हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति और उत्तराखंड के चमोली में भरभराकर पूरा पहाड़ नदी में समा गया, पानी का बहाव रूकने से कई गांव खतरे में
हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति में शुक्रवार को उदयपुर तहसील के नालदा गांव के पास लैंडस्लाइड से चिनाब नदी का प्रवाह रोक दिया है. अब इससे सिर्फ 10-15 प्रतिशत पानी ही आगे जा पा रहा है. इससे गांव के पास एक झील बन गई है.
हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन की घटनाएं रूकने का नाम नहीं ले रही हैं। किन्नौर के बाद प्रदेश के जनजातीय बाहुल जिले लाहौल स्पीति में नाल्दा गांव के निकट पूरा पहाड़ ही चंद्रभागा नदीं में आकर गिर गया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। पहाड़ के नदी में गिरने से पानी का रास्ता पूरी तरह रूक गया है जिसके बाद नदी के निकटवर्ती गांवों के लिए खतरा पैदा हो गया है। कई एकड़ फसल योग्य भूमि जलमग्न हो गई है। इस बीच मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जिला प्रशासन को तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू करने का आदेश दिया है। हालांकि घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। वहीं उत्तराखंड के जोशीमठ में भी लैंडस्लाइड की घटना सामने आई है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ट्वीट करते हुए कहा, 'लाहौल-स्पीति के नालड़ा गांव में भूस्खलन होने से चंद्रभागा नदी का प्रवाह अवरुद्ध हो गया था। सूचना प्राप्त होते ही हमारे द्वारा मौके पर एक उच्च स्तरीय टीम मंत्रिमंडल में मेरे सहयोगी डॉ. रामलाल मारकंडा जी के नेतृत्व में स्थिति का जायजा लेने भेज दी गयी हैं। प्राप्त सूचना के आधार पर अब नदी का प्रवाह खुल रहा है। हमने ज़िला प्रशासन को यह निर्देश दिए है कि यह सुनिश्चित किया जाए इसके कारण किसी को भी किसी भी प्रकार का नुक़सान ना हो। मेरा स्थानीय जनता से भी विनम्र आग्रह है कि नदी किनारे तथा भूस्खलन संभावित क्षेत्रों के समीप न जाएं।'
मुख्य बातें
- लगातार बारिश से पहाड़ी राज्यों में बढ़ा भूस्खलन का खतरा
- हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति में पूरा पहाड़ नदी में आकर गिरा
- उत्तराखंड के चमोली में भी भूस्खलन की घटना आई सामने
- स्थानीय प्रशासन ने हेलीकॉप्टर से किया सर्वे
स्थानीय प्रशासन ने स्थिति का जायजा लेने के लिए हेलीकॉप्टर से सर्वे किया. साथ ही एहतियात के तौर पर आस-पास के गांवों के लोगों को रेस्क्यू कर लिया है. प्रशासन ने एनडीआरएफ की एक टीम को भी मौके पर तैनात कर दिया.
15 लोगों की मौत : वहीं कुछ दिन पहले हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में राष्ट्रीय राजमार्ग 5 पर चौरा गांव के पास लैंडस्लाइड में 15 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि 13 लोगों को रेस्क्यू किया गया था, वहीं 16 लोग अभी भी लापता हैं. हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर ने विधानसभा में गुरुवार को ये जानकारी दी.
बस लैंडस्लाइड की चपेट में आई : हिमाचल सड़क परिवहन निगम की एक बस रिकांगपियो से शिमला होते हुए हरिद्वार जा रही थी, बुधवार को ये बस भी लैंडस्लाइड की चपेट में आ गई थी. वहीं हादसे के बाद शवों के मिलने का सिलसिला जारी है. अब तक 15 शव मलबे से बाहर निकाले जा चुके हैं. गुरुवार को लगातार चट्टानें गिरने की वजह से राहत-बचाव कार्य बाधित हो गया था. लेकिन आज सुबह तड़के 4 बजे रेस्क्यू ऑपरेशन फिर से शुरू किया गया है.
लैंडस्लाइड की वजह से राहत और बचाव कार्य रोकना पड़ा : मलबे से आज दो और शव बरामद किए जा चुके हैं, जिसके बाद शवों की कुल संख्या 15 हो गई है. गुरूवार सुबह भी रेस्क्यू-ऑपरेशन फिर से शुरू किया गया था. इस दौरान चार और शव बरामद किए गए थे. लेकिन भूस्खलन की वजह से राहत और बचाव कार्य को फिर से रोकना पड़ा था.
कई वाहन लापता : कुछ वाहनों के साथ ही मलबे में हिमाचल सड़क परिवहन निगम की एक बस भी दब गई थी. बस बुरी तरह क्षतिग्रस्त हालत में मिली है. जबकि एक बोलेरो का अब तक पता नहीं चल सका है और आशंका जताई जा रही है कि वह मलबे के साथ ही नीचे चली गई है.