जेलों में सुरक्षा के बजाय अफसरों के कुत्ते टहला रहे बंदीरक्षक, अभी तक नहीं हटे रिटायर अफसरों के घरों पर लगे वार्डर

पूर्व प्रमुख सचिव जेल, रिटायर एआईजी व डीआईजी जेल के घरों पर लगे बंदीरक्षक, एक अधिकारी ने तो हटाये गए वार्डर को अपनी सुरक्षा में लगवाकर रिटायर्ड एआईजी के घर पर भेज दिया।

जेलों में सुरक्षा के बजाय अफसरों के कुत्ते टहला रहे बंदीरक्षक, अभी तक नहीं हटे रिटायर अफसरों के घरों पर लगे वार्डर
उत्तर प्रदेश कारागार विभाग

लखनऊ । जेलों में बन्दियों की सुरक्षा के लिए तैनात किए गए वार्डर शासन, मुख्यालय है नही रिटायर अफसरों के घरों पर चाकरी कर रहे है। यह बात सुनने में भले ही अटपटी लगे लेकिन सच है। मजे की बात यह है कि घरों में कुत्ता टहलाने, कपड़ा धोने, खाना बनाने सुरक्षाकर्मी को अभी तक हटाया नही गया। यही नही विभाग के रिटायर्ड एआईजी और डीआईजी ने सुरक्षाकर्मियों को अपने निजी आवास पर लगा रखा है। रिटायर्ड अफसरों के घरों पर लगे सुरक्षाकर्मियों का मामला विभागीय अधिकारियों में चर्चा का विषय बना हुआ है। चर्चा है कि पूर्व व रिटायर्ड अफसरों के घरों से सुरक्षाकर्मियों को वापस बुलाने पर वापसी होना तो दूर की बात बुलाने वाले अधिकारी को फटकार जरूर सुननी पड़ती है।

सूत्रों के मुताबिक करीब चौदह साल पहले प्रमुख सचिव कारागार रहे एक आईएएस अधिकारी के घर पर सेवा के लिए एक वार्डर लगाया गया था। राजधानी की आदर्श कारागार से लगे सुरक्षाकर्मी को वापस करने के लिए जेल के प्रभारी अधिकारी ने मुख्यालय को पत्र लिखा। सुरक्षाकर्मी के वापस नही आने पर जब उसका वेतन रोके जाने का आदेश हुआ तो अधिकारियों में खलबली मच गई। जेल मुख्यालय मे तैनात अधिकारी अनाधिकृत रूप से रिटायर्ड व पूर्व अधिकारियों के घरों पर चाकरी के लिए लगाए गए सुरक्षाकर्मियों को बचाने के लिए लामबंद हो गए। एक अधिकारी ने तो हटाये गए वार्डर को अपनी सुरक्षा में लगवाकर रिटायर्ड एआईजी के घर पर भेज दिया।

इसी प्रकार राजधानी की जेल से जेल मुख्यालय से रिटायर्ड एआईजी जेल शरद के घर पर सेवा के लिए लगे वार्डर को वापस करने का आदेश किया। इस पर जेल मुख्यालय में तैनात विजिलेंस जांच के दोषी अधिकारी वरिष्ठ अधीक्षक अम्बरीष गौड़ ने उक्त वार्डर को अपनी सुरक्षा में तैनात कराकर रिटायर्ड एआईजी के घर भेज दिया। ऐसे ही पांच-छह साल पहले जेल मुख्यालय से डीआईजी मुख्यालय के पद से सेवानिवृत्त हुए आरपी सिंह के घर पर आज भी जेल का एक वार्डर चाकरी कर रहा है।

यह वार्डर कानपुर जनपद की जेल से लगाया गया है। इसी प्रकार रिटायर्ड एआईजी के यहां हरदोई, सीतापुर व लखीमपुरखीरी जेल से वार्डर चाकरी के लिए लगाए गए है। यह तो बानगी भर है। इसी प्रकार कई सेवानिवृत्त अधिकारियों के घरों पर अनाधिकृत रूप से वार्डरों को  तैनात कर रखा गया है। उधर जेल मुख्यालय के अधिकारी इस गंभीर मसले पर टिप्पणी करने से बच रहे है।

राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
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