यूपी बजट 2022-23 : योगी सरकार ने पेश किया 6.90 लाख करोड़ का बजट, विस्तार से जानें पूरा लेखा-जोखा

बजट में प्रदेश की जनता की खुशहाली और उसकी तरक्की के साथ ही प्रदेश को आगामी वर्षों में वन ट्रिलियन इकॉनमी बनाने के लक्ष्य का पूरा रोडमैप नजर आया। युवा, महिला, गरीब, वृद्ध, दिव्यांग, किसान समेत सीएम योगी ने बजट में हर वर्ग और तबके का ध्यान रखा तो वहीं प्रदेश में जीआईएस-23 के तहत होने वाले भारी निवेश को दृष्टिगत रखते हुए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और डेवलपमेंट पर भी विशेष फोकस रहा

यूपी बजट 2022-23 : योगी सरकार ने पेश किया 6.90 लाख करोड़ का बजट, विस्तार से जानें पूरा लेखा-जोखा
योगी सरकार ने पेश किया 6.90 लाख करोड़ का बजट

यूपी बजट 2022-23 : वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने जैसे ही इन पंक्तियों के साथ “हमने तो समंदर के रुख बदले हैं। मोदी-योगी ने सोचने के सलीके बदले हैं। आप कहते थे कुछ नहीं होगा। हमने आपके भी सोचने के तरीके बदले हैं।“ अपने बजट भाषण का समापन किया, पूरा हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। जैसी उम्मीद थी, योगी का बजट उसी के अनुरूप रहा। बजट में प्रदेश की जनता की खुशहाली और उसकी तरक्की के साथ ही प्रदेश को आगामी वर्षों में वन ट्रिलियन इकॉनमी बनाने के लक्ष्य का पूरा रोडमैप नजर आया।

युवा, महिला, गरीब, वृद्ध, दिव्यांग, किसान समेत सीएम योगी ने बजट में हर वर्ग और तबके का ध्यान रखा तो वहीं प्रदेश में जीआईएस-23 के तहत होने वाले भारी निवेश को दृष्टिगत रखते हुए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और डेवलपमेंट पर भी विशेष फोकस रहा। यह बजट कई अन्य मामलों में भी ऐतिहासिक रहा। यह योगी सरकार का लगातार छठवां, जबकि दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट भी था। वहीं, यह प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा बजट भी रहा। प्रस्तुत बजट का आकार 6 लाख 90 हजार 242 करोड़ 43 लाख रुपए (6,90,242.43 करोड़ रुपए) है। राज्य सरकार का पिछले वर्ष का मूल बजट 6.15 लाख करोड़ रुपए और अनुपूरक बजट 33,769 करोड़ रुपए का था।

1- सीएम योगी के बजट में युवाओं को कई सौगातें दी गई हैं : स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तीकरण योजना में पात्र छात्र-छात्राओं को टैबलेट / स्मार्टफोन देने के लिए 3600 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। आईटी एवं स्टार्टअप्स नीति हेतु 60 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। सरकार ने वस्त्रोद्योग क्षेत्र में 40 हजार रोजगार सृजन का लक्ष्य रखा है। कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु 150 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रशिक्षण योजना हेतु 70 करोड़ रुपए की व्यवस्था है। 31 हजार युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। इन्क्यूबेटर्स को बढ़ावा देने तथा स्टाटर्अप्स के लिए सीड फंड हेतु 100 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में युवा उद्यमियों को एग्रीटेक स्टार्ट-अप्स की स्थापना के लिए एग्रीकल्चर एक्सीलरेटर फंड के लिए 20 करोड़ रुपए प्रस्तावित हैं। युवा अधिवक्ताओं को कार्य के शुरूआती 3 वर्षों के लिए किताब एवं पत्रिका क्रय करने के लिए 10 करोड़ रूपए तथा युवा अधिवक्ताओं के लिए कॉर्पर्स फंड हेतु 5 करोड़ रुपए की व्यवस्था।

2- किसानों को इस बजट में खास तवज्जो दी गई : उनके हितों के साथ-साथ उनकी एजुकेशन पर भी फोकस रहा। बजट घोषणा के अनुसार, द मिलियन फार्मर्स स्कूल हेतु किसान पाठशालाओं का आयोजन किया जाएगा। नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर योजना हेतु 831 करोड 93 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके साथ ही नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग योजना पर 113 करोड़ 52 लाख रुपए की व्यवस्था की गई है। किसानों के लिए निजी नलकूपों को रियायती दरों पर विद्युत आपूर्ति हेतु 1950 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना हेतु 984 करोड़ 54 लाख रुपए खर्च किए जाने का ऐलान किया गया है। यही नहीं, नेशनल क्रॉप इन्श्योरेन्स के लिए 753 करोड 70 लाख रुपए तो यूपी मिलेट्स पुनरुद्धार कार्यक्रम पर 55 करोड़ 60 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। प्रदेश के 4 कृषि विश्वविद्यालयों में एग्रीटेक स्टार्टअप योजना के लिए भी 20 करोड़ रुपए की व्यवस्था को भी स्वीकृति मिली है। इसके साथ ही कुशीनगर में 50 करोड़ से महात्मा बुद्ध कृषि एवं प्रोद्योगिक विश्वविद्यालय की शुरुआत होगी।

3- महिलाओं का बढ़ाया मान : सीएम योगी के बजट में महिलाओं का भी मान बढ़ाया गया है। इसके तहत मुख्यमंत्री कन्या सुमगला योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 हेतु 1050 करोड़ रुपए की व्यवस्था का प्रस्ताव है तो मुख्यमंत्री सामुहिक विवाह योजना पर 600 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। महिला सामर्थ्य योजना पर 83 करोड़ रुपए तो निराश्रित विधवाओं के भरण पोषण के लिए सरकार 4032 करोड़ रुपए खर्च करेगी। प्रदेश में कानून एवं शान्ति व्यवस्था के दृष्टिगत महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी के लिए 3 महिला पीएसी बटालियन का गठन किया जा रहा है।

4- वृद्ध और दिव्यांग भी योगी सरकार की प्राथमिकता में : और इसकी झलक बजट में भी देखने को मिली। बजट घोषणा में योगी सरकार ने वृद्धावस्था / किसान पेंशन योजना के अंतर्गत 7240 करोड़ रुपए के खर्च का प्राविधान किया है। वहीं दिव्यांग पेंशन योजना के अन्तर्गत दिव्यांग भरण-पोषण अनुदान के लिए 1120 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है। कुष्ठावस्था पेंशन योजना के लिए 42 करोड़ रुपए का बजट दिया गया है।

5- गरीबों का भी उत्थान : अन्य पिछड़ा वर्ग के निर्धन लोगों की बेटियों की शादी पर सरकार 150 करोड़ रुपए अनुदान देगी। असंगठित क्षेत्र के कर्मकारों हेतु संचालित मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना हेतु 100 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है। असंगठित क्षेत्र के कर्मकारों हेतु संचालित मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना हेतु 12 करोड़ रुपए का बजट दिया गया है। कामगार मृत्यु व दिव्यांगता सहायता योजना के तहत कार्यस्थल पर श्रमिक की मृत्यु की दशा में 05 लाख रुपए, स्थायी दिव्यांगता पर 04 लाख रुपए एवं आशिक दिव्यांगता पर 03 लाख रुपए की सहायता प्रदान किए जाने का प्रावधान है।

बजट हाइलाइटर्स

  1. प्रदेश में ओडीओपी एवं हस्तशिल्प उत्पादों के विपणन को प्रोत्साहित करने के लिए यूनिटी मॉल की स्थापना होगी जिस पर 200 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
  2. मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण / नए शहर प्रोत्साहन योजना हेतु 3,000 करोड़ रुपए की व्यवस्था का प्रस्ताव है।
  3. प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत 2023-2024 में 12,39,877 आवासों का लक्ष्य प्रस्तावित है। योजना हेतु 9000 करोड़ रुपए की बजट व्यवस्था दी गई है।
  4. आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश में 5 इंटरनेशनल एयरपोर्ट तथा 16 घरेलू एयरपोर्ट समेत कुल 21 एयरपोर्ट क्रियाशील हो जाएंगे।
  5. महाकुंभ मेला, 2025 की तैयारी के लिए 2,500 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।
  6. आकांक्षी नागर योजना के लिए 100 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया है।
  7. मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 1203 करोड़ रुपए प्रस्तावित।
  8. केंद्र सरकार की मदद से पीएम श्री (प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया) नामक नई योजना के लिए 510 करोड़ रुपए का बजट।
  9. ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की नई योजना के लिए 300 करोड़ रुपए।
  10. खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के लिए 30 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
  11. मेरठ में मेजर ध्यानचंद्र खेल विश्विद्यालय की स्थापना के लिए 300 करोड़ रुपए।
  12. 14 नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना एवं संचालन के लिए 2491 करोड़ 39 लाख का बजट।

 

सीएम योगी बोले- यह बजट हर तबके के हितों की पूर्ति करने वाला : मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आजादी के अमृत काल के प्रथम वर्ष में प्रस्तुत ‘नए उत्तर प्रदेशका बजट राज्य के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास के इतिहास में नए स्वर्णिम अध्याय जोड़ेगा। यह बजट प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप प्रदेश के गांव, गरीब, किसान, नौजवान व महिलाओं समेत समाज के हर तबके के हितों की पूर्ति करने वाला है।

बजट एक नजर में

  • बजट का आकारः 6,90,242.43 करोड़ रुपए
  • नई योजनाओं पर खर्चः 32,721.96 करोड़ रुपए
  • कुल प्राप्तियां - 6,83,292.74 करोड़ रुपए
  • राजस्व प्राप्तियां – 5,70,865.66 करोड़ रुपए
  • पूंजीगत प्राप्तियां – 1,12,427.08 करोड़ रुपए
  • कर राजस्वः 4,45,871.59 करोड़ रुपए
  • राज्य कर राजस्वः 2,62,634 करोड़ रुपए
  • केंद्रीय करों में राज्य का अंशः 1,83,237.59 करोड़ रुपए
  • कुल व्यय (अनुमानित)- 6,90,242.43 करोड़ रुपए
  • राजस्व बचतः 68,511.65 करोड़ रुपए
  • राजकोषीय घाटाः 84,883.16 करोड़ रुपए।

बेटियों से लेकर निराश्रित महिलाओं का रखा गया ध्यान : योगी सरकार के बजट 2023-24 में महिला कल्याण और नारी शक्ति को पूरा सम्मान दिया गया है। इसमें जहां कन्याओं के लिए विशेष रूप से धनराशि आवंटित की गयी है, वहीं निराश्रित विधवाओं के लिए भी योगी सरकार की ओर से हजारों करोड़ का प्रावधान किया गया है। बजट में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 1050करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। वहीं मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिए 600 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित किये गये हैं।

निराश्रित विधवाओं के भरण-पोषण के लिए 4032 करोड़ रुपये : योगी सरकार के बजट में अन्य पिछड़ा वर्ग के निर्धन व्यक्तियों की पुत्रियों की शादी अनुदान योजना के लिए 150 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। इसी प्रकार महिला सामर्थ्य योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 में 63 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। वहीं निराश्रित विधवाओं के भरण एवं पोषण अनुदान के लिए 4032करोड़ रुपये की व्यवस्था है।

आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के स्वास्थ्य बीमा के लिए 25 करोड़ रुपये " सरकार ने ऑगनबाड़ी कार्यकत्रियों के लिये आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत स्वास्थ्य बीमा के लिए 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था इस बजट में की है। इसके अलावा 6 वर्ष तक के बच्चों के कुपोषण में कमी लाने व गर्भवती, धात्री महिलाओं में एनीमिया के स्तर में कमी लाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय पोषण अभियान संचालित किया जाएगा जिसके लिए इस वित्तीय वर्ष के लिए 455 करोड़ 52 लाख रुपये की बजट व्यवस्था की गयी है। वहीं निर्माण श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालय निर्माणाधीन है। इन विद्यालयों का संचालन सत्र 2023-2024 से प्रारम्भ होगा। बचे हुए निर्माण के लिए 63 करोड़ रुपये तथा उपकरण आदि के क्रय के लिए लगभग 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था योगी सरकार के बजट में की गयी है। इसी प्रकार योगी सरकार ने “मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजनाके अन्तर्गत पंजीकृत महिला श्रमिक के संस्थागत प्रसव की दशा में निर्धारित तीन माह के न्यूनतम वेतन के समतुल्य धनराशि एवं 1000 रुपए चिकित्सा बोनस तथा पंजीकृत पुरुष कामगारों की पत्नियों को 6000 रुपए एकमुश्त में दिये जाने का प्रावधान भी बजट में किया है।

योगी सरकार ने मेडिकल सेक्टर पर खोला खजाना, दिया 20 हजार करोड़ से अधिक का तोहफा : मंजिलें लाख कठिन आयें, गुजर जाऊंगा। हौंसले हार के बैठूंगा तो मर जाऊंगा।। लाख रोकें ये अंधेरे, मेरा रास्ता लेकिन। मैं जिधर जाऊंगा रोशनी ले जाऊंगा।। इन पंक्तियों के साथ वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने मेडिकल सेक्टर का बजट पेश करते हुए कहा कि कोविड महामारी के दौरान सीएम योगी के मार्गदर्शन और जनता के सहयोग से प्रदेश इस कठिन काल खंड से बाहर आया। साथ ही उन चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए तेज गति से स्वास्थ्य सुविधाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर नई दिशा दी गई, जिसकी चारो ओर सराहना भी की गई है। योगी सरकार प्रदेश में अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को स्वास्थ्य की बेहतर सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है। एेसे में मेडिकल क्षेत्र को भारीभरकम 20 हजार करोड़ से अधिक का बजट जारी किया गया है, जिसमें चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के लिए कुल 17 हजार 3 सौ 25 करोड़ और चिकित्सा शिक्षा के लिए 2 हजार 8 सौ 37 करोड़ 39 लाख की धनराशि जारी की गई है।     

पुष्टाहार के वितरण की योजना के लिए 291 करोड़ रुपये : योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष योजना के अंतर्गत जघन्य हिंसा की शिकार महिलाओं, बालिकाओं को आर्थिक एवं चिकित्सीय सहायता के लिए वित्तीय वर्ष 2023--2024 में 56 करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था की है। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा स्थापित पुष्टाहार उत्पादन इकाईयों एवं नैफेड के माध्यम से “टेक होम राशनके रूप में 6 माह से 6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं को अनुपूरक पुष्टाहार के वितरण की योजना को मूर्तरूप देने के लिए के बजट में 291 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है।

राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन को सबसे अधिक 12,631 करोड़ की धनराशि जारी : वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि योगी सरकार का प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने पर खासा फोकस रहता है। ऐसे में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के लिए सबसे अधिक 12 हजार 6 सौ 31 करोड़ की धनराशि जारी की गई है ताकि अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा सके। इसी तरह प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना के लिए 1,655 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन योजना के तहत प्रदेश में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में हेल्थ वेलनेस सेन्टर, क्रिटिकल केयर यूनिट, शहरों में इन्ट्रीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब की स्थापना, नेशनल सेन्टर फॉर डिजीजेज कन्ट्रोल के सुदृढ़ीकरण, हेल्थ इंफॉरमेशन के विस्तार के लिए पोर्टल की स्थापना, इमजरजेंसी आपरेशन सेन्टर एवं मोबाइल यूनिट हॉस्पिटल की स्थापना आदि कार्यों के लिए 1,547 करोड़ रुपये की धनराशि की व्यवस्था की गई है।

14 नये मेडिकल कॉलेज के लिए दिये 2491 करोड़ 39 लाख : योगी सरकार ने अपने बजट में चिकित्सा शिक्षा को भी विशेष महत्व दिया है। योगी सरकार ने प्रदेश में एक जिला एक मेडिकल कॉलेज की योजना को और रफ्तार देने के लिए 14 नये मेडिकल काॅलेजों की स्थापना एवं संचालन के लिए 2491 करोड़ 39 लाख रुपये की व्यवस्था की गयी है। मालूम हो कि प्रदेश के 45 जिलों में मेडिकल कॉलेज चल रहे हैं जबकि 14 जनपदों में मेडिकल कॉलेज निर्माणाधीन हैं। वहीं 16 जिलों में मेडिकल काॅलेज की स्थापना पीपीपी मॉडल पर की जा रही है। 14 मण्डलीय कार्यालयों तथा प्रयोगशालाओं भवन निर्माण, मशीनों तथा उपकरणों के लिये 200 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। बजट में आयुष्मान भारत के तहत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए 400 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई है। भारत सरकार द्वारा उप स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को क्रमबद्ध तरीके से क्रियाशील हेल्थ एण्ड वेलनेंस सेण्टर्स में परिवर्तित किया जा रहा है। ऐसे में कन्वर्जन ऑफ रूरल सब हेल्थ सेन्टर्स एण्ड पीएचसी टू हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर्स के लिए 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के अनुरूप लगभग 407 करोड़ रुपये का व्यय किया जायेगा।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना को मिले 320 करोड़ : वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए 320 करोड़, आयुष्मान भारत के तहत मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के लिए 250 करोड़,  सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में उपकरण खरीदने के लिए 100 करोड़ की धनराशि जारी की है। वहीं प्राथमिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के कायाकल्प के लिए 15 करोड़ दिये हैं। असाध्य रोगों के इलाज के लिए 100 करोड़ आवंटित किए गए हैं। उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल रिसर्च एंड डेवलपमेण्ट की स्थापना के लिए 20 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालयों में नर्सिंग काॅलेजों की स्थापना के लिए 26 करोड़ दिये गये हैं।

योगी सरकार के बजट में सड़कों और सेतुओं के निर्माण के लिए 21159 करोड़ रुपये : योगी सरकार में सड़क व सेतु के जरिए 'आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश' की नींव मजबूत हो रही है। बजट 2023-24 में सड़कों और सेतुओं के निर्माण के लिए 21159 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। वहीं इसके अनुरक्षण हेतु 6209 करोड़ रुपये प्रस्तावित है। ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों के लिए 1525 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

खास बातें

  • वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट 2023-24 में बताया कि योगी सरकार के अब तक के कार्यकाल में 21696 किमी. लंबे ग्रामीण मार्गों का निर्माण व 18407 किमी. लंबे मार्गों का चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण किया गया है।
  • वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के मुताबिक प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने एवं जन सामान्य को यातायात की सुविधा देने के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय व अंतरराज्यीय मार्गों का विकास, जिसके क्रम में 1024 किमी. लम्बाई की 87 सड़कों में से 75 सड़कों का निर्माण पूर्ण किया गया।
  • मुख्यमंत्री समग्र ग्राम विकास योजनान्तर्गत 181 राजस्व ग्रामों में सड़क निर्माण किया गया।
  • बजट में कृषि विपणन सुविधाओं हेतु पुलों एवं सड़कों के कार्य के लिये 3473 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
  • वित्त मंत्री ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों हेतु 1525 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
  • रेलवे उपरिगामी सेतुओं के निर्माण हेतु 1700 करोड़ रुपये एवं अन्य सेतुओं हेतु 1850 करोड़ रुपये हैं। 
  • वित्त मंत्री ने बजट में बताया कि राज्य राजमार्गों के चौड़ीकरण व सुदृढीकरण तथा नये कार्यो हेतु 2588 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
  • प्रमुख व अन्य जिला मार्गों के चौड़ीकरण व सुदृढीकरण तथा नये कार्यों हेतु करीब 2538 करोड़ रुपये दिए गए।
  • धर्मार्थ मार्गों के विकास हेतु 1000 करोड़ रुपये मिलेंगे।
  • राज्य सड़क निधि से सड़कों के अनुरक्षण हेतु 3000 करोड़ तथा निर्माण हेतु 2500 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं।
  • औद्योगिक व लॉजिस्टिक पार्क हेतु 04 लेन मार्गो के चौड़ीकरण, सुदृढीकरण व निर्माण कार्य हेतु 50 करोड़ रुपये प्रस्तावित है।
  • चीनी मिल परिक्षेत्र में कृषि विपणन सुविधाओं हेतु मार्गों के चौड़ीकरण एवं सदृढ़ीकरण, नवनिर्माण व पुनर्निर्माण कार्यों हेतु 250 करोड़ रुपये प्रस्तावित है।

इन्फ्रास्ट्रक्चर और इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट पर सर्वाधिक जोर : योगी सरकार के बजट 2023-24 में उत्तर प्रदेश में मेगा इंन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट और इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट पर सर्वाधिक जोर दिया गया है। राज्य को वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने के लिए प्रयासरत यूपी सरकार ने हाल ही में यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया था, जिसके जरिए प्रदेश में 33.52 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव सरकार को मिले हैं। इसके अलावा ओडीओपी को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार यूनिटी मॉल की स्थापना भी करेगी।

छह स्थानों पर बनेगा इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग कॉम्प्लेक्स : प्रदेश सरकार के बजट में झांसी लिंक एक्सप्रेस-वे तथा चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस-वे की नई परियोजनाओं के प्रारम्भिक चरण के लिए 235 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। इसी प्रकार बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के साथ डिफेन्स कॉरिडोर परियोजना के लिए 550 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में की गयी है। सरकार ने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ गोरखपुर में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए 200 करोड़ रुपये प्रदान करने की घोषणा की है। इसके अलावा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे एवं बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के किनारे छह स्थानों पर इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग कॉम्प्लेक्स बनाने का निर्णय सरकार ने लिया है। इसमें से चार कॉम्प्लेक्स पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के किनारे तथा दो कॉम्प्लेक्स बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के किनारे बनाये जाएंगे।

ओडीओपी की मार्केटिंग पर भी सरकार का जोर : इस के साथ ही प्रदेश में फार्मा पार्कों की स्थापना एवं विकास के लिए 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था योगी सरकार के बजट में की गयी है। वहीं सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) तथा निर्यात प्रोत्साहन को ध्यान में रखते हुए ओडीओपी और हस्तशिल्प उत्पादों की मार्केटिंग को प्रोत्साहित करने के लिए यूनिटी मॉल की स्थापना की जाएगी। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है।

यूपी को 3 नए राज्य विश्वविद्यालयों की सौगात : योगी सरकार ने बजट 2023-24 के जरिए उत्तर प्रदेश को 3 नए राज्य विश्वविद्यालय की सौगात दी है। इसमें दो राज्य विश्वविद्यालय अध्यात्म से समृद्ध विंध्यधाम और देवीपाटन मंडल में खुलेंगे, जबकि तीसरा विश्वविद्यालय मुरादाबाद मंडल में खोला जाएगा। इसके लिए 50-50 करोड़ रुपये भी आवंटित किए गए हैं। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने पढ़ते और बढ़ते यूपी के लिए शिक्षा पर विशेष जोर दिया है।

बेसिक शिक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु : वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि प्रदेश में बेसिक शिक्षा के अधीन शासकीय/अशासकीय लगभग 2,23,712 विद्यालय संचालित हैं, जिसमें सभी बच्चों के लिए 01 से 03 किलोमीटर की परिधि में विद्यालय की सुविधा उपलब्ध है। समग्र शिक्षा अभियान हेतु 20,255 करोड़ प्रस्तावित है। ऑपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास एवं उन्हें स्मार्ट विद्यालयों के रूप में विकसित करने की कार्य योजना है। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2023-2024 के बजट में 1000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। शासकीय / अशासकीय लगभग 2,23,712 विद्यालय संचालित हैं, जिसमें सभी बच्चों के लिए 01 से 03 किलोमीटर की परिधि में विद्यालय की सुविधा उपलब्ध है।

वित्त मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार की सहायता से पीएम श्री (प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इण्डिया) नामक नई योजना प्रदेश में क्रियान्वित किये जाने हेतु 510 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है। ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की नई योजना हेतु 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। वित्त मंत्री ने बताया कि गरीबी रेखा के ऊपर के लगभग 28 लाख छात्र छात्राओं को निःशुल्क यूनिफार्म वितरण हेतु 50 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।

परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के कक्षा-1 से 08 तक अध्ययनरत लगभग 02 करोड़ छात्र-छात्राओं के उपयोग के लिए मुफ्त स्वेटर और जूते और मोज़े प्रदान करना 650 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित हैं। बजट में कक्षा 01 से 08 तक के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क स्कूल बैग उपलब्ध कराये जाने हेतु 350 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। वनटांगिया गांवों में प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के संचालन एवं निर्माण हेतु 11 करोड़ रुपये प्रस्तावित। निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के अन्तर्गत अलाभित समूह एवं दुर्बल वर्ग के बच्चों को वित्तीय वर्ष 2023-2024 में प्रवेश दिलाये जाने हेतु 40 करोड़ रुपये मिले हैं।

माध्यमिक शिक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदू : वित्त मंत्री सुरेश खन्ना में बताया कि वर्तमान में प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा परिषद से सम्बन्धित सामान्य शिक्षा हेतु 2357 राजकीय, 4512 अशासकीय सहायता प्राप्त एवं 21,023 वित्त विहीन कुल 27892 माध्यमिक विद्यालय तथा संस्कृत शिक्षा के लिये 2 राजकीय, 971 सहायता प्राप्त एवं 267 वित्त विहीन कुल 1240 विद्यालय संचालित है।

  • बजट के जरिए माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश से मान्यता प्राप्त अशासकीय सहायता प्राप्त एवं स्ववित्त पोषित विद्यालयों के भवनों के अनुरक्षण/संवर्धन के लिये विद्यालय की परिसम्पत्तियों का उपयोग करते हुये विद्यालयों की आय बढ़ाने की योजना प्रस्तावित है।
  • केंद्र सरकार की सहायता से पीएम श्री (प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इण्डिया) नामक नई योजना प्रदेश में क्रियान्वित किये जाने हेतु 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है।
  • बजट में ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की नई योजना हेतु 300 करोड़ रुपये व्यवस्था की गई है।
  • समग्र शिक्षा अभियान के अन्तर्गत विभिन्न कार्यक्रमों के संचालन हेतु 1003 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में विभिन्न अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु प्रोजेक्ट अलंकार योजनान्तर्गत 500 करोड रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
  • संस्कृत विद्यालयों की परिसम्पत्तियों के सृजन हेतु 100 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
  • वित्त मंत्री के मुताबिक माध्यमिक विद्यालयों में संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति देने के लिये 10 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
  • स्ववित्त पोषित विद्यालयों में निर्धारित आय सीमा से कम आय वाले माता-पिता की दूसरी बच्ची की फीस प्रतिपूर्ति हेतु 5 करोड़ रुपये की व्यवस्था

 

उच्च शिक्षा से जुड़े मुख्य बिंदुओं पर फोकस

  • योगी सरकार ने विंध्याचल धाम मंडल में माँ विन्ध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये 50 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए।
  • योगी सरकार ने देवीपाटन मंडल में माँ पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है।
  • योगी सरकार ने मुरादाबाद मंडल में राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 50 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए।

वित्त मंत्री ने बताया कि.... देश में उच्च शिक्षा के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु वर्तमान में 19 राज्य विश्वविद्यालय, 01 मुक्त विश्वविद्यालय, 01 डीम्ड विश्वविद्यालय 30 निजी विश्वविद्यालय, 172 राजकीय महाविद्यालय, 331 सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालय एवं 7372 स्ववित्त पोषित महाविद्यालय संचालित हैं।

यूपी की उपलब्धि पर चर्चा करते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि नैक रैंकिंग में लखनऊ एवं गोरखपुर विश्वविद्यालयों को ए-डबल प्लस श्रेणी प्राप्त हुई है। इसी प्रकार के० जी०एम०यू० को भी नैक रैंकिंग में ए प्लस श्रेणी प्राप्त हुई है।

मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर को ए श्रेणी प्राप्त हुई है। भारत में प्रथम बार किसी कृषि विश्वविद्यालय को नैक रैंकिंग प्रदान हुई है और यह श्रेय प्रदेश के कानपुर कृषि विश्वविद्यालय को प्राप्त हुआ है। प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों में से एमिटी विश्वविद्यालय को ए-श्रेणी तथा शारदा विश्वविद्यालय, गलगोटिया विश्वविद्यालय एवं जी.एल.ए. विश्वविद्यालय को ए प्लस श्रेणी प्राप्त हुई है।

वित्त मंत्री ने बताया कि प्रदेश में प्रथम बार 11 विश्वविद्यालयों द्वारा नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग की तैयारी कर सहभाग लिया है। चार विश्वविद्यालय विश्वस्तरीय रैंकिंग हेतु क्यू.आई.एस. रैंकिंग में भाग ले रहे हैं।

ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना के लिए 300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

प्राविधिक शिक्षा पर भी सरकार का जोर  : प्रदेश में डिप्लोमा स्तरीय 201 राजकीय संस्थायें एवं 19 अनुदानित संस्थायें अर्थात 220 संस्थायें स्वीकृत हैं, जिनमें से 168 संस्थाओं में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। 52 राजकीय पालीटेक्निक निर्माणाधीन / अवस्थापना की प्रक्रिया में हैं, जिन्हें निकट भविष्य में पी०पी०पी० मोड पर संचालित किया जाना है।

वित्त मंत्री ने बताया कि वर्तमान में 1372 निजी क्षेत्र की डिप्लोमा स्तरीय संस्थाओं में छात्र / छात्राओं को प्रवेश दिया जा रहा है।

वर्तमानतः राजकीय अनुदानित एवं निजी क्षेत्र की समस्त संस्थाओं को सम्मिलित करते हुये कुल प्रवेश क्षमता 223779 है। छात्र / छात्राओं को अधिक रोजगार तथा इमर्जिंग टेक्नोलाजी आधारित उद्योग हेतु मैनपावर उपलब्ध कराने के दृष्टिगत सत्र 2022-23 से न्यू ऐज कोर्स के अन्तर्गत 04 पाठ्यक्रम यथा डाटा साइंस एवं मशीन लर्निंग, इण्टरनेट ऑफ थिंग्स, साइबर सेक्यूरिटी एवं ड्रोन टेक्नोलाजी में शिक्षण प्रशिक्षण 21 राजकीय पालीटेक्निकों में प्रारम्भ किया गया है, जिसमें प्रवेश क्षमता 1575 हैl

  • वित्त मंत्री के मुताबिक राजकीय पॉलीटेक्निकों की स्थापना एवं अवस्थापना विकास हेतु क्रमश: 50 करोड़ रूपये एवं 33 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
  • राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, गोण्डा, बस्ती, प्रतापगढ़ तथा मीरजापुर में कक्षाओं के संचालन हेतु 1.50-1.50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
  • प्राविधिक शिक्षा विद्यालयों/ अभियंत्रण संस्थाओं में पूर्व से निर्मित भवनों के जीर्णोद्वार एवं अनुरक्षण हेतु 2 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

व्यावसायिक शिक्षा व कौशल विकास : वित्त मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 305 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान संचालित हो रहे हैं, जिनमें विभिन्न व्यवसायों की 1,72,872 सीटें उपलब्ध हैं। प्रदेश के विभिन्न राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में से 47 में महिलाओं के प्रशिक्षण हेतु महिला शाखा संचालित कराई जा रही है। सम्पूर्ण प्रदेश में महिलाओं हेतु 12 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान स्वतंत्र रूप से संचालित हो रहे हैं।प्रदेश में 2963 से अधिक निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान संचालित हो रहे हैं, जिनमें 4.58 लाख से अधिक सीटें युवाओं के प्रशिक्षण हेतु उपलब्ध हैं।

वित्त मंत्री ने बताया कि टाटा टेक्नोलॉजीज लि० की सहभागिता से प्रदेश के राजकीय क्षेत्र के 150 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के तकनीकी उन्नयन की योजना के अन्तर्गत आधुनिक कार्यशालाओं एवं कक्षा कक्षों का निर्माण कराया जा रहा है। परियोजना की लागत 5000 करोड़ रुपये से अधिक है, जिसमें 88 प्रतिशत अंश टाटा टेक्नोलाजी लि० द्वारा तथा 12 प्रतिशत अंश राज्य सरकार द्वारा लगाया जायेगा।

इसके अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा परियोजना हेतु 10 हजार वर्ग फीट क्षेत्रफल में कार्यशाला, प्रशिक्षण कक्ष इत्यादि के निर्माण के लिये 477 करोड़ रुपये का व्यय वहन किया जायेगा। वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में परियोजना के लिए 940 करोड़ रुपये की व्यवस्था करायी गयी है। परियोजना के फलस्वरूप प्रतिवर्ष लगभग 30,000 छात्र प्रशिक्षित होंगे। वहीं कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु 150करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं। मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रशिक्षण योजना हेतु 70 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है। केन्द्र प्रायोजित स्ट्राइव योजना के अन्तर्गत 29 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उच्चीकरण कराया जायेगा। इस हेतु 35 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था की गई है।

युवाओं में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्मार्टफोन व टैबलेट देती रहेगी योगी सरकार : योगी सरकार ने बजट 2023-24 में युवा शक्ति को और सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इस बजट में न सिर्फ युवाओं की शिक्षा और उनके रोजगार का ध्यान रखा गया है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के भी प्रयास किए गए हैं। इसके लिए स्टार्टअप्स को बढ़ावा दिया गया है।

टैबलेट-स्मार्टफोन के लिए 3600 करोड़ : स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तीकरण योजना के पात्र छात्र - छात्राओं को टैबलेट / स्मार्टफोन देने हेतु वित्तीय वर्ष 2023-2024 के बजट में 3600 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। इसके माध्यम से सरकार युवाओं में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा दे रही है। साथ ही सरकार का उद्देश्य है कि किसी भी परिस्थिति में कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं होना चाहिए।

स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा : युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से योगी सरकार ने इस बजट में खासतौर पर स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा दिया है। यूपी स्टार्टअप नीति - 2020 के अन्तर्गत कृषि, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, ऊर्जा, खादी, शिक्षा, पर्यटन, परिवहन आदि क्षेत्रों में स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जा रहा है । प्रदेश 50 इन्क्यूबेटर तथा 7200 स्टार्टअप्स कार्यरत हैं। नीति के अंतर्गत पीजीआई लखनऊ, आईआईटी कानपुर तथा नोएडा परिसर में आर्टिफिशियल इन्टेलीजेन्स के क्षेत्र में परिचालन प्रारम्भ किया जा चुका है। इन्क्यूबेटर्स को बढ़ावा देने तथा स्टार्टअप्स के लिए सीड फण्ड हेतु 100 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्टअप्स नीति हेतु 60 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है। ग्रामीण क्षेत्रों में युवा उद्यमियों को एग्रीटेक - स्टार्ट-अप्स की स्थापना के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एग्रीकल्चर एक्सीलरेटर फण्ड के लिए 20 करोड़ रुपए प्रस्तावित हैं।

युवा अधिवक्ताओं को तोहफा : युवा अधिवक्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। युवा अधिवक्ताओं को कार्य के शुरुआती 3 वर्षों के लिए किताब एवं पत्रिका क्रय करने हेतु आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने के लिये 10 करोड़ तथा युवा अधिवक्ताओं के लिये कॉपर्स फण्ड हेतु 5 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।

नगरीय सुविधाएं होंगी और सुदृढ़, महाकुंभ होगा महाभव्य : योगी सरकार के बजट 2023-24 में नगरों के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। सरकार इस वित्तीय वर्ष में शहरों में मूलभूत सुविधाओं को और सुदृढ़ बनाने के लिए 7 हजार करोड़ से भी अधिक की धनराशि खर्च करेगी। इसके अलावा ढाई हजार करोड़ रुपये प्रयागराज महाकुंभ मेला-2025 के लिए खर्च किये जाएंगे। वहीं सरकार की ओर से बेसहारा पशुओं के लिए भी 100 करोड़ रुपए खर्च किया जाएगा।

महाकुंभ के लिए ढाई हजार करोड़ : प्रयागराज में 2025 में आयोजित होने जा रहे महाकुम्भ मेला को अबतक का सबसे भव्य आयोजन बनाने के लिए योगी सरकार ने इसबार बजट में भारी भरकम पैकेज का ऐलान किया है। महाकुंभ के आयोजन के लिए बीते साल के बजट 2022-23 में जहां में 621.55 करोड़ रुपये प्रस्तावित किये गये थे, वहीं इसके सापेक्ष इस बार बजट में योगी सरकार ने 2500 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। योगी सरकार ने बेसहारा पशुओं के लिए भी बजट में अलग से प्रावधान किये हैं। कान्हा गोशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना के अन्तर्गत कान्हा गोशाला निर्माण के लिए इस वित्तीय वर्ष में 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है।

पेयजल और सीवरेज के लिए 56 सौ करोड़ से ज्यादा : शहरों में मूलभूत सुविधाओं को और सुदृढ़ बनाने के लिए प्रयासरत योगी सरकार ने अमृत 2.0 के अन्तर्गत पेयजल, सीवरेज तथा वाटर बाडीज के लिए जहां वर्ष 2022-23 में 2000 करोड़ रुपये के बजट का ऐलान किया था, वहीं इस साल के बजट में लगभग 180 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए 5616 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। इसी प्रकार स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के अन्तर्गत शौचालय, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट, यूज्ड वाटर मैनेजमेन्ट के लिए 1356.36 करोड़ रुपये के सापेक्ष वर्ष 2023-24 के बजट में 2707.86 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। ये लगभग 100 प्रतिशत वृद्धि को दर्शाता है।

नगरों की सड़कों के लिए पांच सौ करोड़ रुपये : सरकार ने नगर विकास विभाग की नगरीय सड़कों के समुचित विकास के लिए 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। वहीं प्रदेश के धार्मिक एवं ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नगरीय निकायों में मूलभूत इन्फ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं के लिए अनुदान के रूप में 50 करोड़ रुपये की घोषणा की गयी है। साथ ही आकांक्षी नागर निकाय योजना के लिए बजट में 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है।

237 करोड़ रुपये से पर्यटन सेक्टर का कायाकल्प करेगी योगी सरकार : योगी सरकार के बजट 2023-24 में पर्यटन विकास और संस्कृति धर्मार्थ कार्य पर भी जोर दिया गया है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट में 237 करोड़ रुपये पर्यटन विकास के लिए दिये हैं, जबकि संस्कृति धर्मार्थ कार्य विभाग के जो काम चल रहे हैं, उनके लिए निर्धारित समय सीमा में पूरा होने की बात कही गयी है। वित्त मंत्री ने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2022 में 24 करोड़ 87 लाख से अधिक पर्यटक आए, जिनमें भारतीय पर्यटकों की संख्या 24 करोड़ 83 लाख और विदेशी पर्यटकों की संख्या 4 लाख 10 हजार से अधिक रही।

अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के मेगा इवेंट का भी रखा ध्यान : वित्त मंत्री ने बताया कि ️अयोध्या, वाराणसी, चित्रकूट, विन्ध्यांचल, प्रयागराज, नैमिषारण्य, गोरखपुर, मथुरा, बटेश्वर धाम समेत अन्य महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों पर पर्यटन विकास एवं सौन्दर्यीकरण का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। सभी कार्यों को निर्धारित समय सीमा में पूरा करने पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना के तहत प्रदेश में स्थित पर्यटन स्थलों का विकास 300 करोड़ रुपये की धनराशि से कराया जा रहा है। वहीं ️शक्ति पीठ मां शाकुम्भरी देवी मन्दिर के समेकित पर्यटन विकास के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था का प्रावधान किया गया है।

इसी तरह ️प्रयागराज के समेकित विकास के लिए 40 करोड़, ️पर्यटन नीति 2018 के तहत पर्यटन इकाइयों को प्रोत्साहित करने के लिए 45 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। ️बौद्ध परिपथ के समेकित पर्यटन विकास के लिए 40 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई। ️बुन्देलखण्ड के समेकित पर्यटन विकास के लिए 40 करोड़ रुपये दिये गये हैं। इसी प्रकार ️शुकतीर्थ धाम का समेकित पर्यटन विकास के लिए 10 करोड़, प्रदेश में युवा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 2 करोड़ रुपये, उत्तर प्रदेश इको टूरिज्म, लखनऊ बोर्ड की स्थापना के लिए 2.50 करोड़ रुपये की धनराशि अलाट की गई है। वहीं ️अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय स्तर के मेगा इवेन्ट के लिए 5 करोड़ और नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद के लिए 2.50 करोड़ रुपये दिये गये हैं।

संस्कृति एवं धर्मार्थ कार्य के कामों में लाई जाएगी और तेजी : वित्त मंत्री ने संस्कृति एवं धर्मार्थ कार्य को लेकर बताया कि ️काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिसर में वैदिक विज्ञान केन्द्र की स्थापना की गई है। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण पूरा होने के बाद पर्यटकों की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए 3 मार्गों का चौड़ीकरण एवं सौन्दर्यीकरण का कार्य को अगले दो वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा है, जिसका काम युद्धस्तर पर चल रहा है। इसी तरह मीरजापुर में प्रसिद्ध मां विन्ध्यवासिनी देवी मन्दिर, मां अष्टभुजी देवी मन्दिर एवं काली खोह मन्दिर का जीर्णोद्धार एवं सौन्दर्यीकरण कार्य तेजी से चल रहा है। प्रयागराज में भजन संध्या स्थल की स्थापना और सीतापुर में प्रसिद्ध तपोस्थली नैमिषारण्य में वेद विज्ञान अध्ययन केन्द्र की स्थापना का प्रस्ताव दिया गया है।

राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, प्रयागराज की स्थापना के लिए 103 करोड़ : आमजन को सहज और सरल ढंग से न्याय दिलाने के लिए भी योगी सरकार कृत संकल्पित है। पिछले दिनों इलाहाबाद बार एसोसिएशन के स्थापना के 150 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि न्याय की अभिलाषा में लोग प्रयागराज आते हैं। प्रयागराज न सिर्फ न्याय, बल्कि शिक्षा का भी अग्रणी केंद्र है। अपनी कही बात को योगी आदित्यनाथ ने बजट 2023-24 के जरिए धरातल पर उतारने का मंच भी दे दिया। इस बजट में योगी सरकार का न्याय व्यवस्था पर भी पूरा फोकस रहा। सरकार की शीर्ष प्राथमिकता में शामिल राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय प्रयागराज की स्थापना के लिए 103 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।

न्याय व्यवस्था की मजबूती के लिए ये मिला

  • बजट 2023-24 प्रस्तुत करते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि नवसृजित जनपदों में पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर न्यायालय परिसर के निर्माण हेतु 700 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
  • योगी सरकार ने प्रदेश के जनपदीय न्यायालयों के अनावासीय भवनों के निर्माण हेतु 420 करोड़ रुपये की व्यवस्था की।
  • बजट में माननीय उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के आवासीय भवनों के निर्माण हेतु 150 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
  • यूपी सरकार के शीर्ष प्राथमिकता में सम्मिलित राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, प्रयागराज की स्थापना हेतु 103 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
  • उत्तर प्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि से संबंधित कल्याणकारी स्टाम्पों की बिक्री की शुद्ध प्राप्ति का अन्तरण किये जाने के लिए वित्तीय वर्ष 2023--2024 में 06 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई।
  • उत्तर प्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि न्यासी समिति को अनुदान हेतु 20 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रदेश सरकार ने की।
  • प्रदेश के अधिवक्ताओं की सुविधा हेतु विभिन्न जनपदों में अधिवक्ता चैम्बर्स के निर्माण कार्य तथा अन्य अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु वित्तीय वर्ष 2023--2024 में 20 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई।
  • प्रदेश के अधीनस्थ न्यायालयों की सुरक्षा पर भी योगी सरकार का पूरा ध्यान है। सुरक्षा के मद्देनजर सीसीटीवी कैमरा एवं अन्य सुरक्षा उपकरण के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

महानगरों का होगा विस्तार, मेट्रो रेल सेवा होगी और सुदृढ़ : प्रदेश में रेल और रोप वे कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए बजट में विशेष ध्यान दिया गया है। योगी सरकार के बजट 2023-24 में जहां यूपी के चार महानगरों में मेट्रो रेल सेवा को विकसित करने के लिए ढाई हजार करोड़ से ज्यादा का प्रावधान किया गया है, वहीं वाराणसी में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए भारत के पहले रोपवे प्रोजेक्ट को भी खास तरजीह दी गयी है। इसके अलावा महानगरों के विस्तार के लिए भी बजट में खास प्रावधान किये गये हैं।

मेट्रो रेल सेवा और रोप वे सेवा पर विशेष फोकस : योगी सरकार के बजट 2023-24 में लखनऊ सहित प्रदेश के सभी विकास प्राधिकरणों तथा शहरी क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं के विकास पर बल दिया गया है। इसके तहत वाराणसी एवं अन्य शहरों में रोप-वे सेवा विकसित किये जाने के लिए 150 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 में 585 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था की गयी है। इसके अलावा आगरा मेट्रो रेल परियोजना के लिए 465 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। वहीं वाराणसी, गोरखपुर व अन्य शहरों में मेट्रो रेल परियोजना को धरातल पर उतारने के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। योगी सरकार दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजना के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1306 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा है।

बड़े शहरों का होगा विस्तार : इसी प्रकार मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण एवं नये शहर प्रोत्साहन योजना के लिए 3000 करोड़ रुपये की व्यवस्था इस बजट में की गयी है। साथ ही गोरखपुर नगर स्थित गोड़धोइया नाला एवं रामगढ़ ताल के जीर्णोद्धार एवं इण्टरसेप्शन, डाइवर्जन एवं ट्रीटमेंट सम्बन्धी परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए 650.10 करोड़ रुपये की व्यवस्था योगी सरकार के बजट में की गयी है।

डेयरी सेक्टर को और अधिक ऊंचाई पर ले जाएगी योगी सरकार, खर्च करेगी 233 करोड़ रुपये से भी ज्यादा : पूरे देश में दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में 16 प्रतिशत का योगदान देकर यूपी पहले स्थान पर है। इस क्षमता को और बढ़ाने और दुग्ध संघों के सुदृढ़ीकरण के लिए बजट में डेयरी सेक्टर के लिए 233.16 करोड़ रुपये की धनराशि का प्रावधान किया गया है। योगी सरकार के लोक कल्याण संकल्प पत्र में शामिल नंद बाबा दुग्ध मिशन के लिए बड़ा बजट जारी किया गया है, जिससे किसान दुग्ध संगठन को उनके दूध का सही मूल्य और बाहरी राज्यों से देसी नस्ल की गायों की खरीद पर अनुदान दिया जाएगा। मेरठ और वाराणसी में डेयरी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए भी बजट में प्रावधान किया गया है।

दुग्ध उद्योग की इकाइयों के अनुदान और रियायतें को दिये 25 करोड़ : वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि योगी सरकार ने वर्तमान दुग्ध संघों के सुदृढ़ीकरण एवं पुनर्जीवित करने की योजना के लिए 86 करोड़ 95 लाख रुपये की व्यवस्था की है। वहीं नन्द बाबा दुग्ध मिशन के लिए 61 करोड़ 21 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। इसी तरह मेरठ और वाराणसी में डेयरी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 60 करोड़ रुपये की धनराशि दी गई। वहीं उत्तर प्रदेश दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति 2022 के तहत प्रदेश में स्थापित होने वाले दुग्ध उद्योग की इकाईयों को वित्तीय अनुदान, रियायतें एवं अन्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए 25 करोड़ रुपये की बजट की व्यवस्था की गई है।

छुट्टा गोवंश के रख रखाव को मिले 750 करोड़ : बजट में पशुपालन को भी खास तरजीह दी गई है। बुन्देलखंड में निराश्रित गोवंश की समस्या के निराकरण के लिए बुंदेलखंड के हर जिले में 5-5 गो-आश्रय केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। वहीं ️छुट्टा गोवंश के रख-रखाव के लिए 750 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इसी तरह बड़े गौ संरक्षण केन्द्रों की स्थापना के लिए 120 करोड़ रुपये अलाट किए गए हैं। पशु रोग नियंत्रण के लिए 116 करोड़ 52 लाख रुपये की व्यवस्था की गई है। ️

प्रदेश में भेड़ बाहुल्य जिलों में भेड़ पालन योजना के लिए 3 करोड़ 44 लाख रुपये दिये गये हैं। इसके साथ ही ️प्रदेश के निराश्रित/बेसहारा गोवंश की समस्या के निराकरण के लिए प्रदेश के सभी जिलों में 187 गो-संरक्षण केन्द्र में से 171 केन्द्रों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। मत्स्य के लिए ️प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत होल सेल फिश मार्केट के लिये 257 करोड़ 50 लाख रुपये की व्यवस्था की गई जबकि मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 10 करोड़ रुपये दिये गये हैं। इसी तरह ️निषादराज बोट सब्सिडी योजना के तहत 5 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

यूपी में रोजगार की आएगी बहार, बजट में योगी सरकार ने बीते वित्तीय वर्ष में रोजगार का पेश किया लेखा जोखा

योगी सरकार प्रदेश में निवेश लाने के साथ ही बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी सृजित करने जा रही है। बुधवार को योगी 2.0 के पहले बजट में न सिर्फ सरकार ने रोजगार के लिए अपने लक्ष्य को सामने रखा, बल्कि बीते वित्तीय वर्ष में रोजगार के आंकड़ों का लेखा जोखा भी पेश किया।

मनरेगा में यूपी नम्बर-1

मनरेगा योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2022 2023 में अब तक प्रदेश में 26 लाख 29 हजार मानव दिवस सृजित कर प्रदेश द्वारा देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया गया है। दूसरी तरफ राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022 2023 में अब तक लगभग 01 लाख 07 हजार स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है एवं 81.283 स्वयं सहायता समूहों को रिवॉल्विंग फण्ड प्रदान करते हुये 3,497 स्वयं सहायता समूहों को सामुदायिक निवेश निधि उपलब्ध करायी गयी है।

एमएसएमई सेक्टर में मिले 25.64 लाख रोजगार : प्रदेश सरकार द्वारा अधिकाधिक उद्यमों की स्थापना हेतु अनुकूल वातावरण का सृजन किया गया है। एम०एस०एम०ई० अधिनियम, 2020 के माध्यम से इकाईयों को 1000 दिवस तक किसी भी विभाग से निरीक्षण से छूट प्रदान की गई है। इसी प्रकार निवेश मित्र के माध्यम से उद्यमियों को उद्यम स्थापना के क्रम में वाछित अनापत्ति / लाइसेन्स / अनुमति आदि को प्राप्त करने की प्रक्रिया पूर्णतया आनलाइन करने की व्यवस्था की गयी है जिसमें उद्यमी समयबद्ध रूप से स्वीकृतियाँ आदि प्राप्त कर रहा है। सरकार के इन प्रयासों से वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 24 नवम्बर तक 03 लाख 95 हजार से अधिक उद्यम पंजीकृत हुये जिसमें 25 लाख 64 हजार से अधिक रोजगार का सृजन हुआ ।

ओडीओपी से भी सृजित हुए हजारों रोजगार : एक जनपद एक उत्पाद वित्त पोषण योजनान्तर्गत 01 लाख 35 हजार से अधिक व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हुआ। एक जनपद एक उत्पाद प्रशिक्षण एवं टूलकिट वितरण योजना के अंतर्गत अब तक 83473 से अधिक हस्तशिल्पियों / पारम्परिक कारीगरों को प्रशिक्षण एवं टूलकिट वितरण किया गया।

कारगर रहीं रोजगार योजनाएं : वहीं, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के अंतर्गत 01 लाख 73 हजार से अधिक लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना अंतर्गत 17.147 लाभार्थी लाभान्वित हो चुके हैं तथा रोजगार के 01 लाख 37 हजार से अधिक अवसरों का सृजन हुआ है ।

कौशल विकास के माध्यम से 4.88 लाख को मिली जॉब : उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा विगत 06 वर्षों में 12 लाख 50 हजार से अधिक युवाओं को विभिन्न प्रकार के अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों में पंजीकृत किया गया है। प्रमाणीकृत हुये युवाओं में से 4.88 लाख को विभिन्न प्रतिष्ठित कम्पनियों में सेवायोजित कराया गया है।प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अन्तर्गत अब तक 17,559 इकाइयां स्थापित करते हुए 01 लाख 96 हजार से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये गये। मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के अन्तर्गत अब तक 4837 इकाइयां स्थापित करते हुए 88.808 लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये गये ।

हजारों युवाओं को हो रहा लाभ : वित्तीय वर्ष 2023-2024 में वस्त्रोद्योग के क्षेत्र में 40,000 रोजगार सृजन का लक्ष्य है। अप्रेन्टिसशिप के माध्यम से युवाओं को उद्योगों में भत्ते के साथ प्रशिक्षण प्रदान किये जाने के क्रम में मुख्य मंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत 31 हजार युवाओं को प्रशिक्षण करने का लक्ष्य रखा गया है।

पर्यटन में 20 हजार नौकरियों का लक्ष्य : नई उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति-2022 के अंतर्गत अगले 05 वर्षों में 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश एवं 20 हजार रोजगार सृजन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पुलिस विभाग के विभिन्न पदों पर 1,53,728 अभ्यर्थियों को चयनित किया जा चुका है। माध्यमिक शिक्षा विभाग में प्रदेश सरकार द्वारा अब तक राजकीय विद्यालयों में 6,314 सहायक अध्यापक 1,890 प्रवक्ता एवं 80 प्रधानाचार्यों का चयन किया गया है। सहायता प्राप्त विद्यालयों में 25,249 सहायक अध्यापक 5,226 प्रवक्ता एवं 849 प्रधानाचार्यों का पारदर्शी प्रक्रिया अपनाते हुए चयन कर नियुक्त किया गया।

खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के लिए 30 करोड़ के बजट को मंजूरी : योगी सरकार ने इसी वर्ष होने वाले खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के लिए 30 करोड़ के बजट को मंजूरी दे दी है। बुधवार को यूपी विधानसभा में पेश किए गए बजट 2023-24 में इन गेम्स की मेजबानी पर 30 करोड़ के खर्च को स्वीकृति प्रदान करते हुए इसका उल्लेख किया गया। इसके अलावा, बजट में प्रदेश के अंदर खेलों के इंफ्रास्ट्रक्चर और विभिन्न खेलों में विजयी होने वाले खिलाड़ियों की पुरस्कार राशि को भी मंजूरी दी गई है।

चार शहरों में होने हैं ये गेम्स : उत्तर प्रदेश सरकार चार शहरों में 2023-2024 में खेलो इंडिया नेशनल यूनिवर्सिटी गेम्स की मेजबानी करेगी। खेलो इंडिया नेशनल यूनिवर्सिटी गेम्स लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी और नोएडा सहित उत्तर प्रदेश के चार शहरों में आयोजित किए जाएंगे। इसके लिए 30 करोड़ के बजट का प्रताव रखा गया है। यूपी पहली बार इन खेलों की मेजबानी कर रहा है। इसमें बास्केटबॉल, जूडो, कबड्डी, रोइग, कुश्ती, बॉक्सिंग सहित 20 खेल प्रतियोगिताओं में पूरे देश से करीब 150 विश्वविद्यालयों के लगभग 4500 खिलाड़ी हिस्सा लेंगे.

निजी भागीदारी से सुधरेगा खेलों का इंफ्रास्ट्रक्चर : दूसरी तरफ बजट में खेलों के इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी विशेष फोकस रखा गया है। प्रदेश में निजी सहभागिता से खेल अवस्थापनाओं के निर्माण हेतु 50 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है। इससे विभिन्न खेलों के इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हो सकेगा और युवा खिलाड़ियों को खेल के मैदान समेत तमाम तरह की सुविधाओं का लाभ मिलेगा।

विजेताओं पर 15 करोड़ खर्च करेगी सरकार : योगी सरकार ने राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार योजना हेतु 15 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित की है। प्रदेश में पहली बार खेल उपकरण समर्थन, विदेशी प्रदर्शन यात्रायें विदेशी प्रशिक्षण शिविर, फिजियोलाजिस्ट, मनोवैज्ञानिक और विदेशी कोचों जैसे विशेष कर्मचारियों की नियुक्ति तथा होनहार खिलाड़ियों की सहायता के लिए उ० प्र० खेल विकास कोष की स्थापना की गयी है, जिसके अन्तर्गत वित्तीय 2023-24 में ₹ 25 करोड़ की बजटीय व्यवस्था की गयी है। वहीं एकलव्य कीड़ा कोष हेतु ₹25 करोड़ की बजटीय व्यवस्था की गयी है।

स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के लिए 300 करोड़ : जनपद मेरठ में मेजर ध्यान चन्द्र खेल विश्वविद्यालय की स्थापना किये जाने के संबंध में त्वरित गति से कार्यवाही की जा रही है। खेल विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 300 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है। योगी सरकार की मंशा जल्द से जल्द इसे पूरा करने की है। यह प्रदेश की पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी होगी। वहीं, सहारन फतेहपुर एवं बलिया में स्पोर्टस कालेज के निर्माण हेतु 20 करोड़ 50 लाख रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है।

बजट में खेलों के विकास को ये भी मिला

  • मण्डलीय मुख्यालयों में आवासीय कीड़ा छात्रावास के निर्माण हेतु पिछले वित्तीय वर्ष में आंवटित धनराशि ₹5 करोड़ की तुलना में वित्तीय वर्ष 2023-24 में ₹2038.71 लाख की
  • बजटीय व्यवस्था की गयी है।
  • प्रदेश में खेल अवस्थापनाओं के विकास एवं उन्नयन / नव निर्माण हेतु ₹11671.98 लाख की बजटीय व्यवस्था की गयी है. जिसके अन्तर्गत प्रदेश में खेल अवस्थापनाओं का विकास कराया जायेगा।
  • जनपद अयोध्या में अन्तर्राष्ट्रीय कीडा संकुल के निर्माण हेतु ₹25 करोड़ की बजटीय व्यवस्था की गयी है।
  • निजी सहभागिता से खेल अकादमियों को विकसित किये जाने हेतु भूमि क्रय हेतु ₹40 करोड़ की बजटीय व्यवस्था की गयी है।
  • गुरु गोविन्द सिंह स्पोर्टस कालेज, लखनऊ में वेलोड्रोम के निर्माण हेतु ₹25 करोड़ की बजटीय व्यवस्था की गयी है।
  • जनपद बलिया में स्पोर्टस कालेज के निर्माण हेतु ₹ 10 करोड़ की बजटीय व्यवस्था की गयी है।
  • खेल एवं खेल से सम्बन्धित कार्यकलापों को बढ़ावा देने के लिये ₹ 20 करोड़ की बजटीय व्यवस्था