नगर निगम का भ्रष्टाचार : कमीशनखोरी के ऑडियो पर 28 दिन बाद आगे आये नगर आयुक्त के निजी सचिव, मामले की जांच के लिए पुलिस को दी तहरीर
ऑडियो वायरल होने के 28 दिन बाद बुधवार को निजी सचिव ने हजरतगंज कोतवाली में तहरीर देकर मामले के जांच की मांग की है।
लखनऊ : काम के बदले कमीशन वाले वायरल ऑडियो से लखनऊ नगर आयुक्त पर लगे आरोपों को साफ करने के लिए उनके निजी सचिव राजकुमार वर्मा सामने आए हैं। ऑडियो वायरल होने के 28 दिन बाद बुधवार को निजी सचिव ने हजरतगंज कोतवाली में तहरीर देकर मामले के जांच की मांग की है। हालांकि उनकी तहरीर को पुलिस ने बहुत गम्भीरता से नही लिया यही वजह है कि इसपर अबतक रिपोर्ट दर्ज नही की गई।
24 जुलाई को एक ऑडियो वायरल हुआ था। इसमे नगर निगम का ही एक अधिकारी किसी ठेकेदार से बातचीत कर रहा था। बात एक एनजीओ को काम देने की हो रही थी और उसके बदले मोटे कमीशन की डील की जा रही थी। नगर निगम के अधिकारी ने ही कमीशन में नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी के हिस्सेदारी की बात कही थी। वह बार-बार नगर आयुक्त का नाम ले रहा था। ऑडियो वायरल होने के बाद नगर आयुक्त पर उंगलियां उठने लगी थी। हालांकि उस वक़्त नगर आयुक्त ने इसे फेक ऑडियो बताकर पल्ला झाड़ लिया था। लेकिन इसे लेकर विभाग में शुरू हुई कानाफूसी नही रोक पाए। इतना ही नही शासन ने भी इसपर उनसे स्पष्टीकरण तलब कर लिया।
पुलिस की रिपोर्ट ही साफ करेगी दामन का दाग
मामला बढ़ता देख नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने अपने निजी सचिव से तहरीर दिलवाई है। तहरीर में कहा गया है कि नगर निगम की छवि को धूमिल करने के लिए जानबूझ कर यह ऑडियो बनाया गया है। दरअसल पुलिस की रिपोर्ट में ऑडियो फेक साबित होने पर ही नगर आयुक्त कार्रवाई से बच सकते हैं। लेकिन अगर ऑडियो सही निकला तो फसने की संभावना ज्यादा है। सूत्रों का कहना है कि इसीलिए अबतक रिपोर्ट दर्ज नही की गई ताकि तहरीर के आधार पर नगर आयुक्त शासन को अपना स्पष्टीकरण भेजकर गर्दन बचा सके। हजरतगंज इंस्पेक्टर श्याम बाबू शुक्ला का कहना है जी जांच में जो तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी।