मोटी रकम लेकर धड़ल्ले से किये जा रहे तबादले : वार्डर संवर्ग के तबादलो में नही थम रही वसूली, वार्डरों के मनमाफिक जेल पहुँचने का सिलसिला बदस्तूर जारी
सूत्रों का कहना है कि धीरेंद्र कुमार पांडेय और साधना पांडेय को जेल मुख्यालय ने बीते करीब एक साल से अधिक समय से ड्यूटी पर अयोध्या में लगा रखा था। हाल ही में इनकी अस्थाई ड्यूटी को समाप्त कर रायबरेली वापस किया गया था।
लखनऊ। न बाप बड़ा न भईया, सबसे बड़ा रुपइया...यह कहावत जेल विभाग के अधिकारियों पर एकदम फिट बैठती है। अधिकारियों ने वार्डर-हेड वार्डर के तबादलो में मोटी रकम लेकर ऐसे वार्डर को कमाऊ जेलों पर तैनात किये जाने का सिलसिला बदस्तूर अभी भी जारी है। इस कड़ी में मंगलवार को एक दर्जन से अधिक वार्डर व हेड वार्डर के तबादले किये गए। वसूली का यह आलम रहा कि जिन वार्डर व हेड वार्डर को हाल ही में हटाया गया था उन्हें मोटी रकम लेकर फिर उसी स्थान पर भेज दिया गया।
यह मामला विभागीय सुरक्षाकर्मियो में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसको लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही है। चर्चा है मोटी रकम देने वाले वार्डर को नियमो को ताक पर रखकर कमाऊ जेलों पर तैनात कर दिया गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार को जेल मुख्यालय के डीआईजी जेल ने एक दर्जन से अधिक वार्डर व हेड के तबादलो की सूची जारी की। सूची में वार्डर विकास कटियार को झांसी से अलीगढ़, धीरेंद्र कुमार पांडेय को रायबरेली से अयोध्या, महिला हेड वार्डर सविता पांडेय को रायबरेली से अयोध्या, हेड वार्डर बृजेन्द्र कुमार यादव को सुल्तानपुर से अम्बेडकरनगर, वीरेंद्र सिंह को उरई से आदर्श कारागार लखनऊ, विनय कुमार पांडेय को हमीरपुर से केंद्रीय कारागार वाराणसी, हेड वार्डर विनोद कुमार यादव को फतेहगढ़ से जिला जेल कानपुर नगर, महिला हेड वार्डर अंजली यादव को अयोध्या से जिला जेल कानपुर नगर, अनुराग यादव को अयोध्या से जिला जेल कानपुर नगर, वीरपाल सिंह को केंद्रीय कारागार आगरा से मुरादाबाद, साधना यादव को बलिया से जिला जेल वाराणसी, दुर्गा प्रसाद को इटावा से उन्नाव एवम अपूर्व त्रिवेदी को उन्नाव से अम्बेडकरनगर स्थानांतरित किया गया है।
सूत्रों का कहना है कि धीरेंद्र कुमार पांडेय और साधना पांडेय को जेल मुख्यालय ने बीते करीब एक साल से अधिक समय से ड्यूटी पर अयोध्या में लगा रखा था। हाल ही में इनकी अस्थाई ड्यूटी को समाप्त कर रायबरेली वापस किया गया था। इसकी प्रकार विकास कटियार व वीरपाल सिंह को कमाऊ जेलों पर तैनात कर दिया गया। वीर पाल सिंह को जिस जेल में तैनात किया गया है उस जेल पर पहले से ही उसका एक और भाई तैनात है। यह तो बानगी भर है इसी प्रकार तबादलो में वार्डर-हेड वार्डर के तबादलो में जेल अफसरों ने जमकर वसूली की। मोटी रकम लेकर वार्डरों को मनमाफिक जेलों पर तैनाती दी गयी है। यही नही निजी अनुरोध पर वार्डरों को तोहफे में कमाऊ जेल पर तैनाती दे दी गयी।
सूत्रों की मानें तो इनसे पचास-पचास हज़ार रुपये वसूल किये गए है। तबादलों से आक्रोशित वार्डरों ने किये गए तबादलो की उच्चस्तरीय जांच कराए जाने की मांग की है। जांच में दूध का दूध पानी का पानी होने के साथ सच सामने आ जाएगा। उधर इस संबंध में जब डीआईजी जेल मुख्यालय शैलेन्द्र मैत्रेय से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फ़ोन ही नही उठाया।
राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
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