कानपुर आईआईटी में तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग ने अब दो स्थानों पर ट्रैंकुलाइजर गन के साथ टीमों को तैनात किया

कानपुर आईआईटी में तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग ने अब दो स्थानों पर ट्रैंकुलाइजर गन के साथ टीमों को तैनात किया है। साथ ही तेंदुए के आने जाने वाले रूट में पांच और ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं ताकि उसकी गतिविधियों के संबंध में और जानकारी जुटाई जा सके।

कानपुर आईआईटी में तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग ने अब दो स्थानों पर ट्रैंकुलाइजर गन के साथ टीमों को तैनात किया
कानपुर आईआईटी में तेंदुआ

कानपुर आईआईटी में तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग के बिछाए जाल से सोमवार रात तेंदुआ फिर बचकर निकल गया। जाल के पास ही विभाग ने हाइड आउट लगाया है लेकिन तेंदुआ इतनी तेजी से वहां से निकला कि उसे ट्रैंकुलाइज किया ही नहीं जा सका। अब विभाग ने उस क्षेत्र में दो और जगह जाल बिछाया है ताकि तेंदुए को पकड़ा जा सके।

डीएफओ श्रद्धा यादव ने बताया कि 30 अक्तूबर से लगातार तेंदुए के आने जाने के रास्ते को चिह्नित किया जा रहा था। सोमवार को तेंदुआ रात नौ से दस बजे के बीच राष्ट्रीय शर्करा संस्थान और फिर रात 11 से मंगलवार तड़के साढ़े तीन बजे के बीच आईआईटी में दिखाई दिया। इस दौरान वह विभाग के बनाए गए हाइड आउट और जाल के बगल से गुजरा।

हालांकि उसकी रफ्तार बेहद तेजी थी, इसलिए उसे ट्रैंकुलाइज करने का मौका नहीं मिल सका। डीएफओ के अनुसार उसी क्षेत्र में दो और जाल लगाए जा रहे हैं। उम्मीद है कि वह जल्द पकड़ा जाएगा। फिलहाल मंगलवार सुबह और शाम को वन विभाग के अधिकारियों ने कांबिंग कर उसके दिन में रुकने वाले स्थान को पता लगाने का प्रयास किया लेकिन अभी तक इसकी जानकारी नहीं मिल सकी है। साथ ही कहीं भी शिकार करने की बात सामने नहीं आई है।

आने जाने वाले रास्ते पर लगाए कैमरे : विभाग ने अब दो स्थानों पर ट्रैंकुलाइजर गन के साथ टीमों को तैनात किया है। साथ ही तेंदुए के आने जाने वाले रूट में पांच और ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं ताकि उसकी गतिविधियों के संबंध में और जानकारी जुटाई जा सके।