जेलों में नहीं होगी अफसरों व सुरक्षाकर्मियों की कमी : डीजी पुलिस/आईजी जेल की सराहनीय पहल, सालों से लंबित विभिन्न संवर्ग की प्रमोशन प्रक्रिया शुरू होने की सराहना
कारागार विभाग में बन्दियों के अनुपात में सुरक्षाकर्मियों (वार्डर) की संख्या काफी कम थी। इस कमी को दूर करने के लिए बीते पुलिस भर्ती बोर्ड के माध्यम से तीन हज़ार से अधिक वार्डर की नियुक्ति की गई। इससे अब जेलों के लिए विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में वार्डर उपलब्ध हो गए।
लखनऊ : प्रदेश कारागार विभाग के अधिकारियों ने एक सराहनीय कदम उठाया है। इस कदम से प्रदेश की जेलो में अधिकारियों व सुरक्षाकर्मियों की कोई कमी नही रहेगी। पर्याप्त मात्रा में अधिकारियों व सुरक्षाकर्मियों के होने से जेलों की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद होने में मदद मिलेगी। अधिकारियों की इस पहल की विभागीय अधिकारी भी जमकर सराहना कर रहे है।
पर्याप्त मात्रा में वार्डर मिलने से जेलों की सुरक्षा होगी चाक चौबंद : प्रदेश की 72 जेलों में वर्तमान समय में करीब एक लाख 15 हज़ार बन्दी निरुद्ध है। इसमें विचाराधीन बन्दियों के साथ सजायाफ्ता कैदी भी शामिल है। इस बन्दियों को नियंत्रित करने के जेल विभाग में अधिकारियों व सुरक्षा कर्मियों की संख्या काफी कम थी। इस कमी को दूर करने के लिए अपर मुख्य सचिव गृह की पहल पर डीजी पुलिस/ आईजी जेल आनंद कुमार ने सराहनीय कदम उठाया है। कारागार विभाग में बन्दियों के अनुपात में सुरक्षाकर्मियों (वार्डर) की संख्या काफी कम थी। इस कमी को दूर करने के लिए बीते पुलिस भर्ती बोर्ड के माध्यम से तीन हज़ार से अधिक वार्डर की नियुक्ति की गई। इससे अब जेलों के लिए विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में वार्डर उपलब्ध हो गए।
सूत्रों का कहना है कि विभाग में लंबे समय से अधिकारियों व सुरक्षाकर्मियों की प्रोन्नति प्रक्रिया रुकी हुई थी। डीजी पुलिस/आईजी जेल आनंद कुमार ने इस प्रक्रिया को प्रारंभ किया। उन्होंने विभाग में डीआईजी से एआईजी, वरिष्ठ अधीक्षक ग्रेड टू से डीआईजी, वरिष्ठ अधीक्षक ग्रेड वन से वरिष्ठ अधीक्षक ग्रेड टू, जेलर से अधीक्षक, डिप्टी जेल से जेलर, हेड वार्डर से डिप्टी जेलर के वार्डर से हेड वार्डर सवर्ग की प्रोन्नति की अहम पहल की।
इस प्रक्रिया के तहत लंबे समय से जो अधिकारी व सुरक्षाकर्मी प्रोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे थे उन्हें या तो प्रमोशन मिल गया या फिर मिलने की प्रक्रिया में है। सूत्रों की मानें तो इस प्रक्रिया से जेलों की सुरक्षा की रीढ़ कहे जाने वाले करीब सौ से अधिक डिप्टी जेलर, डेढ़ दर्जन से अधिक जेलर, करीब आधा दर्जन वरिष्ठ अधीक्षक ग्रेड टू अधिकारी मिल चुके है और कुछ मिलने की प्रक्रिया में है। इस संबंध में जब जेल मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी से बातचीत की गई तो उन्होंने विभाग में प्रोन्नति प्रक्रिया चलने के बात स्वीकार करते हुए बताया कि इससे जेलों में अधिकारियों व सुरक्षाकर्मियों की कमी काफी हद तक पूरी हो जाएगी।
नियमो में शिथिलता बरतने का भेजा प्रस्ताव लखनऊ : प्रदेश कारागार विभाग में एआईजी प्रशासन, एआईजी विभागीय, डीआईजी के पद पिछले काफी समय से रिक्त पड़े हुए है। सूत्र बताते है कि इन खाली पड़े पदों पर अधिकारियों की तैनाती कराए जाने के लिए डीजी जेल ने नियमो में शिथिलता बरते जाने एक प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा है। इसमे डीआईजी से एआईजी के लिए डीआईजी का पांच साल का कार्यकाल होने की शर्त है। इसे घटाकर तीन साल किये जाने की बात कही गयी है। इसी प्रकार वरिष्ठ अधीक्षक ग्रेड वन से ग्रेड टू बनने के लिए पांच साल की अवधि तय है। इसको भी कम करने की तैयारी है। शासन से संस्तुति मिलने पर रिक्त चल रहे पदों पर अफसरों की तैनाती हो जाएगी। |
राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
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