रेडियो आज भी लोगों की ज़िंदगी से जुड़ा हुआ है : नवाबजादा सैय्यद मासूम रज़ा, एडवोकेट

रेडियो के महत्व को बताने के लिए हर साल विश्व रेडियो दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष के लिए थीम "रेडियो और विशवास" निर्धारित की गयी है। आज भी बिनाका गीत माला, उर्दू सर्विस, हवा महल, रेडियो सीलोन, विविध भारती से आने वाले हिन्दी गीत लोगों के ज़हनों में छाया हुआ है और मौजूद है।

रेडियो आज भी लोगों की ज़िंदगी से जुड़ा हुआ है : नवाबजादा सैय्यद मासूम रज़ा, एडवोकेट
रेडियो आज भी लोगों की ज़िंदगी से जुड़ा हुआ है. नवाबजादा सैय्यद मासूम रज़ा, एडवोकेट

लखनऊ : विश्व रेडियो दिवस हर साल फरवरी महीने में मनाया जाता है। सल्तनत मंजिल, हामिद रोड, निकट सिटी स्टेशन, लखनऊ के रहने वाले रॉयल फैमिली के नवाबजादा सैयद मासूम रज़ा, एडवोकेट ने कहा कि यह सच है कि देश ने बहुत तरक्की कि है मगर आज भी रेडियो लोगों की ज़िन्दगी से जुड़ा हुआ है और यह समाप्त नहीं हुआ है और इसका वजूद आज भी कायम है।

रेडियो के महत्व को बताने के लिए हर साल विश्व रेडियो दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष के लिए थीम "रेडियो और विशवास" निर्धारित की गयी है। आज भी बिनाका गीत माला, उर्दू सर्विस, हवा महल, रेडियो सीलोन, विविध भारती से आने वाले हिन्दी गीत लोगों के ज़हनों में छाया हुआ है और मौजूद है।

उन्होंने आगे कहा की वे 94.3 बिग एफएम से प्रसारित होने वाला आरजे पुनीत और आरजे रफत के जरिए पेश प्रोग्राम जब भी मौका मिलता है जरूर सुनते हैं। नवाबजादा सैय्यद मासूम रज़ा ने आगे बताया कि सल्तनत मंजिल, हामिद रोड, निकट सिटी स्टेशन,लखनऊ में बहुत ही पुराना रेडियो एंटीक और नायाब सेट Cambridge सही सलामत हालत में मौजूद है जो घर की शोभा बढ़ा रहा है।

पल्लव शर्मा
सीनियर पत्रकार