चित्रकूट बरेली घटनाओं से गया मंत्री का कारागार विभाग!

लंबे समय से हटाए जाने की चल रही थी कवायद मंत्री के हटाए जाने पर विभागीय अधिकारियों ने ली राहत की सांस

चित्रकूट बरेली घटनाओं से गया मंत्री का कारागार विभाग!
कारागार मंत्री

लखनऊ। प्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार के बाद विभागों के बंटवारे पर लगाई जा रहीं अटकलों पर मंगलवार को विराम लग गया। निवर्तमान जेलमंत्री को हटाकर इनके स्थान पर दारा सिंह चौहान को नया कारागार मंत्री बनाया गया है। निवर्तमान जेलमंत्री को हटाए जाने को लेकर काफी दिनों से तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे थे। मुख्यमंत्री के इस कदम से कारागार विभाग के अधिकारियों ने राहत की सांस ली है। निवर्तमान जेलमंत्री के कार्यकाल के दौरान प्रदेश की जेलों में कई बड़ी घटनाएं भी हुई। जेलमंत्री को घटनाओं के चलते हटाए जाने की नजर से देखा जा रहा है। मंत्रिमंडल विस्तार टलने की वजह से उन्हें हटाया नहीं गया था। विस्तार होते ही उनसे यह विभाग छीन लिया गया। जेलमंत्री को हटाए जाने के बाद अफसरों ने कई सनसनीखेज खुलासे भी किए हैं।

मंत्रिमंडल विस्तार में शामिल किए गए मंत्रियों को मंगलवार की शाम विभाग बांट दिए गए। विभाग बंटवारे में सबसे चौंकाने वाली बात यह देखने को मिली कि निवर्तमान कारागार एवं होमगार्ड राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति से कारागार विभाग हटाकर यह विभाग दारा सिंह चौहान को दिया गया। इस परिवर्तन से कारागार विभाग के अधिकारियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। मंत्री के उत्पीड़न से अजीज विभागीय अफसर मुख्यमंत्री के इस कदम सराहना करते हुए नजर आए। अधिकारियों ने इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार भी व्यक्त किया। 

विभाग को नए मंत्री से काफी उम्मीदे
प्रदेश के नए कारागार मंत्री दारा सिंह चौहान से जेल अधिकारियों और कर्मचारियों को काफी उम्मीदें है। नए मंत्री विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की उम्मीदों पर कितने खरे उतरेंगे यह तो आने वाला समय ही बताएगा। फिलहाल विभाग में लंबे समय से एक ही स्थानों पर डेरा जमाए अफसरों और कर्मियो इधर उधर हटाना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। इसके साथ ही विभाग में अधिकारियों को संख्या कम होना भी एक बड़ी समस्या बनी हुई है।

निवर्तमान जेलमंत्री के कार्यकाल के दौरान चित्रकूट जेल में माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की अनाधिकृत मुलाकात, बरेली जेल में प्रदेश के बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड की साजिश रचने व माफिया अतीक अहमद असरफ (मृतक) की अवैध मुलाकातों को लेकर यह जेलें सुर्खियों में रही। इसके अलावा बांदा, लखनऊ, आगरा जेलें भी कई सनसनीखेज घटनाओं को लेकर सुर्खियों में रही। यही नहीं सूत्रों की मानें तो निवर्तमान जेलमंत्री जेल अधिकारियों से ही कंबल समेत अन्य सामग्री खरीदवा कर उसी को जेल के गरीब बंदियों को बांटकर झूठी वाहवाही लूटने में भी पीछे नहीं रहे। जानकारों की माने तो जेलों में हुई इन घटनाओं से मुख्यमंत्री काफी नाराज थे। इस बदलाव को इसी नजरिए से जोड़कर देखा जा रहा है।