स्कूल में ढाई साल की मासूम से दुष्कर्म करने वाले शिक्षक को उम्रकैद, स्कूल प्रबंधन पर भी कार्रवाई

घटना के दिन स्कूल से घर आने पर उनकी बच्ची ने पेशाब के रास्ते में जलन और दर्द की शिकायत बताई थी। वह उसे लेकर स्कूल गई और प्रधानाचार्य को घटना बताई। इस पर एकमात्र पुरुष शिक्षक पवन गुप्ता और अन्य स्टाफ को बुलाया गया।

स्कूल में ढाई साल की मासूम से दुष्कर्म करने वाले शिक्षक को उम्रकैद, स्कूल प्रबंधन पर भी कार्रवाई
स्कूल में बच्ची से रेप के आरोप में शिक्षक को आजीवन कारावास

लखनऊ : ढाई साल की मासूम से दुराचार करने वाले आशियाना के एक प्ले स्कूल के म्यूजिक टीचर पवन गुप्ता को पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश अरविंद मिश्र ने आजीवन कारावास व 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। इसकी रकम पीड़िता के नाम से एफडी करवाने और बालिग होने पर उसे देने का आदेश भी दिया।

दुराचार की यह घटना पांच जुलाई 2017 को स्कूल में ही हुई थी। कोर्ट ने कहा कि जब बच्ची की मां (वादिनी) ने प्रिंसिपल अन्नपूर्णा सक्सेना से मामले में कार्रवाई के लिए कहा तो उन्होंने व प्रबंधन ने स्कूल की बदनामी के डर से आनाकानी करते हुए माफ  कर देने की बात कही। अदालत ने कहा कि इतना गंभीर मामला दबाने की कोशिश पर स्कूल प्रबंधन, तत्कालीन प्रधानाचार्य पर पॉक्सो एक्ट व अन्य प्रावधानों के तहत कार्रवाई के लिए आदेश की प्रति अभियोजन के एडीजी और कमिश्नर को भेजी जाए।

वहीं, लापरवाही पर विवेचक राजकरन शर्मा के खिलाफ कार्रवाई की जाए। अदालत ने कहा, उसे घटना वाले दिन की सीसीटीवी फुटेज को विवेचना में शामिल करना चाहिए था। वहीं, विवेचक ने बताया था कि वादिनी की निशानदेही पर घटनास्थल का नक्शा बनाया है, जबकि बच्ची की मां ने बयान में स्पष्ट कहा कि वह उसके साथ स्कूल नहीं गई थी। प्रधानाचार्य ने भी बताया था कि उसने किसी को स्कूल में नहीं जाने दिया था तो विवेचक ने घटना के दिन कैसे नक्शा बना लिया।

असुरक्षा, डर का कारण बनती है ऐसी घटना : कोर्ट ने सजा कम करने से इनकार करते हुए कहा कि पवन गुप्ता दो वर्ष चार माह 10 दिन की अबोध बच्ची का शिक्षक था। वह इतनी छोटी थी कि यह तक नहीं समझ सकती थी कि उसके साथ क्या हो रहा है। इसी वजह से उसने मां के पूछने पर दर्द और जलन की बात बताई। ऐसी घटना को समाज के लिए असुरक्षा, डर का कारण बताते हुए अदालत ने कहा कि आरोपी के कृत्य से शिक्षक व विद्यार्थी के पवित्र रिश्ते को क्षति पहुंची है। ऐसी घटनाओं से मां-बाप बच्चों को स्कूल भेजने में भी असुरक्षित महसूस करते हैं और उन्हें खुलकर खेलने-कूदने भी नहीं दे पाते, जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास तो बाधित होता ही है, वे अपना बचपन भी खो देते हैं।
इससे पहले सरकारी वकील अभिषेक उपाध्याय और सुखेन्द्र प्रताप सिंह ने कोर्ट में बताया कि वादिनी ने आशियाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि घटना के दिन स्कूल से घर आने पर उनकी बच्ची ने पेशाब के रास्ते में जलन और दर्द की शिकायत बताई थी। वह उसे लेकर स्कूल गई और प्रधानाचार्य को घटना बताई। इस पर एकमात्र पुरुष शिक्षक पवन गुप्ता और अन्य स्टाफ  को बुलाया गया। बच्ची ने दुराचार करने वाले टीचर को पहचान लिया। उसने कोर्ट में भी आरोपी को पहचाना और अपने साथ हुई घटना को बताया।