15 साल बाद राजधानी के आशियाना कथा मैदान में लगा सर्कस : दर्शकों को आकर्षित कर रहा जैमिनी सर्कस
डेढ़ फिट का 50 साल का जोकर, आस्ट्रेलियन तोते, लड़कियों के करतब बने आकर्षण का केंद्र l मार्गेन के करतब के अलावा जैमिनी सर्कस में हवाई झूले, साईकल बैलेंसिंग, ऑस्ट्रेलियन तोते, मोटर साईकिल बैलेंसिंग जैसे कई आकर्षक करतबों का समागम है।
लखनऊ : जीना यहाँ मरना यहा, इसके सिवा जाना कहा इस फिल्मी गीत को राजधानी के कथा मैदान में चल रहे जैमिनी सर्कस में दर्शकों को हँसा हँसा कर लोटपोट कर देने वाले डेढ़ फिट के जोकर मार्गेन ने चरितार्थ कर दिया है। मार्गेन के करतब के अलावा जैमिनी सर्कस में हवाई झूले, साईकल बैलेंसिंग, ऑस्ट्रेलियन तोते, मोटर साईकिल बैलेंसिंग जैसे कई आकर्षक करतबों का समागम है।
सर्कस के प्रोपराइटर राजू पहलवान बताते है कि मार्गेन नाम का यह जोकर शो में जब दर्शकों को हँसा रहा था इसी दौरान इसके पिता की मौत हो गयी थी। पिता के अंतिम संस्कार में जाने के बजाए इसने अपने काम को बखूबी निभाया। उन्होंने बताया कि मार्गेन जेमिनी सर्कस शुरू होने के समय से ही जुड़ा हुआ है। आज इसकी उम्र करीब 50 साल हो गयी है। डेढ़ फिट के मार्गेन को दर्शकों को हंसाने की महारत हासिल है।
दशहरा पर्व से शुरू हुए जैमिनी सर्कस में जोकर मार्गेन के अलावा भी कई आकर्षक कलाकार है जिनके करतब देखकर दर्शक अपनी तालियां रोक नही पाते है। सर्कस के आयोजक अरुण गोयल ने बताया कि हवाई झूले (जगलिंग) से करतबों का शुभारंभ होता है। इसमें 15 से 20 कलाकार हवा में करतब दिखाकर लोगो को चौकानें को विवश करते है।
इसके अलावा तीन से चार कलाकार गोले के अंदर मोटरसायकिल पर अपनी कला का प्रदर्शन कर लोगो की तालियां बटोरते है। सर्कस में लड़कियां के एक पहिये पर साईकल चलाना, आस्ट्रेलियन तोते व पामेरियन कुत्ते भी सर्कस में आकर्षण का केंद्र बने हुए है। सर्कस के दिन में प्रतिदिन तीन शो होते है। पहला शो दोपहर एक बजे से अंतिम शो शाम सात बजे शुरू होता है।
राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
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