पुरानी पेंशन समेत कई मांगों पर सरकार की अनदेखी से नाराज कर्मचारी संगठन, 30 अक्टूबर को पूरे प्रदेश में निकालेगें बाइक रैली
हरि किशोर तिवारी ने बताया कि पुरानी पेंशन पर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र तिवारी ने सहमति नहीं दी है। शासन स्तर पर हुई वार्ता में शामिल अधिकारियों ने इस पर नकरात्मक रुख अपनाया है। इसके बाद कर्मचारी संगठन ने आंदोलन का ऐलान कर दिया है।
कर्मचारियों की मांगों पर कोई सुनवाई न होने से संगठनों में नाराजगी बढ़ने लगी है। यही पिछले 18 महीने से एस्मा लगने से नाराज कर्मचारी संगठनों ने मोटर बाइक रैली निकालने का फैसला किया है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी ने कहा 18 महीने तक एस्मा लगाकर कर्मचारी समस्याओं पर वार्ता न करके कुचलने के प्रयास के विरोध में पांच अक्टूबर से पूरे प्रदेश में आंदोलन शुरू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी मांगों को सरकार लगातार नजर अंदाज कर रही है। इसकी वजह से कर्मचारियों में सरकार के प्रति नाराजगी व्याप्त है।
हरि किशोर तिवारी ने बताया कि पुरानी पेंशन पर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र तिवारी ने सहमति नहीं दी है। शासन स्तर पर हुई वार्ता में शामिल अधिकारियों ने इस पर नकरात्मक रुख अपनाया है। इसके बाद कर्मचारी संगठन ने आंदोलन का ऐलान कर दिया है। यूपी में मौजूदा समय में 20 लाख से ज्यादा कर्मचारी हैं।
आज से शुरू होगा आंदोलन : हरि किशोर तिवारी ने यह भी बताया कि चतुर्थ और तृतीय श्रेणी के खाली पदों को भरने समेत कई मांगों पर हमने चर्चा की। लेकिन उस पर भी सकारात्मक जवाब नहीं मिला। ऐसे में तय किया गया है कि कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी एवं पेंशन अधिकार मंच उत्तर प्रदेश के बैनर तले पांच अक्टूबर से आंदोलन शुरू करने का फैसला किया था। इसमें पांच अक्टूबर को प्रदेश के हर जिले में मोटर साइकिल रैली निकाली जाएगी।
इसके बाद 28 अक्टूबर को हर जिले में एक दिवसीय धरना और 30 अक्टूबर को राजधानी में विशाल प्रान्तीय रैली की जााएगी। चुनाव नजदीक आने के साथ कर्मचारी संगठनों का आंदोलन बढ़ता जाएगा। सूत्रों का कहना है कि सरकार उस दौरान दबाव में आकर कर्मचारियों की कुछ मांग पूरी कर सकती है।
अन्य प्रमुख मांगें
- विभागों पर प्रमोशन की मुहिम चलाई जाए और तीन महीने में पद भरे जाएं
- कैशलेस इलाज सुविधा जिसका नाम दीन दयाल उपाध्याय कैश लेस कर्मचारी योजना है, उसको जल्द लागू किया जाए
- फील्ड कर्मचारियों को मोटरसाइकिल भत्ता दिया जाए
- संविदा, आउटसोर्सिंग, मानदेय और दैनिक वेतन पर कार्य कर रहे कर्मियों से केन्द्र के समान नियमावली बनाकर काम लिया जाए
- विभागीय विवाद फोरम को सक्रिय कर अनावश्यक रूप से कर्मचारियों के न्यायालयिक विवादों को कम किया जाए