उत्तर प्रदेश व बिहार के 300 से अधिक नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी, कंसलटेंसी कंपनी पर केस दर्ज

उत्तर प्रदेश व बिहार के 300 से अधिक बेरोजगारों से कंसलटेंसी कंपनी ने ठगी की। उनको कुवैत की एक कंपनी में नौकरी दिलाने के नाम पर 1.25 करोड़ रुपये ऐंठ लिये। रुपये वसूली करने के बाद 28 अक्तूबर को कंपनी के निदेशक सहित सभी लोग कार्यालय बंद कर फरार हो गये।

उत्तर प्रदेश व बिहार के 300 से अधिक नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी, कंसलटेंसी कंपनी पर केस दर्ज
लखनऊ में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी

उत्तर प्रदेश व बिहार के 300 से अधिक बेरोजगारों से कंसलटेंसी कंपनी ने ठगी की। उनको कुवैत की एक कंपनी में नौकरी दिलाने के नाम पर 1.25 करोड़ रुपये ऐंठ लिये। रुपये वसूली करने के बाद 28 अक्तूबर को कंपनी के निदेशक सहित सभी लोग कार्यालय बंद कर फरार हो गये। जानकारी होने पर पीड़ितों ने कंपनी की महिला निदेशक सहित चार के खिलाफ विभूतिखंड थाने में तहरीर दी। जिस पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। चारो आरोपियों की तलाश की जा रही है।

प्रभारी निरीक्षक विभूतिखंड राम सिंह के मुताबिक देवरिया में वेद प्रकाश दुबे परिवार सहित रहते हैं। वेद प्रकाश दुबे के मुताबिक वह विदेश में नौकरी की तलाश कर रहे थे। इसी बीच उनके परिचित ने विभूतिखंड के रेड ब्रिज कंसलटेंट नाम की कंपनी के बारे में जानकारी दी। बताया कि कंपनी विदेशों में खासकर खाड़ी देश में आसानी से नौकरी दिलवा देगी। भरोसा कर कंपनी के कार्यालय के नंबर पर  संपर्क किया। उनकी बात कंपनी की निदेशक मानसी शुक्ला से कराई गई। बातचीत में मानसी शुक्ला ने कुवैत की एक कंपनी में वेद प्रकाश को वेल्डर की नौकरी दिलाने की बात कही और बातचीत के लिए लखनऊ बुलाया।

टूरिस्ट वीजा के लिए दिये 47 हजार : पीड़ित वेद प्रकाश के मुताबिक अक्तूबर माह वह लखनऊ स्थित रेड ब्रिज कंसलटेंट कंपनी के कार्यालय पहुंचे। कार्यालय में निदेशक मानसी के अलावा गुरुप्रीत सिंह, शारदा और अंजली नाम की कर्मचारी से मिले। बातचीत के दौरान नौकरी के लिए कंपनी के लोगों ने उससे रुपये की डिमांड रखी। इस पर पीड़ित ने दो बार में 47 हजार रुपये कंपनी के लोगों को दिए। पीड़ित का आरोप है कि रुपये लेने के कुछ दिनों के बाद कंपनी ने उनको वीजा दे दिया।

28 अक्तूबर को बुलाया, बंद था कार्यालय : वेद प्रकाश के मुताबिक वीजा मिलने के बाद कंपनी के लोगों ने 28 अक्तूबर को उनको कुवैत का टिकट लेने के लिए बुलाया था। वह जब 28 अक्तूबर को लखनऊ स्थित कंपनी के कार्यालय पहुंचे तो वहां ताला बंद मिला। आसपास के लोगों से जानकारी करने पर पता चला कि कंपनी बंद हो चुकी है। यह बात सुन वेद प्रकाश के होश उड़ गये। उन्होंने कंपनी के लोगों से संपर्क करने का प्रयास किया पर संपर्क नहीं हो सका। जब वीजा की जांच कराई तो पता चला कि वीजा नौकरी का न होकर टूरिस्ट वीजा है। छानबीन करने पर वेद प्रकाश को ठगी का पता चला।

300 से अधिक बेरोजगारों को बनाया निशाना : कुवैत में नौकरी के नाम पर वेद प्रकाश की तरह ही उन्नाव निवासी दीपक पाल, सुल्तानपुर निवासी रमेश कुमार, अमेठी निवासी राम प्रवेश, सुल्तानपुर निवासी मोहम्मद अख्तर, बस्ती निवासी सेतु राम, राजेश, उन्नाव निवासी राजकुमार ने 19 नवंबर को इस संबंध में डीसीपी पूर्वी प्राची सिंह से मिलकर शिकायत की। डीसीपी के आदेश पर विभूतिखंड पुलिस ने कंपनी की निदेशक मानसी शुक्ला, गुरुप्रीत सिंह, शारदा और अंजली के खिलाफ  मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पीड़ित वेद प्रकाश के मुताबिक कंपनी ने यूपी और बिहार के करीब 300 से अधिक बेरोजगार युवकों को अपना शिकार बनाया है।