"नेशनल पी.जी. कॉलेज में वन्यजीव संरक्षण पर विद्यार्थी विकास कार्यक्रम कार्यशाला का सफल आयोजन"

नेशनल पी.जी. कॉलेज, लखनऊ में 2 से 8 अक्टूबर 2024 तक वन्य जीव सप्ताह के अंतर्गत विद्यार्थी विकास कार्यक्रम कार्यशाला का आयोजन हुआ। प्राचार्य प्रो. देवेंद्र कुमार सिंह और जंतु विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार के नेतृत्व में यह कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें पोस्टर, स्लोगन, निबंध और भाषण जैसी विभिन्न गतिविधियों के जरिए छात्रों का ज्ञानवर्धन किया गया। मुख्य वक्ता डॉ. शैलेंद्र सिंह ने "जलीय वन्यजीव संरक्षण" पर जानकारी दी और विलुप्त प्रजातियों को बचाने की आवश्यकता पर जोर दिया। 120 से अधिक छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

"नेशनल पी.जी. कॉलेज में वन्यजीव संरक्षण पर विद्यार्थी विकास कार्यक्रम कार्यशाला का सफल आयोजन"
विद्यार्थी विकास कार्यक्रम कार्यशाला

लखनऊ। नेशनल पी.जी. कॉलेज, लखनऊ में 2 अक्टूबर 2024 से 8 अक्टूबर 2024 तक वन्य जीव सप्ताह के अंतर्गत *विद्यार्थी विकास कार्यक्रम* नामक *कार्यशाला* का आयोजन महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर देवेंद्र कुमार सिंह तथा जंतु विज्ञान विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ ज्ञानेंद्र कुमार के नेतृत्व में मनाया गया जिसमें छात्रों के ज्ञानवर्धन के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियां पोस्टर, स्लोगन, निबंध तथा भाषण कराए गए । 

 इस अवसर पर प्राचार्य ने वन्यजीव संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला और छात्रों को पर्यावरण और जीवों के संरक्षण के प्रति जागरूक होने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के *मुख्य वक्ता डॉ शैलेंद्र सिंह डायरेक्टर टी एस ए फाउंडेशन ने "जलीय वन्यजीव संरक्षण"* विषय पर जानकारी देते हुए कहां की जीव जंतु किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाते हैं उनको संरक्षित करने की आवश्यकता है । आज विलुप्त हो रही बहुत सी प्रजातियां जैसे कछुआ, टाइगर, घड़ियाल, मगरमच्छ, डॉल्फिन, सारस, कौवा, गिद्ध तथा गौरैया को संरक्षित करने और जन मानस को जागरूक करने की आवश्यकता है। महाविद्यालय के प्राक्टर प्रोफेसर पीके सिंह ने रामायण का उदाहरण देते हुए कहा कि असत्य पर सत्य की विजय के लिए जानवरों ने ही सहयोग किया था इसलिए वन्य जीव जंतुओं तथा जल को संरक्षित करना अति आवश्यक है। जूलॉजी के विभाग अध्यक्ष डॉ ज्ञानेंद्र कुमार ने वन्यजीवों को असमान हत्या और अवैध शिकार से बचाने के लिए प्रेरित किया। जूलॉजी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर अर्चना सिंह ने कहा कि जैव विविधता को संरक्षित करने और पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को बनाए रखने के लिए वन्यजीव संरक्षण महत्वपूर्ण है। रसायन विज्ञान के विभाग अध्यक्ष डॉक्टर विकास सिंह ने कहा कि संरक्षण का लक्ष्य आनुवंशिक, प्रजाति, जनसंख्या और पारिस्थितिकी तंत्र के स्तर पर जैविक विविधता को बनाए रखते हुए वर्तमान और भविष्य के विकल्पों को सुरक्षित करना होना चाहिए। असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर नीलम ने आज के मुख्य वक्ता का परिचय दिया। आज के कार्यक्रम में 120 छात्र-छात्राओं ने बहुत ही उत्साह पूर्वक सहभागिता की।