छतरपुर में दबंगई : दलित आरक्षक दूल्हे को घोड़ी चढ़ने से रोका, तो पुलिस बनी बराती और पूरे गांव में घुमाया

पुलिस आरक्षक दयाचंद पिता भागीरथ अहिरवार की शादी थी। दयाचंद टीकमगढ़ जिले की कोतवाली में पदस्थ है। दूल्हे के रूप में वह घोड़ी पर बैठ तो गया, लेकिन उसकी बरात गांव से निकलना और उसका घोड़ी पर बैठना दबंगों को रास नहीं आया।

छतरपुर में दबंगई : दलित आरक्षक दूल्हे को घोड़ी चढ़ने से रोका, तो पुलिस बनी बराती और पूरे गांव में घुमाया
दबंगों को घोड़ी पर चढ़ने से रोका गया

मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एक पुलिस वाले दूल्हे को घोड़ी चढ़ने पर दबंगों की दबंगई का शिकार होना पड़ा। दबंगों ने घोड़ी पर बैठकर उसकी बरात नहीं निकलने दी और बारात का DJ बंद करवाकर उसे गांव से बाहर किया गया। जिसकी सूचना परिजनों ने पुलिस को दी जहां सुबह पुलिस सुरक्षा में उसकी बरात निकाली गई।

जानकारी के मुताबिक मामला छतरपुर जिले के भगवां थाना क्षेत्र के कुण्डलया गांव का है। पुलिस आरक्षक दयाचंद पिता भागीरथ अहिरवार की शादी थी। दयाचंद टीकमगढ़ जिले की कोतवाली में पदस्थ है। दूल्हे के रूप में वह घोड़ी पर बैठ तो गया, लेकिन उसकी बरात गांव से निकलना और उसका घोड़ी पर बैठना दबंगों को रास नहीं आया। उन्होंने उसे ऐसा करने से रोका। सवर्ण रहते हैं, उस गली में घुसने तक नहीं दिया।

मामला पुलिस के संज्ञान में आने पर दूसरे दिन पुलिस सुरक्षा में धूमधाम से रास (बरात) निकाली गई। कलेक्टर संदीप जीआर, पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा भी मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने दयाचंद को पुलिस अभिरक्षा में घोड़े पर बैठाकर धूमधाम से रास निकलवाई। इस दौरान भारी पुलिस बल तैनात रहा।

एएसपी विक्रम सिंह ने बताया कि मामले को सुलझा लिया था। 

दूल्हे दयाचंद अहिरवार का कहना है कि हमारे गांव में परंपरा है कि छोटी जाति का कोई दूल्हा घोड़ी पर बैठकर बरात नहीं निकाल सकता। मैंने ये परंपरा तोड़ने की ठानी। मैंने जब घोड़ी पर बैठकर बरात निकाली तो एक गली के बाहर कुछ ऊंची जाति के युवाओं ने डीजे वाले को आगे बढ़ने से रोका। दरअसल, बरात उस गली से निकल रही थी, जहां सवर्ण लोग रहते हैं। मैंने इसकी सूचना मेरे वरिष्ठ अधिकारियों को दी। दयाचंद ने कहा कि अभी तो विभाग के लोगों ने बरात निकालने में मदद कर दी है। बाद में परेशानी हो सकती है। कुछ लोग विवाद कर सकते हैं।

एएसपी विक्रम सिंह ने बताया कि गुरुवार रात को कांस्टेबल दयाचंद की शादी थी। समाज में कुरीतियों के कारण कुछ विवाद की बात सामने आई थी। मामले को सुलझा लिया गया था। पुलिस की मौजूदगी में ही शादी की रस्में पूरी हुईं। एसपी सचिन शर्मा ने बताया एक गली में जाने से रोका गया था, लेकिन दूल्हे को धूमधाम से घोड़ी पर बैठाकर पुलिस की सुरक्षा में हर गली से गुजारा गया।

मामले के बाद पूरे गांव में बड़ी संख्या में पुलिस तैनात थी। पूरे समय बरात में साथ रही और वीडियोग्राफी भी करवाई गई।