राशन कार्ड में एक परिवार के 4 से अधिक लोगों का नाम शामिल नहीं होगा.