यूपी साइबर क्राइम ब्रांच ने पेंशन खाते में सेंध लगाने वाले दो बदमाशों को कोलकाता से गिरफ्तार किया

पुलिसकर्मियों समेत कई अन्य लोगों के खातों से 5.16 करोड़ रुपए की ठगी की थी, इनके खिलाफ लखनऊ, वाराणसी समेत यूपी के कई अन्य जिलों में ठगी के मुकदमें दर्ज थे।

यूपी साइबर क्राइम ब्रांच ने पेंशन खाते में सेंध लगाने वाले दो बदमाशों को कोलकाता से गिरफ्तार किया
अपराधी सरकारी नौकरी से रिटायर कर्मचारियों के पेंशन खाते में सेंध लगाकर रुपए निकाल लेते थे।

उत्तर प्रदेश पुलिस साइबर क्राइम ब्रांच ने रविवार को शातिर अपराधी प्रमोद मंडल को कोलकाता से उसके एक साथी समेत गिरफ्तार कर लिया है। दोनों ही अपराधी सरकारी नौकरी से रिटायर कर्मचारियों के पेंशन खाते में सेंध लगाकर रुपए निकाल लेते थे। वे झारखंड के रहने वाले हैं। आजकल कोलकाता में ठिकाना बनाकर ठगी का गिरोह चला रहे थे। इनके खिलाफ लखनऊ, वाराणसी समेत यूपी के कई अन्य जिलों में ठगी के मुकदमें दर्ज थे।

दोनों बदमाशों ने पिछले दिनों चार पुलिस कर्मियों को भी अपना शिकार बनाया था। इनके पास से पुलिस को 13 मोबाइल फोन, सात बैंकों के एटीएम कार्ड, 13 सिम कार्ड, तीन आधार कार्ड, एक पैन व एक वोटर आईडी मिली है। फिलहाल पुलिस अब इनसे पूछताछ कर रही है।

फोन पर मांगते थे निजी जानकारी : साइबर क्राइम ब्रांच से मिली जानकारी के मुताबिक प्रमोद मंडल ऑनलाइन ठगी का गैंग चलाता है। वह रिटायर सरकारी कर्मचारियों से फोन पर उनकी निजी जानकारी लेकर उनके बैंक खातों से ऑनलाइन रुपए निकाल लेता था। पुलिस टीम ने उसे कोलकाता से साथी मंटू कुमार मंडल के साथ गिरफ्तार किया है। दोनों के खिलाफ चार पुलिस कर्मियों समेत दर्जनों लोगों ने ठगी का मुकदमें दर्ज कराया था।

लखनऊ और वाराणसी समेत कई थानों में मुकदमा दर्ज : मुकदमों की विवेचना में सामने आया कि ऑनलाइन ठगी के मामले में झारखंड के प्रमोद मंडल गैंग का हाथ है। मोबाइल नंबरों, बैंक खाते की डिटेल आदि की मदद से आरोपियों को पुलिस टीम खोज सकी। इन लोगों ने धोलपुर राजस्थान के अभिषेक राजपूत, पुणे महाराष्ट्र के जयंत मणिकर और तेलंगाना, मिर्जापुर, औरैया आदि जिलों के लोगों को भी ठगा है। साथ ही लखनऊ हजरतगंज थाने और थाना साइबर क्राइम परिक्षेत्र वाराणसी में दर्ज मुकदमों में भी वांछित थे। इन लोगों ने करीब 5.16 करोड़ रूपए की ठगी को अंजाम दिया है।

ऑनलाइन ट्रांजेक्शन सुविधा एक्टिवेट कर देते थे  : साइबर ठगी का गैंग चलाने वाले प्रमोद मंडल के मुताबिक सरकारी रिटायर कर्मियों के डाटा को ओपन सोर्स से ऑनलाइन चुरा लेते थे। उसके बाद पेंशन धारकों को फोन करके पेंशन व खाता अपडेट करने की बात कहकर अपनी बातों में फंसाते थे। उनकी निजी जानकारी लेने के बाद उनके बैंक खातों में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन सुविधा एक्टिवेट कर देते थे।

साथ ही उसमें अपना मोबाइल नंबर अपडेट कर दिया करते थे। जिससे ओटीपी और पैसा निकलने का मैसेज पीड़ित तक नहीं पहुंचता था। वहीं पीड़ित को ठगी की जानकारी बैंक में पैसा निकालने पर होती थी। लेकिन तब तक ये लोग पूरा खाता खाली कर चुके होते थे।

चार लोगों ने दर्ज कराया मुकदमा : साइबर क्राइम थाना लखनऊ पर पुलिस पेंशन धारक महिला हेड कांस्टेबल एस्टरडीन ने पिछले दिनों करीब 9 लाख रुपए और सब-इंस्पेक्टर रामलखन चौधरी ने 10 लाख ठगी होने की शिकायत की थी। ऐसे ही सब-इंस्पेक्टर छोटे लाल खां के करीब 11 लाख रुपये और सब-इंस्पेक्टर उदयवीर सिंह के करीब 10 लाख की ठगी का मुकदमा हरदोई कोतवाली में दर्ज है। पुलिस गिरोह के सदस्य मितन मंडल, राहुल मंडल, विक्रम मंडल, मुकेश मंडल, सचिन मंडल की तलाश कर रही है।

13 मामलों में दोनों के नाम सामने आए हैं : लखनऊ साइबर सेल थाने में 2, हरदोई कोतवाली में 2, हजरतगंज कोतवाली में 2, धनवाद के चंदवा में 1, धनबाद के साइबर सेल में 1, वाराणसी परिक्षेत्र साइबर थाने में 1, राजस्थान धौलपुर थाने में 1, महराष्ट्र पुणे में 1, तेलांगना, मिर्जापुर व औरेया में 1-1 ऑनलाइन ठगी का मुकदमा दर्ज है। कुल 13 मामलों में इनके नाम सामने आए हैं।