यूपी के शामली में रेप के आरोपी को महज चार महीने में मिली सजा, पांच साल की बच्ची के साथ की थी दरिंदगी
यूपी के शामली में पांच साल की बच्ची से दुष्कर्म के मामले में अदालत ने आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई है l खासबात ये है कि कोर्ट ने महज चार महीने के भीतर इस मामले में सुनवाई की है.
उत्तर प्रदेश के शामली (v) में एक बच्ची के साथ रेप के मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (विशेष पॉक्सो कोर्ट) मुमताज अली ने आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई है. खासबात ये है कोर्ट ने महज चार महीने में इस मामले की सुनवाई की और आरोपी को सजा सुनाई. शामली जिले के कैराना में चार माह पहले रामपुर मनिहारान रेलवे प्लेटफार्म पर पांच साल की मूक-बधिर मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म करने का दोषी पाए जाने पर आरोपी को आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया l कोर्ट ने आदेश दिया है कि जुर्माने की आधी राशि पीड़िता को दी जाएगी.
इस मामले में विशेष लोक अभियोजन पॉक्सो पुष्पेंद्र मलिक ने बताया कि 15 जून को साबिर ने रामपुर मनिहारान रेलवे प्लेटफार्म पर एक मूक-बधिर महिला की पांच वर्षीय मूक-बधिर महिला के साथ रेप किया और इसके बाद आरोपी वहां से भाग गया. रेलवे प्लेटफार्म पर चाय की दुकान मालिक की शिकायत पर शामली जीआरपी थाने ने रेप की धारा के तहत इस मामले में रिपोर्ट दर्ज की. बाद में रेलवे पुलिस ने आरोपी साबिर को गिरफ्तार कर लिया और कोर्ट में पेश किया. इसके बाद कोर्ट ने शनिवार को उसकी सजा सुनाई. हालांकि आरोपी ने अपने अपराध को नहीं माना है और उसके वकील ने कोर्ट में इसको लेकर जिरह भी की.
घटना के छह दिन में पुलिस ने दाखिल की थी चार्जशीट : इस घटना के छह छह दिन बाद ही रेलवे पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. इस मामले के विशेष लोक अभियोजन पॉक्सो ओमप्रकाश कौशिक ने बताया कि अभियोजन पक्ष की ओर से नौ गवाह पेश किए गए थे और कोर्ट ने सभी गवाहों को सुना और सबूतों को देखा. वहीं शनिवार को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और पत्रावलियों को देखने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (विशेष पॉक्सो कोर्ट) मुमताज अली सजा सुनाई.
इस मामले में आरोपी साबिर को दुराचार की धारा 376 में आजीवन कारावास और 5/6 पॉक्सो में भी आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई. कोर्ट के आदेश के मुताबिक दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी. इसके साथ ही कोर्ट ने जो 50 हजार का अर्थदंड आरोपी पर लगाया है. उसका आधा हिस्सा पीड़िता को दिया जाएगा.