मेरठ के आनंद नर्सिंग कॉलेज में बीएससी तृतीय वर्ष की छात्रा आरजू (20) ने कॉलेज के हॉस्टल में फांसी लगाकर की आत्महत्या

कॉलेज कर्मचारियों दरवाजा तोड़ा तो छात्रा फंदे पर लटकी मिली। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस को कमरे से सुसाइड नोट मिला। इसमें छात्रा ने पेपर खराब होने और ब्लड कैंसर की बीमारी से परेशान होना बताया।

मेरठ के आनंद नर्सिंग कॉलेज में बीएससी तृतीय वर्ष की छात्रा आरजू (20) ने कॉलेज के हॉस्टल में फांसी लगाकर की आत्महत्या
आनंद नर्सिंग कॉलेज

मेरठ के आनंद नर्सिंग कॉलेज में बीएससी तृतीय वर्ष की छात्रा आरजू (20) ने ब्लड कैंसर से परेशान होकर रविवार आधी रात कॉलेज के हॉस्टल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सोमवार दोपहर तक कमरे का दरवाजा नहीं खुलने पर साथी छात्राओं ने कॉलेज प्रबंधन को सूचना दी। कॉलेज कर्मचारियों दरवाजा तोड़ा तो छात्रा फंदे पर लटकी मिली। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस को कमरे से सुसाइड नोट मिला। इसमें छात्रा ने पेपर खराब होने और ब्लड कैंसर की बीमारी से परेशान होना बताया।

मेडिकल थाना पुलिस के मुताबिक, दिल्ली स्थित लोधी कांप्लेक्स पॉकेट-3 निवासी राजकुमार सचिवालय में काम करते हैं। उनकी बेटी आरजू गढ़ रोड स्थित आनंद नर्सिंग कॉलेज में बीएससी तृतीय वर्ष की छात्रा थी। वह कॉलेज हॉस्टल में रहती थी। रविवार रात उनकी रूम पार्टनर दूसरे कमरें में पढाई कर रही थी। रात करीब 12 बजे वह लौटी तो दरवाजा अंदर से बंद था। इसके बाद वह दूसरे कमरे में जाकर सो गई।

सोमवार सुबह रूम पार्टनर ने दरवाजा खटखटाया तो आरजू से कोई जवाब नहीं दिया। काफी देर तक दरवाजा नहीं खुलने पर पार्टनर ने कॉलेज प्रबंधन को सूचना दी। अस्पताल मैनेजर मुनेश पंडित ने अन्य स्टाफ के साथ मिलकर दरवाजा तोड़ा तो आरजू पंखे पर फंदे से लटकी मिली। सूचना पर सीओ सिविल लाइन देवेश सिंह और इंस्पेक्टर बच्चू सिंह पहुंचे। सीओ ने फोरेंसिक टीम से कमरे की जांच कराई।

मेधावी छात्रा थी आरजू : मैनेजर मुनेश पंडित ने बताया कि आरजू होनहार और खुशमिजाज छात्रा थी। हर बार उसके अच्छे अंक आते थे। उसकी कभी कोई शिकायत भी नहीं मिली। जिसने ने भी उसकी मौत की खबर सुनी, दंग रह गया। उन्होंने बताया कि आरजू के कमरे से तीन पेज का सुसाइड नोट मिला है। एक पन्ने पर खून से लिखा था।

आरजू ने सुसाइड नोट में लिखा कि राधा स्वामी मुझे माफ कर देना, अब यहां रहना मुश्किल हो रहा है। पापा सॉरी, मैं आपको दुख देना नहीं चाहती, पर क्या करूं यहां मेरा दिल नहीं लग रहा। एग्जाम अच्छे नहीं जा रहे, मैं बहुत मेहनत कर रही हूं, जितना मुझसे हो रहा है। अब ऐसा लगता है मुझे इस दुनिया से चले जाना चाहिए। मेरी मौत का जिम्मेदार वैसे भी ब्लड कैंसर है। भोलू भाई आई लव यू सो मच। मां-पापा हो सके तो मुझे माफ कर देना।

पुलिस के मुताबिक, आरजू ने रात 12 बजे तक अपने मोबाइल पर चैटिंग की है। पुलिस ने मोबाइल सील किया है। मोबाइल की फोरेंसिक जांच के बाद पुलिस को कई साक्ष्य मिल सकते हैं। मौत का कारण भी अधिक स्पष्ट हो सकता है।