उ.प्र.एमएलसी इलेक्शन 2024: 4 मार्च से होगा नामांकन, 13 एमएलसी सीटों पर चुनाव का एलान,इस दिन होगी वोटिंग

उ.प्र. एमएलसी इलेक्शन : यूपी विधानसभा परिषद की 13 सीटों के लिए चुनाव का एलान हो गया है। 13 सीटों के लिए 21 मार्च को वोटिंग होगी और उसी दिन परिणाम भी आएंगे।

उ.प्र.एमएलसी इलेक्शन 2024:  4 मार्च से होगा नामांकन, 13 एमएलसी सीटों पर चुनाव का एलान,इस दिन होगी वोटिंग
उ.प्र. विधान परिषद चुनाव 2024

उ.प्र. विधान परिषद चुनाव 2024: उत्तर प्रदेश में एक ओर जहां राज्यसभा चुनाव के लिए जोड़ तोड़ और रणनीतियों का बनना बिगड़ना जारी है। इस बीच विधान परिषद की 13 सीटों के लिए चुनाव की तारीखों का एलान हो गया है। बताया गया कि इसके लिए 4 मार्च को अधिसूचना जारी होगी और 11 मार्च को नामांकन का अंतिम दिन होगा। नामांकन पत्रों की जांच 12 मार्च को होगी,  और  नाम वापसी 14 मार्च तक हो सकेगी।

बता दें 13 सीटों के लिए वोटिंग 21 मार्च के लिए होगी और वोटो की गिनती भी उसी दिन होगी। दीगर है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी एमएलसी सीट छोड़ दी है, उस पर भी अधिसूचना 20 फरवरी से जारी है, उस सीट पर कभी भी चुनाव हो सकता है।

ये हैं यूपी के 13 एमएलसी सदस्य जिनकी सीट हो रही है खाली

यशवंत सिंह (भाजपा) 

विजय बहादुर पाठक (भाजपा)

विद्यासागर सोनकर (भाजपा)

डॉक्टर सरोजनी अग्रवाल (भाजपा) 

नरेश चंद्र उत्तम (सपा) 

भीमराव अंबेडकर (बसपा) 

आशीष पटेल (अपना दल एस) 

अशोक कटारिया (भाजपा) 

अशोक धवन (भाजपा)

बुक्कल नवाब (भाजपा)

महेंद्र कुमार सिंह (भाजपा) 

मोहसिन रजा (भाजपा)

निर्मला पासवान (भाजपा)

इन 13 सीटों पर होने वाले चुनाव में बीजेपी अपने सहयोगियों के साथ 10 सदस्य को विधान परिषद में पहुंचाने का काम करेगी। वहीं तीन सदस्य समाजवादी पार्टी के सदन में पहुंचेंगे। बीएसपी दशकों बाद विधानपरिषद में शून्य होने जा रही है, कांग्रेस पहले ही विधान परिषद में शून्य हो चुकी है। एमएलसी चुनाव में एक प्रत्याशी को जीतने के लिए 33 विधानसभा सदस्यों की आवश्यकता होगी। इस आंकड़े के अनुसार बीजेपी और उसके सहयोगी दल 10 सदस्य जिता ले जाएंगे। उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की 13 सीटों पर 21 मार्च को वोट डाले जाएंगे। 5 मई को जिन सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है उनमें बसपा के एकमात्र विधान परिषद सदस्य भीमराव अंबेडकर की सीट भी है।

कांग्रेस की तरह विधान परिषद में अब बसपा भी हो जाएगी शून्य

जाहिर है कि बसपा के पास अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए पर्याप्त संख्या बल नहीं है। केवल एक विधायक विधानसभा में है। ऐसे में बसपा का कोई भी सदस्य विधान परिषद नहीं पहुंच पाएगा। इस सीट पर भी बीजेपी आसानी से अपने उम्मीदवार को जीत दिला लेगी. जाहिर है इस चुनाव में बसपा का उम्मीदवार जीतना बेहद मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में कांग्रेस की ही तरह बीएसपी भी विधान परिषद में शून्य हो जाएगी।

एमएलसी चुनाव में सपा और भाजपा के 13 ही उम्मीदवार अगर मैदान उतरते हैं तब चुनाव की उम्मीद नहीं रहेगी। लेकिन 14 उम्मीदवार अगर मैदान में उतरे तो राज्यसभा की ही तरह 14वें सीट पर चुनाव की नौबत आ जाएगी। यूपी विधान परिषद में इस समय 100 एमएलसी हैं। जिसमें 38 सदस्यों का चुनाव यूपी विधानसभा के एमएलए द्वारा किया जाता है। वहीं 36 सदस्य स्थानीय अधिकारियों द्वारा चुने जाते हैं, इसके साथ ही 8 सदस्य स्नातकों द्वारा चुने जाते हैं। वहीं 8 सदस्य शिक्षकों द्वारा चुने जाते हैं और 10 सदस्यों को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल द्वारा नामित किया जाता है।