पुलिस के हाथ लगी सॉल्वर गैंग के सरगना की फोटो : परिवार के साथ कोलकाता भागा PK उर्फ नीलेश सिंह, अब तक कुल छह लोग गिरफ्तार

वाराणसी पुलिस द्वारा शनिवार को गिरफ्तार किए गए सॉल्वर गैंग के सदस्य विकास कुमार महतो और राजू कुमार ने चौंकाने वाली जानकारी दी थी। दोनों ने बताया था कि उनका गिरोह अभ्यर्थियों के मूल शैक्षणिक प्रमाण पत्र और एडमिट कार्ड मंगवाने के लिए हमेशा एयर कूरियर सर्विस का इस्तेमाल करता था।

पुलिस  के हाथ लगी सॉल्वर गैंग के सरगना की फोटो : परिवार के साथ कोलकाता भागा PK उर्फ नीलेश सिंह, अब तक कुल छह लोग गिरफ्तार
सॉल्वर गैंग का सरगना PK उर्फ नीलेश सिंह।

NEET परीक्षा में धांधली के प्रयास में लगे सॉल्वर गैंग के सरगना PK उर्फ नीलेश सिंह की तलाश में वाराणसी पुलिस ने आज पटना और छपरा में छापा मारा। PK के करीबियों से पूछताछ में पता लगा कि वह परिवार के साथ कोलकाता की ओर भागा है। उसने अपने सारे मोबाइल भी बंद कर रखे हैं। हालांकि, दबिश के दौरान PK की तस्वीर पहली बार पुलिस के हाथ लगी है।

PK पड़ोसियों को बताया था कि वह डॉक्टर है : PK ने पटना के पाटलिपुत्र में चार मंजिला आलीशान मकान बनवा रखा है। महंगी गाड़ियों का शौकीन PK अपनी कॉलोनी के लोगों को खुद को डॉक्टर बताता था। हालांकि, कॉलोनी के किसी भी व्यक्ति को यह नहीं पता कि पटना में उसका नर्सिंग होम कहां है। पुलिस ने दबिश दी तो PK की असलियत जानकार उसकी कॉलोनी के लोग सन्न रह गए। वहीं, बिहार के छपरा जिले के सेंधवा गांव स्थित PK के घर पुलिस गई तो पता लगा कि वहां उसने अपने करीबियों को खुद को बिजनेसमैन बता रखा है।

एयर कूरियर सर्विस का करते थे उपयोग : वाराणसी पुलिस द्वारा शनिवार को गिरफ्तार किए गए सॉल्वर गैंग के सदस्य विकास कुमार महतो और राजू कुमार ने चौंकाने वाली जानकारी दी थी। दोनों ने बताया था कि उनका गिरोह अभ्यर्थियों के मूल शैक्षणिक प्रमाण पत्र और एडमिट कार्ड मंगवाने के लिए हमेशा एयर कूरियर सर्विस का इस्तेमाल करता था। इससे फायदा यह होता था कि कूरियर कंपनी का डिलीवरी ब्वॉय कभी उनके ठिकाने तक नहीं आ पाता था। जब भी कूरियर आता था वह एयरपोर्ट जाकर उसे खुद ही लेते थे।

इसके अलावा सभी सदस्य फर्जी आईडी पर लिए गए सिम कार्ड का उपयोग करते थे। एक सिम का एक हफ्ते से ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया जाता था। बातचीत के लिए व्हाट्स ऐप मैसेज और कॉल का सहारा लिया जाता था।

यूपी पुलिस की एक टीम त्रिपुरा रवाना : NEET परीक्षा की मूल अभ्यर्थी हिना बिस्वास थी। हिना की जगह ही बीते 12 सितंबर को बीएचयू बीडीएस की छात्रा जूली कुमारी वाराणसी के सारनाथ स्थित स्कूल में NEET परीक्षा में बैठी थी। हिना बिस्वास के पिता गोपाल बिस्वास दवा कारोबारी हैं। गोपाल का घर त्रिपुरा में है। वाराणसी पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने बताया कि पिता-पुत्री की गिरफ्तारी के लिए त्रिपुरा पुलिस से संपर्क किया गया। पिता-पुत्री की धरपकड़ के लिए पुलिस की एक टीम त्रिपुरा रवाना की गई है।

कुछ अन्य मेडिकल छात्र भी शक के दायरे में : पुलिस अब तक की जांच के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि बीएचयू और केजीएमयू के कुछ अन्य मेडिकल छात्र भी सॉल्वर गैंग के संपर्क में हैं। उन मेडिकल छात्रों ने ही जूली कुमारी के बारे में सॉल्वर गैंग को पूरी जानकारी दी थी। इसके बाद गैंग का सदस्य विकास सक्रिय हुआ और उसने जूली के भाई अभय से मेलजोल बढ़ाया। फिर उसने अभय के घर जाकर उसकी मां बबिता देवी को 5 लाख रुपए का लालच देकर जूली को परीक्षा में बैठाने के लिए राजी किया।

पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने बताया कि हम परत दर परत सॉल्वर गैंग की गुत्थी सुलझा रहे हैं। फिलहाल हमारी प्राथमिकता में PK, हिना और गोपाल की गिरफ्तारी है। तय मानिए, इस गिरोह से जुड़ा एक भी सदस्य बच नहीं पाएगा। इस मामले में अब तक कुल छह लोग गिरफ्तार हो चुके हैं।