होटल लेवाना का मालिक गिरफ्तार : होटल मालिक को गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया

हजरतगंज के मदन मोहन मालवीय मार्ग स्थित होटल लेवाना का एलडीए ने नक्शा पास नहीं किया था। हालांकि, इसके इंजीनियरों और अफसरों की भरपूर ‘सेवा’ के चलते यह होटल अवैध तरीके से बन गया। एलडीए के अधिकारियों के मुताबिक वर्ष 1996 में बंसल कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम से गुलमोहर अपार्टमेंट बनाने के लिए ग्रुप हाउसिंग का नक्शा पास कराया गया था।

होटल लेवाना का मालिक गिरफ्तार : होटल मालिक को गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया
आग घटना मामले में होटल लेवाना का मालिक गिरफ्तार

लखनऊ के हजरतगंज स्थित होटल लेवाना सुइट्स के मालिक राहुल अग्रवाल, रोहित अग्रवाल और जीएम सागर श्रीवास्तव को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इन सभी के खिलाफ सोमवार को लापरवाही और गैरइरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। मंगलवार को उन्हें गिरफ्तार कर मेडिकल के लिए ले जाया गया। इसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

उधर,अग्निकांड की जांच के लिए प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद द्वारा बनाई गई जांच कमेटी के सभी सदस्य मंडलायुक्त रोशन जैकब, लखनऊ पुलिस आयुक्त एसबी शिरडकर और डीआईजी अग्निशमन आकाश गुलहरी जांच के लिए होटल लेवाना सुइट्स पहुंचे हैं। कमेटी शाम को रिपोर्ट देगी।

हजरतगंज के चार सितारा होटल लेवाना सुइट्स में सोमवार सुबह भीषण आग लग गई। हादसे में चार लोगों की मौत हो गई जबकि धुएं के कारण दम घुटने से 16 लोग बेहोश हो गए थे। जान गंवाने वाले सभी लखनऊ के ही थे।

एलडीए की ‘सेवा’ से बन गया लेवाना होटल : हजरतगंज के मदन मोहन मालवीय मार्ग स्थित होटल लेवाना का एलडीए ने नक्शा पास नहीं किया था। हालांकि, इसके इंजीनियरों और अफसरों की भरपूर ‘सेवाके चलते यह होटल अवैध तरीके से बन गया। एलडीए के अधिकारियों के मुताबिक वर्ष 1996 में बंसल कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम से गुलमोहर अपार्टमेंट बनाने के लिए ग्रुप हाउसिंग का नक्शा पास कराया गया था।

कंपनी ने अपार्टमेंट के पास खाली जमीन छोड़ी थी, जिस पर ऑफिस बनना था। ग्रुप हाउसिंग बनने के बाद इसका इस्तेमाल वापस आवासीय करना था, लेकिन एलडीए इंजीनियरों-अधिकारियों की सांठगांठ से वर्ष 2017 में इसकी जगह होटल लेवाना शुरू हो गया। इसे बनवाने में एलडीए के इलाकाई तत्कालीन अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता एवं अवर अभियंता की सरपरस्ती रही।