जलनिगम के रिटायर इंजीनियर भीमराज ने किया बुद्ध प्रतिमा का अनावरण

सभा में मुख्य वक्ता इंजीनियर भीमराज ने कहा कि धम्मसभा में सभी लोग तथागत बुद्ध का मार्ग मध्यम मार्ग श्रेष्ठ आष्टांगिक मार्ग का अनुृकरण करें। इसमें सम्यक दृष्टि, सम्यक संकल्प, सम्यक वचन, सम्यक कर्म, सम्यक आजीविका, सम्यक व्यायाम, सम्यक स्मृति एवं सम्यक समाधि है। बुद्ध ने जीवन के चार आर्य सत्य से परिचय कराया।

जलनिगम के रिटायर इंजीनियर भीमराज ने किया बुद्ध प्रतिमा का अनावरण
जलनिगम के रिटायर इंजीनियर भीमराज ने किया बुद्ध प्रतिमा का अनावरण

लखनऊ। जलनिगम के रिटायर इंजीनियर भीमराज ने रविवार को उन्नाव के आसोहा में बुद्ध  प्रतिमा का अनावरण एवं बौद्ध विहार का उद्घाटन किया। इस अवसर पर एक धम्मसभा की ओ से गरीबों को कंबल वितरण भी किया गया। उन्होंने समाज के लोगों से अपील की कि वह गौतमबुद्ध के मार्ग पर चलकर समाज की प्रगति के लिए कार्य करें।

बुृद्ध के बताए रास्ते पर चलकर आगे बढ़े समाज : सभा में मुख्य वक्ता इंजीनियर भीमराज ने कहा कि धम्मसभा में सभी लोग तथागत बुद्ध का मार्ग मध्यम मार्ग श्रेष्ठ आष्टांगिक मार्ग का अनुृकरण करें। इसमें सम्यक दृष्टि, सम्यक संकल्प, सम्यक वचन, सम्यक कर्म, सम्यक आजीविका, सम्यक व्यायाम, सम्यक स्मृति एवं सम्यक समाधि है। बुद्ध ने जीवन के चार आर्य सत्य से परिचय कराया।

दुख आर्य सत्य दुख समुदय आर्य सत्य, दुख निरोध आर्य सत्य, दुख निरोधगामिनी पटिपदा आर्य सत्य के चार आर्य सत्य को अनुभूति पर उतारना होता है। मध्यम मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति ही इन चार आर्य सत्य को अनुभूति पर उतार सकता है। आर्य अष्टांगिक मार्ग भगवान बुद्ध की अद्भुत खोज है। सभी दुखों से वर्तमान जीवन में ही मुक्ति पाने के लिए तथा इसी जीवन में वास्तविक सुख शांति को प्राप्त करने के लिए भगवान बुद्ध ने आर्य अष्टांगिक मार्ग बताया है। अष्टांगिक मार्ग सार्वजनीन मार्ग है क्योंकि यह प्रकृति के नियमों पर आधारित है। जिसका हम सभी को अनुसरण चाहिए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति खेमकरन साहब, विशिष्ट अतिथि सीएल कुरील, डा. रामकुमार, पीपी गौतम, एवं काफी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का आयोजन अंगन प्रसाद एवं शशी किरन ने किया।

राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
मोबाइल -  7398265003