इटावा जेल में आग लगने से लाखों के उपकरण स्वाहा
देर रात प्रशासनिक भवन के जेलर कार्यालय में लगी जबरदस्त आग फायर ब्रिगेड और जेलकर्मियों ने मशक्कत के बाद आग पर पाया काबू
लखनऊ। बीती रात इटावा जिला जेल के प्रशासनिक भवन में आग लग गई। शार्ट सर्किट से लगी आग पर जेलकर्मियों और फायर ब्रिगेड ने लंबी मशक्कत के बाद पर काबू पाया। आग से जेलर कार्यालय में लगे लाखों रुपए के आधुनिक उपकरण और महत्वपूर्ण दस्तावेज जलकर राख हो गए। इस अग्निकांड में करीब दस से बारह लाख रुपए का नुकसान होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक बाती रात करीब एक बजे इटावा जेल के जेलर के कार्यालय में शार्ट सर्किट से आग लग गई। जेलर के कमरे से धुआं निकलते देख जेल मुख्य गेट पर तैनात गेट कीपर ने इसकी सूचना आला अफसरों और मातहतों को दी। अफसरों ने आग की सूचना फायर ब्रिगेड को दी। फायर ब्रिगेड के आने से पहले जेलकर्मियों ने आग को बुझाने का प्रयास किया। फायर ब्रिगेड और जेल प्रशासन ने काफी प्रयास के बाद आग पर काबू पाया।
आग लगने के कारणों की कराई जाएगी जांच: प्रभारी डीआईजी
इटावा जेल के प्रशासनिक भवन में लगी आग की सूचना मिलने पर कानपुर जेल परिक्षेत्र के प्रभारी डीआईजी पीएन पांडे ने मौके का मुआयना किया। इस संबंध में जब प्रभारी डीआईजी से बातचीत की गई तो उन्होंने आग में एसी, कंप्यूटर समेत दस्तावेज जलने के बात स्वीकार करते हुए बताया कि आग से हुए नुकसान का आंकलन कराया जा रहा है। आग लगने के कारणों के संबंध उन्होंने कहा कि इसकी जांच कराई जा रही है।
सूत्रों का कहना है इस अग्निकांड में जेलर कार्यालय में लगे एसी, कंप्यूटर के साथ अन्य कई उपकरण जलकर राख हो गए। इसके साथ ही कार्यालय में रखे हुए महत्वपूर्ण दस्तावेज भी आग की भेंट चढ़ गए। इस अग्निकांड दस्तावेजों के अलावा 10 से 12 लाख रुपए के उपकरण जलकर राख होने का अनुमान है। यह आग जेल अधिकारियों के उपकरणों के मेंटीनेंस में लापरवाही की वजह से लगी। ऐसा तब हुआ जब जेल को मेंटीनेंस के लिए मोटी रकम दी जाती है। उधर इस संबंध में जब इटावा जिला जेल के अधीक्षक कुलदीप सिंह भदौरिया से बात की गई तो उन्होंने मामूली आग लगने की बात कहते हुए बताया कि समय रहते आग पर काबू पा लिया गया था।