कुशीनगर : 21 लोगों से भरी नाव गंडक में डूबी, 19 सकुशल निकाले, दो अब भी लापता

गुरुवार की सुबह रेता क्षेत्र में खेती करने जाते वक्त डूब गई थी नाव, पश्चिमी चंपारण के डीएम ने पहुंचकर लिया बचाव कार्य का जायजा। पश्चिमी चंपारण के डीएम, एसपी, एसडीएम सहित अन्य अफसर पहुंचे। एनडीआरएफ की टीम बचाव कार्य में लगाई गई है।

कुशीनगर : 21 लोगों से भरी नाव गंडक में डूबी, 19 सकुशल निकाले, दो अब भी लापता
ग्रामीणों से भरी नाव गंडक में डूबी, गंडक नदी के पास मौजूद लोग।

कुशीनगर जिले से सटे बिहार के बगहां क्षेत्र में ग्रामीणों से भरी नाव गुरुवार की सुबह गंडक नदी में डूब गई। यह लोग गंडक के दियारा क्षेत्र में खेती करने नाव से जा रहे थे। नाव में सवार 19 लोगों को सकुशल बचा लिया गया है, जबकि दो व्यक्ति लापता हैं। पश्चिमी चंपारण के डीएम, एसपी, एसडीएम सहित अन्य अफसर पहुंचे। एनडीआरएफ की टीम बचाव कार्य में लगाई गई है। प्रशासन नाव में 21 लोगों के सवार होने और उनमें 19 लोगों को बचाए जाने का दावा कर रहा है।

बताया जा रहा है कि बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के बगहां थानाक्षेत्र अंतर्गत बगहां के दीनदयाल नगर, गांधीनगर और गोड़ियापट्टी के लोग नाव में सवार थे। सभी लोग गुरुवार की सुबह आठ बजे गंडक नदी के पार दियारा में खेती व पशुओं के लिए चारा काटने जा रहे थे। नाव बीच नदी में पहुंची तभी अचानक लहर में फंसकर डूब गई।

घाट पर मौजूद अन्य नाविक व ग्रामीण यह दृश्य देख तत्काल चार नावों को लेकर तेजी से नदी में पहुंचे और बह रहे लोगों को बाहर निकालना शुरू कर दिया। नाव डूबने की जानकारी सार्वजनिक होते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। डीएम कुंदन कुमार, एसडीएम शेखर आनंद के साथ एनडीआरएफ की टीम को लेकर घटनास्थल पर पहुंचे और बचाव कार्य का जायजा लिया। दोपहर बाद तक 19 लोगों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया था। कुछ अन्य लोग लापता थे। उनकी तलाश में एनडीआरएफ की टीम लगी है।

जान दांव पर लगाकर खेती करने जाते हैं लोग : प्रशासन नाव में 21 लोगों के सवार होने और 19 को बचाने का दावा कर रहा है, जबकि ग्रामीण नाव में सवार लोगों की संख्या लगभग 25 बता रहे हैं। इस संबंध में एसडीएम बगहां शेखर आनंद का कहना है कि प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक नाव में 21 लोग सवार थे। उनमें 19 लोगों को बचा लिया गया है। लापता दो व्यक्तियों की तलाश एनडीआरएफ की टीम कर रही है।

जनपद के खड्डा तहसील क्षेत्र सहित अन्य तहसील क्षेत्रों व बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के गंडक नदी किनारे बसे लोगों के लिए जीवन यापन करने का आधार खेती है। गंडक नदी पार कर दियारा में खेती करने उन्हें जाना पड़ता है। अनेक पशुपालक और किसान दियारा में झोपड़ी बनाकर रहते हैं और नाव से ही आते-जाते हैं। पशुओं का दूध लाने के लिए भी ग्वाले नाव का प्रयोग करते हैं। सरकार की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं होने पर लोग निजी नाव का प्रयोग करते हैं और इस क्रम में अक्सर हादसा हो जाता है।