लखनऊ में "ब्रज की रसोई" द्वारा निराश्रितों के लिए निःशुल्क भोजन सेवा: आपका सहयोग बदल सकता है कई ज़िंदगियां
लखनऊ में इण्डियन हेल्पलाइन सोसाइटी द्वारा संचालित "ब्रज की रसोई" निराश्रित बच्चों और बुजुर्गों को निःशुल्क पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने की पहल है। इस सेवा का उद्देश्य समाज के सबसे ज़रूरतमंद लोगों को सम्मानजनक जीवन देना है। संस्था के सदस्य समाज के दयालु लोगों से इस नेक कार्य में सहयोग की अपील कर रहे हैं। हाल ही में रतन खण्ड और जोन 8 की झुग्गियों में लगभग 890 लोगों को भोजन वितरित किया गया, जिसमें कढ़ी चावल परोसा गया। ऑनलाइन दान की भी सुविधा है।
लखनऊ। इण्डियन हेल्पलाइन सोसाइटी द्वारा संचालित ब्रज की रसोई एक अद्वितीय सेवा पहल है, जिसका उद्देश्य समाज के सबसे ज़रूरतमंद वर्ग, अकिंचन, निराश्रित बच्चों और बुजुर्गों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है। इस मिशन को सफलतापूर्वक चलाने के लिए संस्था लगातार समाज के दयालु और संवेदनशील लोगों से सहयोग की अपील कर रही है।
संस्थापक विपिन शर्मा ने कहा, भूख सिर्फ शारीरिक कष्ट नहीं है, यह एक ऐसी समस्या है जो मानसिक और भावनात्मक रूप से भी व्यक्ति को प्रभावित करती है। एक छोटे-से सहयोग से हम इन बेसहारा बच्चों और बुजुर्गों की भूख मिटा सकते हैं, जिससे न सिर्फ उनका जीवन संवरता है, बल्कि हमें भी आत्मिक संतोष और पुण्य का अनुभव होता है।
संस्था के वरिष्ठ सदस्य पंकज राय ने कहा, बच्चे भगवान का रूप होते हैं, और जब आप उन्हें अपने हाथों से भोजन कराते हैं, तो जो आनंद और संतोष मिलता है, उसे शब्दों में बयान करना संभव नहीं।
वहीं सदस्य संजय श्रीवास्तव ने बताया हम सभी से विनम्र निवेदन करते हैं कि एक बार इस कार्यक्रम में समय निकालकर अवश्य शामिल हों और इस नेक कार्य का हिस्सा बनें।
संस्था के सदस्य विकास पाण्डेउ ब्रज की रसोई का प्रमुख उद्देश्य समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाना है। इस पहल के माध्यम से सैकड़ों निराश्रित बच्चों और बुजुर्गों को निःशुल्क भोजन प्रदान किया जाता है। यह भोजन न सिर्फ शारीरिक रूप से उन्हें मजबूती प्रदान करता है, बल्कि उन्हें एक सम्मानजनक और सुखी जीवन जीने का अवसर भी देता है।
संस्था के सदस्य अशोक गुप्ता ने कहा लोगों की सुविधा के लिए ऑनलाइन दान की भी व्यवस्था की है। आप संस्था के QR कोड को स्कैन करके आसानी से दान कर सकते हैं और इस सेवा कार्य में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
वहीं आशीष श्रीवास्तव ने बताया यदि आप व्यक्तिगत रूप से भोजन वितरण में भाग लेना चाहते हैं, तो आप कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर स्वयं बच्चों और बुजुर्गों को भोजन वितरित कर सकते हैं।
संस्था के सदस्य विशाल सक्सेना कहते है आपका छोटा-सा दान कई जिंदगियों को संवार सकता है। हर वह व्यक्ति जो इस कार्यक्रम में सहयोग करता है, वह समाज में एक महत्वपूर्ण बदलाव का हिस्सा बनता है। भोजन वितरण के इस कार्य में शामिल होकर, आप न सिर्फ दूसरों की भूख मिटा रहे हैं, बल्कि अपने जीवन में भी शांति और सुख का अनुभव करेंगे।
समाजसेवी सुनील कुमार ने कहा आइए, मिलकर इस नेक सेवा कार्य में सहयोग दें और समाज के जरूरतमंदों के चेहरे पर मुस्कान लाएं।
देवांश रस्तोगी ने बताया कि भोजन का वितरण रतन खण्ड पानी टंकी के पास की झुग्गियों और निर्माणाधीन विद्यालय के मजदूरों और उनके परिवारों व जोन 8 के सामने जुग्गी झोपड़ियो में किया गया, जिसमें लगभग 890 लोगों को भोजन में कढ़ी चावल वितरित किया गया।
इस कार्यक्रम में शामिल पंकज राय, देवांश रस्तोगी, सुनील कुमार, अशोक गुप्ता, संजय श्रीवास्तव, विशाल सक्सेना, आशीष श्रीवास्तव, विकास पाण्डेय, श्यामू शर्मा, रंजीत कश्यप, नवनीत वर्मा, ध्रुब सक्सेना सहित सभी समाजसेवियों का विपिन शर्मा ने आभार व्यक्त किया।