जेलकर्मी कर रहे बन्दी के परिजनों का जमकर आर्थिक शोषण, फर्जी आरटीपीसीआर रिपोर्ट से भी हो रही जेलों में मुलाकात

सुविधा शुल्क लेकर आधार कार्ड पर कराई मुलाकात, जेलकर्मियों की कमाई का जरिया बना मुलाकात का नया आदेश l रक्षाबंधन के दिन इस सच का खुलासा कानपुर देहात जेल में देखने को मिला। इस जेल पर एक सुरक्षाकर्मी ने बन्दी के परिजनों से मोटी रकम लेकर आधार कार्ड पर ही मुलाकात करा दी।

जेलकर्मी कर रहे बन्दी के परिजनों का जमकर आर्थिक शोषण, फर्जी आरटीपीसीआर रिपोर्ट से भी हो रही जेलों में मुलाकात
उत्तर-प्रदेश कारागार विभाग

लखनऊ। प्रदेश की जेलो में बंद बन्दियों से परिजनों की मुलाकात के लिए सरकार ने तुगलगी फरमान जेलकर्मियों की कमाई का जरिया बन गया है। रक्षाबंधन के दिन इस सच का खुलासा कानपुर देहात जेल में देखने को मिला। इस जेल पर एक सुरक्षाकर्मी ने बन्दी के परिजनों से मोटी रकम लेकर आधार कार्ड पर ही मुलाकात करा दी। शिकायत मिलने पर जेलर ने वार्डर को फटकार लगाकर वसूली के इस पूरे मामले को ही निपटा दिया। कोरोना कॉल के लंबे अंतराल के बाद परिजनों से बन्दियों की मुलाकात के लिए जो नियम व शर्ते रखी गयी है उससे बन्दी के परिजनों को दोहरी मार झेलने के लिए विवश होना पड़ रहा है। 

बीते सप्ताह शासन के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव गृह ने बन्दियों की परिजनों से मुलाकात के लिए एक शासनादेश जारी किया। इस शासनादेश में कहा गया कि परिजनो की बन्दियों से तभी मुलाकात कराई जाएगी जब वह जेल प्रशासन को अपनी कोविड जांच रिपोर्ट (आरटीपीसीआर) देंगे। इस रिपोर्ट के बगैर किसी भी परिजन की बन्दी से मुलाकात नहीं कराई जाएगी। शासन कबीह आदेश बन्दियों के परिजनों खासतौर पर गरीब बन्दियों के परिजनों के लिए मुसीबत का सबब बन गया है।

सूत्रों का कहना है कि शासन ने बगैर सोचे समझे ही यह तुगलगी फरमान जारी कर दिया। बताया गया है कि आरटीपीसीआर रिपोर्ट प्राप्त करने की जांच के लिए पहले परिजनों को आठ से नौ सौ रुपये प्रति व्यक्ति खर्च करना पड़ता है। नियमानुसार (आरटीपीसीआर) जांच रिपोर्ट कम से कम 72 घंटे बाद प्राप्त होती है। सूत्रों का कहना है कि रविवार को रक्षाबंधन  के पर्व पर कानपुर देहात जेल में वार्डर सूरज सिंह एवम पर्ची राइटर जय पाल ने दर्जनों की संख्या में मुलाकातियों से सुविधा शुल्क लेकर उन्हें बगैर आरटीपीसीआर रिपोर्ट लिए ही मुलाकात के लिए जेल के अंदर भेज दिया।

इस बात की जानकारी जब अन्य मुलाकातियों को हुई तो उन्होंने इसकी शिकायत जेलर केके सिंह से की। सूत्रों की माने तो जेलर ने सुविध शुल्क लेने वाले वार्डर व पर्ची राइटर के खिलाफ कार्यवाही करने के बजाए ले देकर मामले को निपटा दिया। यह तो सिर्फ एक बानगी है। सरकार के इस फरमान से गरीब बन्दियों के मुलाकातियों को जेलो पर आर्थिक शोषण का शिकार होना पड़ रहा है। बताया गया है कुछ लोग तो दी तीन सौ रुपये में फर्जी आरटीपीसीआर रिपोर्ट देकर भी मुलाकात कर रहे है। उधर इस संबंध में जब जेल मुख्यालय के अधिकारियों ने इस मामले पर कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया।

महिला मुलाकातियो को मिली छूट : लखनऊ। रक्षाबंधन के मौके पर प्रदेश की जेल पर आगंतुक महिलाओं को बंदी भाइयो को राखी बांधने के नियमो में थोड़ी शिथिलता बरती गई। आगंतुक महिलाओं से एक आवेदन पत्र लेकर उन्हें बन्दियों को राखी बांधने की छूट प्रदान की गई। बताया गया है कि राखी बांधने आयी महिलाओं से आवेदन पत्र लिया गया कि उन्होंने आरटीपीसीआर जांच कराई है रिपोर्ट नही मिल पाई है इस वजह से त्योहार के दिन उन्हें राखी बांधने की छूट प्रदान की जाए। रक्षाबंधन के मौके पर प्रदेश की जेलों पर जमकर महिला मुलाकातियों की भीड़ उमड़ी थी। महिलाएं अपने बन्दी भाईयों को राखी बांधकर शुभकानाएं दी। त्योहार के दिन नियमो में शिथिलता बरतने से महिलाओं को काफी राहत मिली।

राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
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